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Delhi: महाकाव्य रामायण का नृत्य, संगीत, और नाटक के जरिए मंचन

-श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा आयोजित प्रसिद्ध "श्री राम" का 68वां संस्करण. -प्रभु राम के राज्याभिषेक के साथ होगा समापन.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली: रामलीलाओं का दौर भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन दिल्ली में एक ऐसा स्थान है जहां महीनेभर संपूर्ण रामलीला का मंचन होता है. मंडी हाउस स्थित श्रीराम भारतीय कला केंद्र में रोज शाम 6:30 बजे "श्री राम" नामक नृत्य, संगीत और नाटक के माध्यम से महाकाव्य रामायण का मंचन किया जाता है. इस आयोजन में भारी संख्या में दर्शक उमड़ते हैं, जो इस जीवंत और रंगीन मंचन का आनंद लेने के लिए एकत्र होते हैं.

श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा आयोजित प्रसिद्ध "श्री राम" का 68वां संस्करण 3 अक्टूबर, 2024 से प्रारंभ हुआ और यह 27 अक्टूबर तक चलेगा. इस अवधि में दर्शको को रामायण की अद्भुत कहानी, इसके पात्रों और नृत्य शैलियों की जादुई दुनिया में खो जाने का मौका मिला.

श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा आयोजित रामलीला का मंचन (ETV Bharat)

कलाकारों की मेहनत: रामलीला में पिछले 25 वर्षों से श्री राम का किरदार निभा रहे आर्टिस्ट राजकुमार शर्मा का कहना है कि दिल्ली में संपूर्ण रामलीला देखने वाले दर्शकों की संख्या अब लगातार बढ़ती जा रही है. उनके अनुसार, श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा आयोजित रामलीला का मंचन इसीलिए खास हो जाता है क्योंकि यह कई नृत्य शैलियों, जैसे कि कथक, भरतनाट्यम, और कथाकली के साथ प्रस्तुत किया जाता है. यही वजह है कि लोग इस प्रस्तुति के बाद मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और रोज हाउसफुल हो जाता है.

राजकुमार ने यह भी बताया कि मंच पर जाने से पहले उन्हें घबराहट होती है, लेकिन जैसे ही वह मंच पर कदम रखते हैं, उन्हें एक अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है. उनका यह अनुभव दर्शाता है कि कला में अपने किरदार को निभाने का जुनून कितना गहरा होता है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली: रामलीला में पहुंचे मशहूर अभिनेता अरशद वारसी और अरबाज खान, प्रभु श्रीराम का लिया आशीर्वाद

पारिवारिक समर्थन और भावनात्मक पहलू: राजकुमार का कहना है कि वह खुद को खुशकिस्मत समझते हैं कि उन्हें श्री राम भारतीय कला केंद्र में लगातार एक महीने तक श्री राम का किरदार निभाने का मौका मिलता है. उनके परिवार का पूरा समर्थन उनके साथ है, और सबसे ज्यादा खुशी उनकी मां को होती है, हालांकि वह कैंसर से पीड़ित हैं और उनकी वजह से प्रदर्शन देख नहीं सकतीं. राजकुमार अपनी परफॉर्मेंस के वीडियो उन्हें दिखाते हैं, जिससे उन्हें भी खुशी मिलती है.

बच्चों का उत्साह: राजकुमार ने यह भी बताया कि बच्चों को संपूर्ण रामलीला देखने में बहुत आनंद आता है, विशेष रूप से जब अंत में प्रभु राम का राज्याभिषेक होता है. इस समय भारी संख्या में बच्चे मिलते हैं और राम जी से मिलने की खुशी से उत्साहित होते हैं. उनकी मासूम बातें और तोतली भाषा सुनकर दिल भी भर आता है.

बता दें कि "श्री राम" संपूर्ण राम लीला का मंचन पद्मश्री शोभा दीपक सिंह द्वारा किया जाता है. उन्होंने बताया कि, "दीपावली के त्यौहार तक "श्री राम" का आयोजन 20 दिनों के लिए किया जाता है. उन्होंने बताया कि युवाओं में रामलीला देखने की रुचि बढ़ी है. इस वर्ष दर्शकों ने 67 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है." शोभा पिछले छह दशकों से अधिक समय से नृत्य, संगीत और नाटक के माध्यम से दुनिया के साथ रामायण की कालजयी कहानी को साझा करती आ रही हैं.

