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चिकित्सा विभाग का कारनामा : बच्ची का जन्म ही नहीं, फिर भी कागजों में डिलीवरी, टीकाकरण और मृत्यु की तारीख भी, ANM पर लगे आरोप - showing online Fake delivery - SHOWING ONLINE FAKE DELIVERY

दौसा जिले में चिकित्सा विभाग का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. पीलोड़ी गांव की दंपती ने एक एएनएम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने टारगेट पूरा करने के लिए कागजों में महिला को गर्भवती बता कर एक बच्ची का जन्म भी दर्शा दिया, और जब विरोध हुआ तो उसने बच्ची को मृत भी घोषित कर दिया.

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बच्ची का जन्म ही नहीं, फिर भी कागजों में डिलीवरी, टीकाकरण और मृत्यु (फोटो : ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 25, 2024, 2:24 PM IST

बच्ची का जन्म ही नहीं, फिर भी कागजों में डिलीवरी, टीकाकरण और मृत्यु (वीडियो : ईटीवी भारत)

दौसा. जिले में इन दिनों चिकित्सा विभाग की लापरवाही से एक ऑनलाइन शिशु का जन्म हो गया. इतना ही नहीं, इस ऑनलाइन पैदा हुई बच्ची का चिकित्सा विभाग ने टीकाकरण भी किया गया है, और इसके बाद अपनी खामियों को छुपाने के लिए विभाग ने महज 6 माह बाद ऑनलाइन पैदा हुई बच्ची को कागजों में मृत घोषित भी कर दिया. ऐसे में लोग अब चिकित्सा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस मामले में ब्लॉक सीएमएचओ डॉक्टर भोलाराम गुर्जर का कहना है कि मामले की जांच करवाएंगे. दोषी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. यह हैरान कर देने वाला मामला दौसा जिले के सिकराय उपखंड में स्थित पीलोड़ी गांव का है.

दरअसल, पीलोड़ी गांव में एक महिला ने 3 जनवरी 2018 को एक लड़के को जन्म दिया था. इसके बाद महिला आजतक कभी गर्भवती नहीं हुई, लेकिन सिकराय में विभाग की एक एएनएम ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए महिला के 14 जुलाई 2023 को कागजों में एक बच्ची का जन्म होना दर्शा दिया. महिला प्रियंका मीना का पति कमल मीना सरकारी कर्मचारी है. ऐसे में पीड़िता के पति कमल मीना का कहना है कि ऑनलाइन बच्ची का जन्म दर्शाने से उन्हें सरकारी सेवा में परेशानी आ सकती है. ऐसे में अब पीड़ित परिवार ने इसकी लिखित में विभागीय अधिकारियों से शिकायत की है, जिसमें उन्होंने पीसीटीएस सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन जन्मी बच्ची की एंट्री डिलीट करने की मांग की है. जिसके चलते ऑनलाइन बच्ची का जन्म चिकित्सा विभाग के लिए कोड़ में खाज बनता नजर आ रहा है.

पीड़िता ने एएनएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की : वहीं इस मामले में पीड़िता महिला प्रियंका मीना ने कहा कि एएनएम हेमलता वर्मा ने अपना टारगेट बढ़ाने के लिए 23 दिसंबर 2022 को चिकित्सा विभाग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पीसीटीएस में मुझे गर्भवती बता दिया. वहीं ऑनलाइन ही 6 माह 22 दिन बाद 14 जुलाई 2023 को महिला की डिलीवरी बता कर एएनएम ने 3 केजी वजनी बच्ची का जन्म दर्शा दिया.

ऑनलाइन टीकाकरण भी दर्शाया : उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं एएनएम हेमलता वर्मा ने अपनी खामियों पर पर्दा डालने के लिए ऑनलाइन जन्मी बच्ची का ऑनलाइन टीकाकरण भी शुरू कर दिया. इस दौरान जिस बच्ची ने जन्म ही नहीं लिया, उसके 14 जुलाई 2023 से 12 अक्टूबर 2023 तक BCG से PANTA-2 तक टीकाकरण भी करवा दिया.

इसे भी पढ़ें- चिकित्सा विभाग ने कहा हीट वेव से हुई 2 मौत, जबकि आपदा प्रबंधन विभाग ने 6 मौतों का किया दावा - Heat wave related deaths

6 बाद बच्ची की मृत्यु होना बताया : ऐसे में चिकित्सा विभाग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर जन्म लेने वाली बच्ची के मामले में रोचक मोड़ तब आया जब एएनएम हेमलता वर्मा ने उसे मृत घोषित भी कर दिया. ईटीवी भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि एएनएम हेमलता वर्मा ने जन्म के 6 माह 4 दिन बाद ही ऑनलाइन जन्मी बच्ची को मृत घोषित कर दिया. वहीं परिजन इस पूरे मामले से अनभिज्ञ थे. लेकिन गत दिनों ही ये पूरा मामला उनकी जानकारी में आया है. इसके बाद उन्होंने चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करवाया है.

