रांची: जिले के विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टरों की घोर कमी है. इस कारण मरीजों को परेशानी हो रही है. रांची के सदर अस्पताल से लेकर जिले के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी है. राजधानी में अस्पताल तो बना दिए गए हैं, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की जिस अनुपात में नियुक्ति होनी थी, नहीं हो पाई है.
सदर अस्पताल के नेफ्रोलॉजी और कार्डियोलॉजी विभाग में भी डॉक्टरों की कमी
रांची के मांडर, तमाड़, बुंडू, ओरमांझी, अनगढ़ा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी डॉक्टरों की कमी की वजह से ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है. रांची के सदर अस्पताल की बात करें तो यहां भी नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी जैसे विभाग खोल दिए गए हैं, लेकिन अभी भी इन विभागों में चिकित्सकों की कमी की वजह से लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ओपीडी में मरीजों को इलाज कराने के लिए घंटों करना पड़ता है इंतजार
सदर अस्पताल के नए भवन की ओपीडी सेवा की बात करें तो यहां पर भवन निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे काम हुए हैं, लेकिन अभी भी यहां पर मरीजों को डॉक्टरों से दिखाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. ओपीडी सेवा में दिखाने आए लाइन में खड़े मरीजों ने बताया कि डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होने के कारण हर विभाग में सिर्फ एक डॉक्टर ही ओपीडी में देखने के लिए बैठते हैं. ऐसे में बीमार मरीजों को अपनी बारी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है.
डॉक्टरों की कमी को लेकर स्वास्थ्य विभाग को किया गया है पत्राचारः सिविल सर्जन
वहीं डॉक्टरों की कमी को लेकर रांची के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रभात कुमार बताते हैं कि सदर अस्पताल और जिले के विभिन्न सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर की कमी को लेकर स्वास्थ्य विभाग को पत्राचार किया गया है. कुछ दिन पहले इंटरव्यूज कराए गए थे, लेकिन कई डॉक्टरों ने ज्वाइन करने से मना कर दिया.
सबसे अधिक फिजिशियन की कमी
सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा कमी फिजिशियन और इनडोर में भर्ती मरीज को देखने वाले डॉक्टरों की है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से संज्ञान लिया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही रांची के सदर अस्पताल और जिले के विभिन्न ग्रामीण अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा.
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