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वाराणसी में 9 पेट्रोल पंपों को कारण बताओ नोटिस, डीएम के आदेश के बावजूद शौचालयों में लगा था ताला - petrol pump public facility - PETROL PUMP PUBLIC FACILITY

वाराणसी प्रशासन ने जिले के कुछ पेट्रोल पंपों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह नोटिस प्रशासन की तरफ से पेट्रोल पंपों के शौचायलयों को साफ सुथरा नहीं रखने को जारी किया गया है.

petrol pump public facility
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 27, 2024, 11:36 AM IST

वाराणसी : जिले में आने वाले श्रद्धालुओं को सहूलियत और परेशानी से बचने के लिए पिछले दिनों जिलाधिकारी ने वाराणसी में हर पेट्रोल पंप पर शौचालयों को साफ-सुथरा रखते हुए इसका इस्तेमाल किसी को भी करने देने के लिए निर्देश दिए थे. जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी शौचालय पर ताला लगा था. इसे लेकर जिलाधिकारी ने अब कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने पेट्रोल पंपों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही हिदायत दी गई है कि 3 दिन के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एनओसी निरस्त करने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा.

कई पेट्रोल पंप पर शौचालय बंद मिला : जिलापूर्ति अधिकारी उमेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि 23 व 24 मार्च को संबंधित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी व आपूर्ति निरीक्षक की ओर से दर्जनों पेट्रोल पंपों की जांच की गई. इस दौरान इंडियन ऑयल लिमिटेड के मां कालिका सर्विस सेंटर कपसेठी पेट्रोल पंप पर शौचालय बंद मिला.

शौचालय खुलवाने पर सफाई भी मुकम्मल नहीं थी. इसके अलावा हिंदुस्तान पेट्रोलियम के राहुल फिलिंग स्टेशन दौलतिया कपसेठी में भी शौचालय साफ सुथरा नहीं था. भारत पैेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के लाल ऑटो फ्यूल पंप सेवापुरी में भी शौचालय की स्थिति अच्छी नहीं मिली.

आइओसीएल के इंडिया ऑटो सर्विस अलईपुर में भी शौचालय बंद मिला. इसी तरह अन्य कई जगह पर भी शौचालय बंद थे और उनकी स्थिति बेहद खराब थी. इस संदर्भ में इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

क्या कहता है नियम : आपको बता दें कि नियम के मुताबिक किसी भी पेट्रोल पंप पर जन सुविधाओं की उपलब्धता अनिवार्य है. इसमें साफ शौचालय, महिला और पुरुष अलग, पीने का साफ पानी, गाड़ी के लिए मुफ्त हवा की व्यवस्था अनिवार्य रूप से उपलब्ध होनी चाहिए. इसके अलावा आग पर काबू पाने के सभी नियंत्रण और पंप पर बालू भरी बाल्टी भी रखी रहनी चाहिए.

इन सारे मानकों के पूरा होने के बाद ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की कार्रवाई को पूरा किया जाता है जो हर साल रिन्यू होता है. ऐसी स्थिति में मार्च के अंतिम समय में पेट्रोल पंपों की जांच शुरू हुई है. जिससे हड़कंप मचा हुआ है. इन मालिकों को पूरा न करने वाले पंपों को प्रशासन नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांग रहा है. संतोषजनक जवाब न मिलने पर पेट्रोल पंप के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जाएगी.

यह भी पढ़ें : ऋषिकेश से लौट रही कार बिजनौर में बेकाबू होकर पलटी, पिता और पुलिसकर्मी बेटे समेत 4 लोगों की मौत

वाराणसी : जिले में आने वाले श्रद्धालुओं को सहूलियत और परेशानी से बचने के लिए पिछले दिनों जिलाधिकारी ने वाराणसी में हर पेट्रोल पंप पर शौचालयों को साफ-सुथरा रखते हुए इसका इस्तेमाल किसी को भी करने देने के लिए निर्देश दिए थे. जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी शौचालय पर ताला लगा था. इसे लेकर जिलाधिकारी ने अब कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने पेट्रोल पंपों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही हिदायत दी गई है कि 3 दिन के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एनओसी निरस्त करने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा.

कई पेट्रोल पंप पर शौचालय बंद मिला : जिलापूर्ति अधिकारी उमेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि 23 व 24 मार्च को संबंधित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी व आपूर्ति निरीक्षक की ओर से दर्जनों पेट्रोल पंपों की जांच की गई. इस दौरान इंडियन ऑयल लिमिटेड के मां कालिका सर्विस सेंटर कपसेठी पेट्रोल पंप पर शौचालय बंद मिला.

शौचालय खुलवाने पर सफाई भी मुकम्मल नहीं थी. इसके अलावा हिंदुस्तान पेट्रोलियम के राहुल फिलिंग स्टेशन दौलतिया कपसेठी में भी शौचालय साफ सुथरा नहीं था. भारत पैेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के लाल ऑटो फ्यूल पंप सेवापुरी में भी शौचालय की स्थिति अच्छी नहीं मिली.

आइओसीएल के इंडिया ऑटो सर्विस अलईपुर में भी शौचालय बंद मिला. इसी तरह अन्य कई जगह पर भी शौचालय बंद थे और उनकी स्थिति बेहद खराब थी. इस संदर्भ में इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

क्या कहता है नियम : आपको बता दें कि नियम के मुताबिक किसी भी पेट्रोल पंप पर जन सुविधाओं की उपलब्धता अनिवार्य है. इसमें साफ शौचालय, महिला और पुरुष अलग, पीने का साफ पानी, गाड़ी के लिए मुफ्त हवा की व्यवस्था अनिवार्य रूप से उपलब्ध होनी चाहिए. इसके अलावा आग पर काबू पाने के सभी नियंत्रण और पंप पर बालू भरी बाल्टी भी रखी रहनी चाहिए.

इन सारे मानकों के पूरा होने के बाद ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की कार्रवाई को पूरा किया जाता है जो हर साल रिन्यू होता है. ऐसी स्थिति में मार्च के अंतिम समय में पेट्रोल पंपों की जांच शुरू हुई है. जिससे हड़कंप मचा हुआ है. इन मालिकों को पूरा न करने वाले पंपों को प्रशासन नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांग रहा है. संतोषजनक जवाब न मिलने पर पेट्रोल पंप के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जाएगी.

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