Budget 2024 village transform plan : इस बार के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने किसानों पर विशेष फोकस किया है और कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रु आवंटित किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि यह आम बजट अमृत कल के लिहाज से अहम होगा, यह 5 साल के लिए हमारी दिशा तय करने के साथ साथ 2024 तक विकसित भारत की आधारशिला रखने में अहम भूमिका निभाएगा. पिछले साल के बजट में सरकार ने एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टर के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए थे. वहीं इस साल के बजट में भारी बढ़ोत्तरी के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. उम्मीद की जा रही है कि मामा अब खेती किसानी में क्रांतिकारी बदलाव करेंगे और गांव-गांव की सूरत बदल देंगे.
बजट में क्या- क्या खास?
इस बार के बजट में किसानों के लिए सबसे खास बात है कि इसमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है. सरकार ने इस बार के बजट में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए तैयार करने का फैसला किया है. इसके अलावा पांच राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड भी जारी किए जाएंगे और नाबार्ड के जरिए किसानों को मदद दी जाएगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने पर काम होगा. सरकार अगले 2 साल में देशभर में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
नुकसान से बचने नई फसलों पर फोकस
वित्त मंत्री ने कहा है कि नेचुरल फार्मिंग का सर्टिफिकेशन भी किया जाएगा और 10 हजार बायो रिसर्च सेंटर भी बनाए जाएंगे. इतना ही नहीं अक्सर ही किसानों को जलवायु परिवर्तन का खामियाजा भुगतना पड़ता है और उनकी खेती में बहुत नुकसान हो जाता है. ऐसे में 32 फसलों की 109 नई किस्में लाई जाएंगी, जिससे किसानों को नुकसान न हो और इसमें जलवायु परिवर्तन का विशेष ख्याल रखा जाएगा. सरकार जलवायु अनुकूल बीज विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र विशेषज्ञ और अन्य को पैसे भी उपलब्ध कराएगी.
कृषि क्षेत्र में इन बातों पर सरकार का जोर
- सब्जियों की सप्लाई चैन पर भी जोर दिया जाएगा, इसके साथ ही सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला के लिए क्लस्टर विकसित किए जाएंगे. सब्जियों की स्टोरेज और मार्केटिंग पर फोकस किया जाएगा.
- 400 जिलों में फसलों का डिजिटल सर्वे किया जाएगा.
- फसलों के उत्पादन भंडारण और विपणन को मजबूत किया जाएगा.
- किसान और उनकी जमीनों को डिजिटल पब्लिक इंफ्रा का फायदा मिलेगा, 6 करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी, पांच राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे.
- सरकार का फोकस नेचुरल फार्मिंग बढ़ाने पर है, जो ग्राम पंचायत इस योजना को लागू करना चाहेंगे उनको बढ़ावा दिया जाएगा.
- कृषि क्षेत्र की उत्पादकता और क्षमता को प्राथमिकता दी जाएगी कृषि रोजगार और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जाएगी.
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- राज्यों के साथ पार्टनरशिप करके खेती किसानी के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया जाएगा.
- झींगा किसानों की मदद के लिए सरकार ब्रीडिंग सेंटर्स का नेटवर्क बनाने के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट करेगी, उनकी प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट के लिए नाबार्ड के जरिए फाइनेंसिंग सुविधा दी जाएगी.
- सरकार कोऑपरेटिव सेक्टर के विकास के लिए नेशनल कोऑपरेशन पॉलिसी भी लाएगी. ग्रामीण अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना इस पॉलिसी का टारगेट रहेगा.
दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर जोर
दाल की महंगाई से हर कोई परेशान है और दलहन फसलों की कीमत, दाल की कीमत जिस तरह से बढ़ रही हैं उसे लेकर इस बार बजट में भी विशेष ध्यान रखा गया है. दाल और दलहन के मामले में देश को आत्म निर्भर बनाने पर जोर दिया गया है. इसके लिए प्रोडक्शन स्टोरेज और मार्केटिंग पर फोकस किया जाएगा. खाद्य, तेल वाली फसलें जैसे सरसों, मूंगफली, सनफ्लावर और सोयाबीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक नई रणनीति तैयार की जाएगी.
एमएसपी को लेकर क्या हुआ?
इस बार के बजट में किसानों की नजर एमएसपी पर भी थी. किसानों की सबसे बड़ी मांग एमएसपी को लेकर ही रही हैं लेकिन इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की गई. वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार ने अभी एक महीने पहले ही लगभग सभी मुख्य फसलों पर बढ़ी हुई एमएसपी की घोषणा कर दी है.
किसना सम्मान निधि पर क्या हुआ?
इस बार के बजट में किसानों की नजर सम्मान निधि पर भी थी कि क्या सम्मान निधि बढ़ाई जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बजट में सम्मान निधि पर भी कोई इजाफा नहीं किया गया है, किसानों को मिलने वाली सम्मान निधि अभी 6 हजार रु ही रहेगी.