शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सटे उपनगर संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला अब और तूल पकड़ रहा है. मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हिंदू और मुस्लिम संगठन आमने सामने हैं. हिंदू संगठन मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग पर अड़ गए हैं. वहीं, संवेदनशील होता जा रहा ये मामला आज विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में भी गूंजेगा. चौपाल से भाजपा विधायक बलवीर वर्मा और शिमला शहरी से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव देकर इस पर चर्चा की मांग की है. ऐसे में मस्जिद मामले पर सदन में चर्चा होगी. बता दें कि शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद से अवैध निर्माण को लेकर काफी बवाल मचा है.
मंत्री भी कह चुके हैं गिराया जाना चाहिए अवैध निर्माण
शिमला के उपनगर संजौली में किए गए मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की हिंदू संगठन मांग कर रहे हैं. वहीं, अब कांग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी अवैध मस्जिद को गिराने की वकालत की है. शिमला में मंगलवार को मीडिया से बातचीत में अनिरुद्ध सिंह ने कहा था "ये कोई मंदिर-मस्जिद या गुरुद्वारे का मामला नहीं है. ये अवैध निर्माण से जुड़ा हुआ मामला है. इसको लेकर प्रशासन काम कर रहा है और जो अवैध निर्माण हुआ है, उसे गिराया जाना चाहिए."
वहीं, इस दौरान मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा था "हिमाचल में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर नजर रखने की जरूरत है. बड़ी संख्या में बाहरी राज्य से लोग हिमाचल आ रहे हैं. ऐसे में बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों की वेरिफिकेशन करना जरूरी है. देश के किसी भी राज्य के लोग हिमाचल में आ सकते हैं, लेकिन कहीं ये लोग रोहिंग्या तो नहीं या कोई हत्या या अन्य अपराध करके यहां तो नहीं आए है. इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए."
अवैध निर्माण पर मचा है विवाद
शिमला के संजौली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर काफी बवाल मचा है. कुछ दिनों पहले शिमला के मल्याणा में दो गुटों के बीच आपसी झगड़ा हो गया था. जिसमें कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया था. जिसके बाद इस विवाद ने तूल पकड़ा और लोगों बीते दिनों शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर फूटा पड़ा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मल्याणा में हुई मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की.
वहीं, विधायक हरीश जनारथा ने इस मामले को प्रदर्शनकारियों को नसीहत दी है, "बाहर की टेंशन को शिमला अर्बन में लाना गलत है. शहर के बाहर दो गुटों के बीच हुए झगड़े को धर्म से जोड़कर शिमला शहर की शांति को भंग किया जा रहा है."