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स्वास्थ्य विभाग में खाली पदों को लेकर HC ने लिया कड़ा संज्ञान, अदालत ने मांगा वेकेंट पोस्टों का ब्यौरा

HC शिमला ने स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े पदों पर नराजगी जताई. विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों समेत अन्य स्टाफ के 1450 पद रिक्त हैं.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े पदों को भरने को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है. अदालत ने खाली पद भरने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने स्वास्थ्य निदेशक को प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में विभिन्न पदों की रिक्तियों सहित पूर्ण ब्यौरा कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए.

खंडपीठ ने यह जानकारी स्वास्थ्य निदेशक को शपथपत्र के साथ पेश करने के आदेश दिए. इससे पहले हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से पूछा था कि प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों समेत अन्य स्टाफ के 1450 रिक्त पड़े पदों को कब तक भर लिया जाएगा.

कोर्ट ने सरकार के इन पदों को भरने के लिए अपनाई जा रही टालमटोल वाली रणनीति को भी स्पष्ट करने को कहा था. सरकार की ओर से पेश स्टेट्स रिपोर्ट में बताया गया था कि विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 25 मेडिकल ऑफिसरों की तैनाती कर दी गई है.

इसके अलावा सरकार ने बताया कि जिन 49 सरप्लस मेडिकल ऑफिसरों की तैनाती पहले नहीं की जा सकी थी, उनमें से 33 चिकित्सकों तैनाती भी रिक्त पदों पर कर दी गई है. कोर्ट को बताया गया था कि 200 चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अन्य 1450 पदों को भरने का मसौदा भी तैयार किया जा रहा है.

कोर्ट ने स्टेट्स रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि इसमें उक्त पदों को भरने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है. कोर्ट ने सरकार को 5 नवंबर तक इस बाबत स्थिति स्पष्ट करने के आदेश जारी किए हैं. उल्लेखनीय है कि अदालत इससे पहले भी सरकार को समय-समय पर खाली पद भरने को लेकर निर्देश दे चुकी है. कुछ मामलों में तो अदालत ने खुद ही संज्ञान लिया है.

ये भी पढ़ें: बिना DPR फोरलेन निर्माण पर HC सख्त, NHAI के शपथ पत्र से असहमति जताते हुए गडकरी के मंत्रालय को बनाया प्रतिवादी

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े पदों को भरने को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है. अदालत ने खाली पद भरने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने स्वास्थ्य निदेशक को प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में विभिन्न पदों की रिक्तियों सहित पूर्ण ब्यौरा कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए.

खंडपीठ ने यह जानकारी स्वास्थ्य निदेशक को शपथपत्र के साथ पेश करने के आदेश दिए. इससे पहले हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से पूछा था कि प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों समेत अन्य स्टाफ के 1450 रिक्त पड़े पदों को कब तक भर लिया जाएगा.

कोर्ट ने सरकार के इन पदों को भरने के लिए अपनाई जा रही टालमटोल वाली रणनीति को भी स्पष्ट करने को कहा था. सरकार की ओर से पेश स्टेट्स रिपोर्ट में बताया गया था कि विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 25 मेडिकल ऑफिसरों की तैनाती कर दी गई है.

इसके अलावा सरकार ने बताया कि जिन 49 सरप्लस मेडिकल ऑफिसरों की तैनाती पहले नहीं की जा सकी थी, उनमें से 33 चिकित्सकों तैनाती भी रिक्त पदों पर कर दी गई है. कोर्ट को बताया गया था कि 200 चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अन्य 1450 पदों को भरने का मसौदा भी तैयार किया जा रहा है.

कोर्ट ने स्टेट्स रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि इसमें उक्त पदों को भरने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है. कोर्ट ने सरकार को 5 नवंबर तक इस बाबत स्थिति स्पष्ट करने के आदेश जारी किए हैं. उल्लेखनीय है कि अदालत इससे पहले भी सरकार को समय-समय पर खाली पद भरने को लेकर निर्देश दे चुकी है. कुछ मामलों में तो अदालत ने खुद ही संज्ञान लिया है.

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