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Rajasthan: सीकर सीवर टैंक हादसा : तीनों मृतकों के परिजनों को 31-31 लाख का मुआवजा - SIKAR SEWAGE TANK ACCIDENT

सीकर सीवर टैंक हादसे के मृतकों को 31-31 लाख का मुआवजा. दूसरी मांगों पर भी बनी सहमति.

SIKAR SEWAGE TANK ACCIDENT
सीकर सीवर टैंक हादसा (ETV BHARAT SIKAR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 23, 2024, 7:15 AM IST

सीकर : जिले के फतेहपुर शेखावाटी में सीवरेज में सफाई के दौरान हादसे में तीन श्रमिकों की मौत हो गई थी. इस हादसे के विरोध में प्रदर्शन व आंदोलन का दौर शुरू हुआ, लेकिन एडीएम रतन स्वामी के नेतृत्व में प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच तीन दौर की वार्ता के बाद मंगलवार रात करीब 12 बजे समझौता हुआ. एडीएम रतन स्वामी ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजन को खाते में तुरंत 10-10 लाख की मुआवजा राशि जमा कराने के साथ ही आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद 20-20 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी. तीनों के परिजनों को 1-1 लाख रुपए दाह संस्कार के लिए भी दिए गए. नियमानुसार सरकारी सभी सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा.

सफाई कर्मचारियों के आगामी भर्ती में तीनों मृतकों के परिजनों सहित पूर्व में हुई दो घटनाओं के मृतकों के परिजनों को प्राथमिकता दी जाएगी. कंपनी की ओर से सभी कर्मचारियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण दिए जाएंगे. कंपनी मृतक कर्मियों के परिजनों को वेतन की आधी पेंशन भी देगी.

एडीएम सीकर रतन लाल स्वामी (ETV BHARAT SIKAR)

इसे भी पढ़ें - बड़ा हादसा : सीवर टैंक की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की मौत, जहरीली गैस की चपेट में आए

सुप्रीम कोर्ट व सरकार की रोक के बाद भी राजस्थान के विभिन्न नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारियों को सीवर चैंबर में उतारा जा रहा है. प्रदेश में बीते आठ सालों में सीवर लाइन की जहरीली गैस की चपेट में आने से 18 मजदूरों की मौत हो चुकी है. बावजूद इसके सरकार और प्रशासन ने नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सफाईकर्मी को सीवरेज सफाई के लिए चैंबर में नहीं उतारने के निर्देश दिए थे. साथ ही ये काम मशीनों के जरिए सफाई करवाने के लिए पाबंद किया था. उसके बावजूद प्रदेश की छोटी नगर पालिकाओं में सीवर जेट जैसे वाहन नहीं हैं. संसाधनों के अभाव में अक्सर निगम प्रशासन मजदूरों को बिना संसाधन सीवर चैंबर में उतार देता है. ऐसे में हादसों नहीं रुक पा रहे हैं.

फतेहपुर में सीवरेज लाइन की नियमित सफाई का काम चलता रहता है. सफाई के लिए सीवर जेट मशीन भी भेजी जाती है. लेकिन इस मशीन को चैंबर से गंदा पानी बाहर निकालने के काम लिया जाता है. नाले की सफाई या कचरा निकालने के लिए मजदूरों को उतारा जाता है.

दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो : मामले को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने अपने एक्स पर लिखा कि तीन सफाई कर्मियों की मृत्यु पीड़ादायक है. परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. सरकार जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें और मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दें.

सीकर : जिले के फतेहपुर शेखावाटी में सीवरेज में सफाई के दौरान हादसे में तीन श्रमिकों की मौत हो गई थी. इस हादसे के विरोध में प्रदर्शन व आंदोलन का दौर शुरू हुआ, लेकिन एडीएम रतन स्वामी के नेतृत्व में प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच तीन दौर की वार्ता के बाद मंगलवार रात करीब 12 बजे समझौता हुआ. एडीएम रतन स्वामी ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजन को खाते में तुरंत 10-10 लाख की मुआवजा राशि जमा कराने के साथ ही आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद 20-20 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी. तीनों के परिजनों को 1-1 लाख रुपए दाह संस्कार के लिए भी दिए गए. नियमानुसार सरकारी सभी सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा.

सफाई कर्मचारियों के आगामी भर्ती में तीनों मृतकों के परिजनों सहित पूर्व में हुई दो घटनाओं के मृतकों के परिजनों को प्राथमिकता दी जाएगी. कंपनी की ओर से सभी कर्मचारियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण दिए जाएंगे. कंपनी मृतक कर्मियों के परिजनों को वेतन की आधी पेंशन भी देगी.

एडीएम सीकर रतन लाल स्वामी (ETV BHARAT SIKAR)

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सुप्रीम कोर्ट व सरकार की रोक के बाद भी राजस्थान के विभिन्न नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारियों को सीवर चैंबर में उतारा जा रहा है. प्रदेश में बीते आठ सालों में सीवर लाइन की जहरीली गैस की चपेट में आने से 18 मजदूरों की मौत हो चुकी है. बावजूद इसके सरकार और प्रशासन ने नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सफाईकर्मी को सीवरेज सफाई के लिए चैंबर में नहीं उतारने के निर्देश दिए थे. साथ ही ये काम मशीनों के जरिए सफाई करवाने के लिए पाबंद किया था. उसके बावजूद प्रदेश की छोटी नगर पालिकाओं में सीवर जेट जैसे वाहन नहीं हैं. संसाधनों के अभाव में अक्सर निगम प्रशासन मजदूरों को बिना संसाधन सीवर चैंबर में उतार देता है. ऐसे में हादसों नहीं रुक पा रहे हैं.

फतेहपुर में सीवरेज लाइन की नियमित सफाई का काम चलता रहता है. सफाई के लिए सीवर जेट मशीन भी भेजी जाती है. लेकिन इस मशीन को चैंबर से गंदा पानी बाहर निकालने के काम लिया जाता है. नाले की सफाई या कचरा निकालने के लिए मजदूरों को उतारा जाता है.

दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो : मामले को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने अपने एक्स पर लिखा कि तीन सफाई कर्मियों की मृत्यु पीड़ादायक है. परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. सरकार जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें और मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दें.

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