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संजौली मस्जिद विवाद: VHP नेताओं सहित 50 प्रदर्शनकारियों पर FIR दर्ज, हिंसा और पुलिस पर पत्थरबाजी करने का आरोप - SHIMLA MOSQUE CONTROVERSY - SHIMLA MOSQUE CONTROVERSY

Shimla Police FIR lodged against 50 people for violent protest in Sanjauli: शिमला पुलिस ने संजौली अवैध मस्जिद के खिलाफ 11 सितंबर को हुए प्रदर्शन मामले में विश्व हिंदू परिषद सहित 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. इन लोगों पर प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी और हिंसा करने आरोप है. पढ़िए पूरी खबर...

संजौली मस्जिद मामले में प्रदर्शनकारियों पर FIR दर्ज
संजौली मस्जिद मामले में प्रदर्शनकारियों पर FIR दर्ज (ETV Bharat)
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By PTI

Published : Sep 16, 2024, 10:50 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर बीते दिनों हिंदू संगठनों सहित सैंकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की ओर से पुलिस पर पथराव किया गया. जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था. इस दौरान मची अफरा-तफरी में कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए. वहीं, अब मामले में संजौली में हिंसक प्रदर्शन करने के आरोप में शिमला पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद नेताओं और पूर्व पार्षदों सहित 50 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया है.

पुलिस ने बताया कि संजौली इलाके में एक मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह यहां विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस दौरान हिंसा के लिए विहिप नेताओं, पूर्व पार्षदों और पंचायत प्रमुख समेत 50 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. 11 सितंबर को प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प की, बैरिकेड तोड़ दिए और पथराव किया. जबकि पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और लाठियां चलाईं. पुलिस और महिलाओं समेत करीब 10 लोग घायल हो गए.

शिमला एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा, "विरोध प्रदर्शन को भड़काने वाले लोगों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड एकत्र किए गए हैं. आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे. सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और फोटोग्राफ में ऐसे सबूत हैं, जिनमें लोग अपने हाथों में पत्थर लिए हुए हैं और ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों पर फेंके रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने अब तक जिन 50 लोगों की पहचान की है और आठ मामले दर्ज किए हैं, उनमें विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता, पंचायत प्रमुख और उनके प्रतिनिधि, पूर्व पार्षद और दुकानदारों के अलावा चौपाल और ठियोग के लोग शामिल हैं".

संजीव कुमार गांधी ने कहा, "प्रदर्शनकारियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (1) (धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), 196 (2) (पूजा स्थल पर अपराध), 189 (गैरकानूनी जमावड़ा), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 61 (2) (आपराधिक साजिश और हमला) सहित 353 (2), 223 और 132 के तहत केस दर्ज किया गया है.

एसपी ने कहा, "यह शांति भंग करने के लिए यह एक पूर्व नियोजित विरोध था. सोशल मीडिया पर पूरी घटना को भड़काने वालों की पहचान कर ली गई है. उनके कृत्य और आचरण से पता चलता है कि वे अपराध में कैसे शामिल थे. एक वीडियो में, एक व्यक्ति टेपों पर खड़ा था और लोगों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा तोड़ने के लिए उकसा रहा था. हमें विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांगने वाला कोई आवेदन नहीं मिला"

एसपी ने कहा, संजौली में हुए प्रदर्शन के दौरान दो पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं, एक की पीठ पर और दूसरे के सिर पर चोट लगी. प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने और भड़काने वाले दोषियों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा. संजौली मस्जिद मुद्दे पर शिमला में तनाव के बीच, एक मुस्लिम कल्याण समिति ने पिछले गुरुवार को अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने की पेशकश की, जबकि समुदाय के सदस्यों ने खुद मंडी में सरकारी भूमि पर एक मस्जिद की दीवार को गिरा दिया.

ये भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर नाटी कलाकारों को आतंकवादी बताने पर मचा बवाल, बीजेपी ने दर्ज कराई शिकायत, जानें क्या है मामला?

शिमला: हिमाचल प्रदेश के संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर बीते दिनों हिंदू संगठनों सहित सैंकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की ओर से पुलिस पर पथराव किया गया. जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था. इस दौरान मची अफरा-तफरी में कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए. वहीं, अब मामले में संजौली में हिंसक प्रदर्शन करने के आरोप में शिमला पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद नेताओं और पूर्व पार्षदों सहित 50 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया है.

पुलिस ने बताया कि संजौली इलाके में एक मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह यहां विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस दौरान हिंसा के लिए विहिप नेताओं, पूर्व पार्षदों और पंचायत प्रमुख समेत 50 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. 11 सितंबर को प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प की, बैरिकेड तोड़ दिए और पथराव किया. जबकि पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और लाठियां चलाईं. पुलिस और महिलाओं समेत करीब 10 लोग घायल हो गए.

शिमला एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा, "विरोध प्रदर्शन को भड़काने वाले लोगों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड एकत्र किए गए हैं. आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे. सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और फोटोग्राफ में ऐसे सबूत हैं, जिनमें लोग अपने हाथों में पत्थर लिए हुए हैं और ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों पर फेंके रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने अब तक जिन 50 लोगों की पहचान की है और आठ मामले दर्ज किए हैं, उनमें विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता, पंचायत प्रमुख और उनके प्रतिनिधि, पूर्व पार्षद और दुकानदारों के अलावा चौपाल और ठियोग के लोग शामिल हैं".

संजीव कुमार गांधी ने कहा, "प्रदर्शनकारियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (1) (धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), 196 (2) (पूजा स्थल पर अपराध), 189 (गैरकानूनी जमावड़ा), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 61 (2) (आपराधिक साजिश और हमला) सहित 353 (2), 223 और 132 के तहत केस दर्ज किया गया है.

एसपी ने कहा, "यह शांति भंग करने के लिए यह एक पूर्व नियोजित विरोध था. सोशल मीडिया पर पूरी घटना को भड़काने वालों की पहचान कर ली गई है. उनके कृत्य और आचरण से पता चलता है कि वे अपराध में कैसे शामिल थे. एक वीडियो में, एक व्यक्ति टेपों पर खड़ा था और लोगों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा तोड़ने के लिए उकसा रहा था. हमें विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांगने वाला कोई आवेदन नहीं मिला"

एसपी ने कहा, संजौली में हुए प्रदर्शन के दौरान दो पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं, एक की पीठ पर और दूसरे के सिर पर चोट लगी. प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने और भड़काने वाले दोषियों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा. संजौली मस्जिद मुद्दे पर शिमला में तनाव के बीच, एक मुस्लिम कल्याण समिति ने पिछले गुरुवार को अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने की पेशकश की, जबकि समुदाय के सदस्यों ने खुद मंडी में सरकारी भूमि पर एक मस्जिद की दीवार को गिरा दिया.

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