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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल सश्रम कारावास, एक लाख रुपये का लगाया जुर्माना

Shravasti Court Order : सात साल पहले हुई वारदात में जिला एवं सत्र न्यायालय (पाॅक्सो) ने सुनाया फैसला.

नाबालिग से रेप केस में सजा.
नाबालिग से रेप केस में सजा. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 18, 2024, 9:05 PM IST

श्रावस्ती : सात वर्ष पूर्व नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले को अपर सत्र न्यायाधीश (रेप अलोंग विथ पाॅक्सो) ने शुक्रवार को दोष सिद्ध ठहराते हुए 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने दोषी पर एक लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. यह धनराशि क्षतिपूर्ति की रूप में पीड़ित पक्ष को दी जाएगी. अर्थदंड न देने पर दोषी को 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

विशेष लोक अभियोजक रोहित गुप्ता ने बताया कि 23 अगस्त 2017 को मल्हीपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग शौच के लिए खेत में गई थी. वहीं पर गांव के ही बंशी नामक युवक ने उसे बुरी नीयत से पकड़ लिया और जबरन दुष्कर्म किया था. नाबालिग के चिल्लाने पर उसकी मां व गांव के कई लोग दौड़े तो बंशी जान माल की धमकी देते हुए मौके से भाग गया था.

घटना के समय नाबालिग के पिता पंजाब में नौकरी कर रहे थे. सूचना मिलने पर वह तीसरे दिन घर पहुंचे और बेटी की आपबाती सुनने के बाद पुलिस के पास पहुंचे. नाबालिग के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यापालय में दाखिल किया. विचारण और सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश (रेप अलोंग विथ पाॅक्सो) निर्दोष कुमार ने बंशी को दोषी का पाया और उसे सजा सुनाई है.

श्रावस्ती : सात वर्ष पूर्व नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले को अपर सत्र न्यायाधीश (रेप अलोंग विथ पाॅक्सो) ने शुक्रवार को दोष सिद्ध ठहराते हुए 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने दोषी पर एक लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. यह धनराशि क्षतिपूर्ति की रूप में पीड़ित पक्ष को दी जाएगी. अर्थदंड न देने पर दोषी को 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

विशेष लोक अभियोजक रोहित गुप्ता ने बताया कि 23 अगस्त 2017 को मल्हीपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग शौच के लिए खेत में गई थी. वहीं पर गांव के ही बंशी नामक युवक ने उसे बुरी नीयत से पकड़ लिया और जबरन दुष्कर्म किया था. नाबालिग के चिल्लाने पर उसकी मां व गांव के कई लोग दौड़े तो बंशी जान माल की धमकी देते हुए मौके से भाग गया था.

घटना के समय नाबालिग के पिता पंजाब में नौकरी कर रहे थे. सूचना मिलने पर वह तीसरे दिन घर पहुंचे और बेटी की आपबाती सुनने के बाद पुलिस के पास पहुंचे. नाबालिग के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यापालय में दाखिल किया. विचारण और सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश (रेप अलोंग विथ पाॅक्सो) निर्दोष कुमार ने बंशी को दोषी का पाया और उसे सजा सुनाई है.

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