श्रीनगर: उत्तराखंड में बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पलायन लगातार बढ़ रहा है. वहीं स्कूलों में अध्यापक ना होने से लोग बच्चों को बढ़ाने के लिए शहरों का रुख कर रहे हैं. दरअसल, कोट ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज दोंदल में शिक्षकों की कमी के चलते बच्चे 5 किमी दूर अन्य विद्यालय में प्रवेश लेने को मजबूर हैं. साथ ही कुछ अभिभावक अपने बच्चों को लेकर पौड़ी जिला मुख्यालय आ गए हैं. जबकि शिक्षा विभाग का दावा है कि जल्द ही अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति देने के बाद स्कूल में अध्यापकों की कमी को दूर कर लिया जाएगा.
गौर हो कि कोट ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज दोंदल में शिक्षकों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. जिससे बच्चों को पढ़ाई प्रभावित हो रही है.अभिभावकों ने पौड़ी पहुंचकर जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर शिक्षकों की कमी को दूर करने की मांग उठाई है. अभिभावकों का कहना है कि शिक्षकों की कमी के चलते पठन-पाठन नहीं हो पा रहा है. साथ ही कुछ अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को अन्य विद्यालय में भेज दिया गया है. जिससे उन्हें रोजाना 5 किलोमीटर पैदल जाकर शिक्षा लेनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी को जल्द दूर किया जाए.
वहीं प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी नागेंद्र बर्तवाल ने आश्वासन दिया है कि अतिथि शिक्षकों की मदद से विद्यालय में शिक्षकों की कमी को दूर करने का काम किया जाएगा. जिससे गांव में शिक्षा व्यवस्था बेहतर हो सके और अभिभावकों को शिक्षा के लिए इधर-उधर भटकना ना पड़े. बता दें कि उत्तराखंड के कई स्कूल शिक्षक विहीन हैं. जहां शिक्षक तैनाती के बाद जाना ही नहीं चाहते. ऐसे में स्कूल एकल टीचर के सहारे चल रहे हैं और कई स्कूलों में ताले लटक गए हैं. विभाग ने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को शिफ्ट कर दिए हैं. जिससे स्थानीय लोगों को बुनियादी शिक्षा व्यवस्था के लिए पलायन करना पड़ रहा है.
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