शिवपुरी: जिले की करेरा में खाद लेने पहुंची एक महिला किसान को जेल भेजने का मामला सामने आया है. आरोप है कि करेरा एसडीएम ने महिला की जमानत तक नहीं ली. इस कारण उसे दो दिन जेल में बिताने पड़े. इस मामले में किसान कांग्रेस ने आंदोलन की चेतावनी दी, तब कहीं जाकर रविवार की शाम को महिला किसान को जमानत पर रिहा किया गया.
खाद टोकन के लिए लाइन में लगने पर हुआ विवाद
आरोप है कि, शुक्रवार को 35 साल की विधवा महिला खाद के टोकन की लाइन में लगी हुई थी. इसी दौरान उसके पीछे लगी किसी महिला किसान ने उसके किसान होने पर संदेह जताते हुए उसे मजदूर बता दिया. इसी बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया. तब वहां मौजूद पुलिस ने महिला किसान को लाइन में से खींच लिया और थाने ले जाकर उसके विरुद्ध शांति भंग की धाराओं में कार्रवाई कर दी.
किसान कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
महिला किसान को एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. आरोप है कि दो दिन तक उसकी जमानत नहीं ली गई. रविवार को तमाम प्रयासों के बाद महिला किसान की जमानत स्वीकार कर उसे जेल से रिहा किया गया. किसान कांग्रेस नेता मानसिंह फौजी ने इस पूरी कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, ''क्या महिला किसान का जुर्म इतना बड़ा था कि, उसे जेल भेजने की जरूरत पड़े और दो दिन तक उसकी जमानत न ली जाए. जब इस मामले में आंदोलन की चेतावनी दी गई, तब कहीं जाकर महिला किसान की जमानत स्वीकार की गई है.''
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'समझाने के बाद भी हंगामा करती रही महिला'
इस पूरे मामले में करैरा थाने के थाना प्रभारी विनोद छावई का कहना है कि, ''महिला खाद के टोकन के लिए लाइन में लगी थी. इस दौरान उसने अन्य महिलाओं के साथ विवाद करना शुरू कर दिया. पहले पुरुष पुलिस फिर बाद में महिला पुलिस ने समझाने का प्रयास किया था, लेकिन इसके बाद भी महिला हंगामा करती रही. अभद्रता और हंगामा करने के आरोप पर महिला पर शांति भंग की धाराओं में मामला दर्ज कर एसडीएम न्यायालय में पेश किया था. यहां से उसे जेल भेज दिया गया था.''