यह भी पढ़ें- Delhi: पद्मश्री नृत्यांगना गीता चंद्रन ने पूरे किए भरतनाट्यम नृत्य के 50 साल, 1974 में पहली बार मंच पर दी थी प्रस्तुति

नई दिल्ली: रामलीलाओं का दौर भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन दिल्ली में एक ऐसा स्थान है जहां महीनेभर संपूर्ण रामलीला का मंचन होता है. मंडी हाउस स्थित श्रीराम भारतीय कला केंद्र में रोज शाम 6:30 बजे "श्री राम" नामक नृत्य, संगीत और नाटक के माध्यम से महाकाव्य रामायण का मंचन किया जाता है. इस आयोजन में भारी संख्या में दर्शक उमड़ते हैं, जो इस जीवंत और रंगीन मंचन का आनंद लेने के लिए एकत्र होते हैं.

श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा आयोजित प्रसिद्ध "श्री राम" का 68वां संस्करण 3 अक्टूबर, 2024 से प्रारंभ हुआ और यह 27 अक्टूबर तक चलेगा. इस अवधि में दर्शको को रामायण की अद्भुत कहानी, इसके पात्रों और नृत्य शैलियों की जादुई दुनिया में खो जाने का मौका मिला.

श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा आयोजित रामलीला का मंचन (ETV Bharat)

कलाकारों की मेहनत: रामलीला में पिछले 25 वर्षों से श्री राम का किरदार निभा रहे आर्टिस्ट राजकुमार शर्मा का कहना है कि दिल्ली में संपूर्ण रामलीला देखने वाले दर्शकों की संख्या अब लगातार बढ़ती जा रही है. उनके अनुसार, श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा आयोजित रामलीला का मंचन इसीलिए खास हो जाता है क्योंकि यह कई नृत्य शैलियों, जैसे कि कथक, भरतनाट्यम, और कथाकली के साथ प्रस्तुत किया जाता है. यही वजह है कि लोग इस प्रस्तुति के बाद मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और रोज हाउसफुल हो जाता है.

राजकुमार ने यह भी बताया कि मंच पर जाने से पहले उन्हें घबराहट होती है, लेकिन जैसे ही वह मंच पर कदम रखते हैं, उन्हें एक अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है. उनका यह अनुभव दर्शाता है कि कला में अपने किरदार को निभाने का जुनून कितना गहरा होता है.

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पारिवारिक समर्थन और भावनात्मक पहलू: राजकुमार का कहना है कि वह खुद को खुशकिस्मत समझते हैं कि उन्हें श्री राम भारतीय कला केंद्र में लगातार एक महीने तक श्री राम का किरदार निभाने का मौका मिलता है. उनके परिवार का पूरा समर्थन उनके साथ है, और सबसे ज्यादा खुशी उनकी मां को होती है, हालांकि वह कैंसर से पीड़ित हैं और उनकी वजह से प्रदर्शन देख नहीं सकतीं. राजकुमार अपनी परफॉर्मेंस के वीडियो उन्हें दिखाते हैं, जिससे उन्हें भी खुशी मिलती है.

बच्चों का उत्साह: राजकुमार ने यह भी बताया कि बच्चों को संपूर्ण रामलीला देखने में बहुत आनंद आता है, विशेष रूप से जब अंत में प्रभु राम का राज्याभिषेक होता है. इस समय भारी संख्या में बच्चे मिलते हैं और राम जी से मिलने की खुशी से उत्साहित होते हैं. उनकी मासूम बातें और तोतली भाषा सुनकर दिल भी भर आता है.

बता दें कि "श्री राम" संपूर्ण राम लीला का मंचन पद्मश्री शोभा दीपक सिंह द्वारा किया जाता है. उन्होंने बताया कि, "दीपावली के त्यौहार तक "श्री राम" का आयोजन 20 दिनों के लिए किया जाता है. उन्होंने बताया कि युवाओं में रामलीला देखने की रुचि बढ़ी है. इस वर्ष दर्शकों ने 67 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है." शोभा पिछले छह दशकों से अधिक समय से नृत्य, संगीत और नाटक के माध्यम से दुनिया के साथ रामायण की कालजयी कहानी को साझा करती आ रही हैं.

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