शिवपुरी: जिले की करैरा तहसील में बासी भोजन खाने के बाद करीब 200 लोगों की तबीयत खराब हो गई. उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजकर मरीजों की जांच करवाई. कई लोगों का मौके पर ही इलाज हो गया, जबकि गंभीर रूप से बीमार लोगों को करैरा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. गांव में आयोजित भंडारे में बासी भोजन खाने के बाद ग्रामीणों की तबीयत खराब हुई.
बासी भोजन खाने के बाद बिगड़ी तबियत
मामला करैरा तहसील के अमोला थाना क्षेत्र के मामोनी कला ग्राम पंचायत का है. जहां हनुमान मंदिर में भगवान बजरंगबली की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद तीन गांवों में भंडारे का आयोजन किया गया था. शनिवार को ग्रामीणों ने भंडारे में प्रसाद के रूप में भोजन किया, जो भोजन बच गया उसे ग्रामीणों ने रविवार को भी खाया और घर भी ले गए. रविवार-सोमवार की देर रात करीब 2 बजे सभी को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की समस्या शुरू हो गई. एक साथ इतने लोगों की ऐसी हालत देख ग्रामीण परेशान हो गए और उन्होंने मामले की सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग को दी.
फूड पॉइजनिंग की आशंका
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर बीमार लोगों की जांच की. मामूली रूप से बीमार का इलाज किया और गंभीर मरीजों को करैरा अस्पताल भेज दिया. मामोनी कला के सरपंच पति विनोद मिश्रा ने बताया कि "अब तक लगभग 3 दर्जन लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि बाकी मरीजों का गांव में ही इलाज किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि बासी भोजन खाने से फूड प्वॉइजनिंग की स्थिति बनी, हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही होगी."
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स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने संभाला मोर्चा
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी संजय ऋषेश्वर ने बताया कि "मामोनी कला, लड़ाईपुरा और तरपन का पुरबा गांवों में कई ग्रामीण उल्टी, दस्त और बुखार से पीड़ित हो गए. हालात को देखते हुए करैरा जिला स्तरीय स्वास्थ्य टीमों को भेजा गया. शिवपुरी से मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. एस.के. पिप्पल, बीएमओ रोहित भदकारिया समेत 6 डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को तैनात किया गया. अब तक 170 ग्रामीणों में बीमारी के लक्षण मिले हैं, जिनमें से 30 को इलाज के लिए सीएससी में भर्ती किया गया है."