उदयपुर. अयोध्या भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद आगामी 17 अप्रैल को पहली बार रामनवमी का उत्सव मनाया जाएगा. इसको लेकर पूरे देशभर में तैयारियां शुरू हो गई हैं. विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के साथ-साथ श्री राम भक्तों की ओर से इस उत्सव को यादगार बनाने के लिए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं. इसी श्रृंखला में एक अनूठे आयोजन के रूप में राजस्थान के नाथद्वारा में पुष्टिमार्गीय वैष्णव संप्रदाय की प्रधान पीठ व भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप वाले मंदिर श्रीनाथजी से इस बार रामनवमी पर एक लाख मठड़ी का महाप्रसाद अयोध्या भेजा जा रहा है. इस प्रसाद को अयोध्या पहुंचाने के लिए समस्त तैयारियां कर ली गई हैं.
नंदलला से रामलला तक होगी महाप्रसाद की यात्रा : रामनवमी के शुभ अवसर पर पहली बार श्रीजी प्रभु का महाप्रसाद अयोध्या में वितरित होगा. पुष्टिमार्गीय प्रधानपीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली के पीठाधीश्वर राकेश जी (इंद्रदमनजी) महाराज श्री की आज्ञा व विशाल जी (भूपेश कुमार जी) बावा श्री की प्रेरणा से श्रीजी प्रभु के नाथद्वारा पधारने के 351वर्षों के इतिहास में पहली बार रामनवमी के शुभ मौके पर श्रीजी द्वार से राम द्वार तक महाप्रसाद की यात्रा होगी. इस यात्रा शुरुआत रविवार को प्रारंभ हुई. यह यात्रा नाथद्वारा से शुरू होकर भीलवाड़ा, जयपुर, मथुरा जतीपुरा, लखनऊ के रास्ते अयोध्या धाम पहुंचेगी, जहां पर 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर प्रसाद का वितरण किया जाएगा. वहीं, रामनवमी पर नाथद्वारा में भी 11 हजार मठड़ी महाप्रसाद का वितरण होगा.
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क्या है श्रीनाथजी की मठड़ी : भगवान श्रीनाथजी को प्रसाद रूप में मठड़ी चढ़ाया जाता है. यह एक अनूठा व्यंजन है, जो देशभर में सिर्फ यही मंदिर में तैयार होता है. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि गेहूं के आटे, मसालों व शक्कर की चाशनी से तैयार की जाने वाली मठड़ी का प्रसाद लंबे समय तक खराब नहीं होता है.