देवघर: झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की तरफ से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. महिलाओं को समुचित सुरक्षा मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार कई तरह के कॉल सेंटर का निर्माण किया गया है, ताकि महिलाएं अपनी समस्या पुलिस के सामने खुलकर बता सकें. लेकिन देवघर, गोड्डा, दुमका और संथाल के विभिन्न जिलों में आज भी महिलाएं अपनी समस्या खुलकर नहीं बता पा रही हैं.
दरअसल, देवघर जिले की महिलाओं का कहना है कि आज भी विभिन्न थानों में महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं हैं. जिस वजह से महिलाएं अपनी समस्या खुलकर नहीं बता पाती हैं. रिखिया थाना क्षेत्र की रहने वाली बबिता देवी बताती हैं कि यदि वह अपने रिखिया थाना की बात करे तो उनके थाना क्षेत्र में एक भी महिला पुलिसकर्मी नहीं है. पुरुष पुलिसकर्मी रहने के कारण कई बार महिलाएं अपनी समस्या खुलकर नहीं बता पाती हैं.
वहीं ग्रामीण क्षेत्र में बने सोनारायठाढ़ी थाना इलाके की रहने वाली सुनीता देवी बताती हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के थानों की बात करें तो किसी भी थाने में महिला पुलिसकर्मी की बहाली नहीं की गई है. जिससे ग्रामीण क्षेत्र की महिला आज भी पुरुष पुलिसकर्मी के सामने अपनी बात नहीं रख पाती है. देवघर के लगभग सभी थानों में महिला पुलिसकर्मियों की काफी कमी है. ऐसे में पीड़ित महिला थाने में जाकर पुलिस के द्वारा दी जा रही सुविधा की जानकारी भी नहीं ले पाती है.
देवघर के थानों में महिला पुलिसकर्मियों की कमी (ईटीवी भारत) देवघर जिले में महिला पुलिसकर्मियों की कमी को देखते हुए राज्य के वरिष्ठ अधिकारी आईजी विजया लक्ष्मी बताती हैं कि महिला पुलिसकर्मी की कमी पूरे भारत में है. लेकिन झारखंड में इसकी कमी को पूरा करने के लिए पुलिस मुख्यालय की तरफ से ठोस कदम उठाई जा रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले समय में राज्य के विभिन्न जिलों में महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी. खासकर संथाल क्षेत्र के इलाकों में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. क्योंकि संथाल क्षेत्र की महिलाएं शर्मिले विचारधारा की होती हैं. ऐसे में वह अपनी उचित बात भी पुरुष पुलिसकर्मियों के सामने नहीं रख पाती हैं. गौरतलब है कि झारखंड में आए दिन महिलाओं के साथ छिनतई और छेड़खानी के मामले देखने को मिलते हैं. ऐसे में कई बार महिलाएं अपनी शिकायत लेकर थाने नहीं पहुंच पाती हैं, क्योंकि वहां पर महिला पुलिसकर्मी तैनात नहीं होती हैं. जरूरत है देवघर जिले के विभिन्न थानों में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती हो ताकि जिले की महिलाएं अपनी समस्या पुलिस के सामने खुलकर बता सकें.
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