एएनएम ने कही ये बात : वहीं इस मामले में एएनएम हेमलता वर्मा का कहना है कि मामला जानकारी में आने के बाद मैंने अपने रजिस्टर की जांच की है. उसमें कहीं भी महिला का नाम अंकित नहीं है. ऐसे में इस मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है. साथ ही ब्लॉक सीएमएचओ भोलाराम गुर्जर ने बताया कि महिला के गर्भवती होने के बारे में एएनएम हेमलता वर्मा और आशा सहयोगिनी सुशीला शर्मा द्वारा डेटा अंकित किया गया है. ऐसे में मामले की जांच करवाएंगे, और जो भी मामले में दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बच्ची का जन्म ही नहीं, फिर भी कागजों में डिलीवरी, टीकाकरण और मृत्यु (वीडियो : ईटीवी भारत)

दौसा. जिले में इन दिनों चिकित्सा विभाग की लापरवाही से एक ऑनलाइन शिशु का जन्म हो गया. इतना ही नहीं, इस ऑनलाइन पैदा हुई बच्ची का चिकित्सा विभाग ने टीकाकरण भी किया गया है, और इसके बाद अपनी खामियों को छुपाने के लिए विभाग ने महज 6 माह बाद ऑनलाइन पैदा हुई बच्ची को कागजों में मृत घोषित भी कर दिया. ऐसे में लोग अब चिकित्सा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस मामले में ब्लॉक सीएमएचओ डॉक्टर भोलाराम गुर्जर का कहना है कि मामले की जांच करवाएंगे. दोषी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. यह हैरान कर देने वाला मामला दौसा जिले के सिकराय उपखंड में स्थित पीलोड़ी गांव का है.

दरअसल, पीलोड़ी गांव में एक महिला ने 3 जनवरी 2018 को एक लड़के को जन्म दिया था. इसके बाद महिला आजतक कभी गर्भवती नहीं हुई, लेकिन सिकराय में विभाग की एक एएनएम ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए महिला के 14 जुलाई 2023 को कागजों में एक बच्ची का जन्म होना दर्शा दिया. महिला प्रियंका मीना का पति कमल मीना सरकारी कर्मचारी है. ऐसे में पीड़िता के पति कमल मीना का कहना है कि ऑनलाइन बच्ची का जन्म दर्शाने से उन्हें सरकारी सेवा में परेशानी आ सकती है. ऐसे में अब पीड़ित परिवार ने इसकी लिखित में विभागीय अधिकारियों से शिकायत की है, जिसमें उन्होंने पीसीटीएस सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन जन्मी बच्ची की एंट्री डिलीट करने की मांग की है. जिसके चलते ऑनलाइन बच्ची का जन्म चिकित्सा विभाग के लिए कोड़ में खाज बनता नजर आ रहा है.

पीड़िता ने एएनएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की : वहीं इस मामले में पीड़िता महिला प्रियंका मीना ने कहा कि एएनएम हेमलता वर्मा ने अपना टारगेट बढ़ाने के लिए 23 दिसंबर 2022 को चिकित्सा विभाग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पीसीटीएस में मुझे गर्भवती बता दिया. वहीं ऑनलाइन ही 6 माह 22 दिन बाद 14 जुलाई 2023 को महिला की डिलीवरी बता कर एएनएम ने 3 केजी वजनी बच्ची का जन्म दर्शा दिया.

ऑनलाइन टीकाकरण भी दर्शाया : उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं एएनएम हेमलता वर्मा ने अपनी खामियों पर पर्दा डालने के लिए ऑनलाइन जन्मी बच्ची का ऑनलाइन टीकाकरण भी शुरू कर दिया. इस दौरान जिस बच्ची ने जन्म ही नहीं लिया, उसके 14 जुलाई 2023 से 12 अक्टूबर 2023 तक BCG से PANTA-2 तक टीकाकरण भी करवा दिया.

इसे भी पढ़ें- चिकित्सा विभाग ने कहा हीट वेव से हुई 2 मौत, जबकि आपदा प्रबंधन विभाग ने 6 मौतों का किया दावा - Heat wave related deaths

6 बाद बच्ची की मृत्यु होना बताया : ऐसे में चिकित्सा विभाग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर जन्म लेने वाली बच्ची के मामले में रोचक मोड़ तब आया जब एएनएम हेमलता वर्मा ने उसे मृत घोषित भी कर दिया. ईटीवी भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि एएनएम हेमलता वर्मा ने जन्म के 6 माह 4 दिन बाद ही ऑनलाइन जन्मी बच्ची को मृत घोषित कर दिया. वहीं परिजन इस पूरे मामले से अनभिज्ञ थे. लेकिन गत दिनों ही ये पूरा मामला उनकी जानकारी में आया है. इसके बाद उन्होंने चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करवाया है.

एएनएम ने कही ये बात : वहीं इस मामले में एएनएम हेमलता वर्मा का कहना है कि मामला जानकारी में आने के बाद मैंने अपने रजिस्टर की जांच की है. उसमें कहीं भी महिला का नाम अंकित नहीं है. ऐसे में इस मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है. साथ ही ब्लॉक सीएमएचओ भोलाराम गुर्जर ने बताया कि महिला के गर्भवती होने के बारे में एएनएम हेमलता वर्मा और आशा सहयोगिनी सुशीला शर्मा द्वारा डेटा अंकित किया गया है. ऐसे में मामले की जांच करवाएंगे, और जो भी मामले में दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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