शिवपुरी: कोलारस अनुविभाग के अंतर्गत ग्राम पनवारी में शासकीय प्राथमिक विद्यालय की छत धराशायी हो गई. हादसे में गनीमत रही कि घटना के समय मौके पर कोई भी वहां मौजूद नहीं था. स्कूल स्टाफ ने बताया कि इस डैमेज छत की जानकारी पूर्व में ही उच्च अधिकारियों को दे दी गई थी. वहीं, गांव वालों ने बच्चों को इस स्कूल बिल्डिंग में पढ़ाने से शिक्षकों को मना कर रखा था.
छत पर रखी थी पानी की टंकी
शासकीय प्राथमिक शाला पनवारी की छत अचानक टूटकर गिर गई. छत के ऊपर जल मिशन योजना के तहत लगाई गई पानी की टंकी रखी हुई थी. बताया जा रहा है कि इस कमरे में स्कूल का ऑफिस संचालित होता था. गनीमत रही की घटना के समय कमरे में शिक्षक या बच्चे मौजूद नहीं थे. बताया गया है कि इस बिल्डिंग के अलावा भी एक अतिरिक्त कक्ष बना हुआ है, जिसमें बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. स्कूल के शिक्षकों की मानें तो स्कूल में ऑफिस के अतिरिक्त भी क्लासरूम और गैलरी की छत पूरी तरह से डैमेज हैं. तेज बारिश में ये छत कभी भी ढह सकती है.
'कोलारस ब्लॉक में 105 स्कूल क्षतिग्रस्त'
इस पूरे मामले में कोलारस बीईओ राहुल भार्गव ने कहा कि डीपीसी कार्यालय के इंजीनियर बिल्डिंग की छत का निरीक्षण कर चुके हैं और राज्य शिक्षा केंद्र को इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है. बीईओ भार्गव के अनुसार कोलारस ब्लॉक में 105 स्कूल डैमेज हैं. इनमें से 5 स्कूल बेहद क्षतिग्रस्त हैं और इन स्कूलों में बच्चों को नहीं बैठाया जा रहा है.
इसके अलावा प्राथमिक और मिडिल स्कूल मिलाकर कुल 100 स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें माइनर मरम्मत होनी है. उन्होंने बताया कि प्राइमरी और मिडिल स्कूल के प्रस्ताव राज्य शिक्षा केंद्र को भेज दिया गया है. जबकि कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों के प्रस्ताव डीईओ कार्यालय के माध्यम से लोक शिक्षण संचालनालय को भेजे गए हैं. जैसे ही इसके लिए बजट आवंटित होगा स्कूलों की मरम्मत कार्य शुरू कर दी जाएगी.