ETV Bharat / state

इधर लगाई नदी में डुबकी, उधर गले में आया काला नाग, आस्था या अंधविश्वास! - Snake Around Of Pandit - SNAKE AROUND OF PANDIT

श्योपुर में तेजा दशमी पर अलग ही नजारा देखने मिला. यहां काली माता मंदिर के पुजारी जैसे ही चंबल नदी में डुबकी लगाकर बाहर आए तो उनके गले में नाग नजर आया. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं.

SNAKE AROUND OF PANDIT
पंडित के गले में नाग आया (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 9:38 PM IST

श्योपुर: तेजा दशमी पर शुक्रवार को जिलेभर में तेजाजी के स्थानों पर मेले लगे. इसी क्रम में राजस्थान की सीमा पर सटे श्योपुर के सामरसा गांव में लगने वाला तेजाजी का मेला ऐसे-ऐसे रहस्यों से भरा है, जिसे देख श्रद्धालु भी चकित रह जाते हैं. सामरसा गांव के काली माता मंदिर के पुजारी के गले में चंबल नदी की बीच धार में काला नाग आ जाता है. ऐसा एक दो बार नहीं हुआ बल्कि 50 साल से लोग यह नजारा देखते आ रहे हैं. यह सांप 5 से 6 घंटे तक काली माता मंदिर पर रहता है. इस दिन यहां सांप-बिच्छू व अन्य विषैले कीटों का शिकार हुए लोगों का इलाज होता है.

डुबकी लगाते ही गले में आया नाग (ETV Bharat)

तेजाजी मेले की अनोखी कहानी

50 साल पहले काली माता मंदिर के पुजारी कृष्णा महाराज के समय यह मेला शुरू हुआ था. कृष्णा महाराज चंबल नदी में जाते और उनके गले में काला सांप आ जाता. कृष्णा महाराज के बाद करीब 40 साल तक चतुरी कीर महाराज व राधाकृष्ण कीर महाराज ने यह क्रम जारी रखा. वर्तमान में इस मंदिर के भगत काडूराम मीणा है, जो 10 साल से तेजाजी मेले पर इसी तरह नदी से गले में सांप लाकर बीमारों का इलाज कर रहे हैं. इस मेले में हजारों की भीड़ में श्रद्धालु उपस्थित हुए.

चंबल नदी के तट पर तेजाजी के मेले में भगत काडूराम मीणा चंबल नदी में गए. यहां जैसे ही वह डुबकी लगाने पानी के अंदर गए, वैसे ही कालूराम भगत के गले में काला नाग आ गया. मतलब जब वह पानी से बाहर निकले तो उनके गले में सांप नजर आया. इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु भी अचंभित रह गए. इस दौरान मौके पर मौजूद लोग कंकाली मैया के नारे लगाने लगे.

यहां पढ़ें...

मगरमच्छ को पसंद नहीं आया ई-रिक्शा, बीच सड़क पर लगा दी छलांग, मच गया हड़कंप

अंधविश्वास की हद! मुर्दों में जान फूंकने की जिद, मंदिर में शव रख परिजन बजाते रहे घंटी

ग्रामीणों की ऐसी है मान्यता

सामरसा के निवासी रामराज मीणा ने बताया कि 'हर साल की तरह इस साल भी माता जी का मेला लगा है. यहां एक भक्त के शरीर में माताजी आती हैं. एक साल पहले ही माता जी बोल जाती हैं कि कितने बजे आना है और समय पर माता जी आती हैं, फिर गंगा में डुबकी लगाने भक्त जाता है और डुबकी लगाते ही सर्प हाथ में आ जाता है. कैसे आता है कहां से आता है यह तो मां ही जाने. यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना माता पूरी करती हैं, यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है.

(ईटीवी भारत अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है.)

श्योपुर: तेजा दशमी पर शुक्रवार को जिलेभर में तेजाजी के स्थानों पर मेले लगे. इसी क्रम में राजस्थान की सीमा पर सटे श्योपुर के सामरसा गांव में लगने वाला तेजाजी का मेला ऐसे-ऐसे रहस्यों से भरा है, जिसे देख श्रद्धालु भी चकित रह जाते हैं. सामरसा गांव के काली माता मंदिर के पुजारी के गले में चंबल नदी की बीच धार में काला नाग आ जाता है. ऐसा एक दो बार नहीं हुआ बल्कि 50 साल से लोग यह नजारा देखते आ रहे हैं. यह सांप 5 से 6 घंटे तक काली माता मंदिर पर रहता है. इस दिन यहां सांप-बिच्छू व अन्य विषैले कीटों का शिकार हुए लोगों का इलाज होता है.

डुबकी लगाते ही गले में आया नाग (ETV Bharat)

तेजाजी मेले की अनोखी कहानी

50 साल पहले काली माता मंदिर के पुजारी कृष्णा महाराज के समय यह मेला शुरू हुआ था. कृष्णा महाराज चंबल नदी में जाते और उनके गले में काला सांप आ जाता. कृष्णा महाराज के बाद करीब 40 साल तक चतुरी कीर महाराज व राधाकृष्ण कीर महाराज ने यह क्रम जारी रखा. वर्तमान में इस मंदिर के भगत काडूराम मीणा है, जो 10 साल से तेजाजी मेले पर इसी तरह नदी से गले में सांप लाकर बीमारों का इलाज कर रहे हैं. इस मेले में हजारों की भीड़ में श्रद्धालु उपस्थित हुए.

चंबल नदी के तट पर तेजाजी के मेले में भगत काडूराम मीणा चंबल नदी में गए. यहां जैसे ही वह डुबकी लगाने पानी के अंदर गए, वैसे ही कालूराम भगत के गले में काला नाग आ गया. मतलब जब वह पानी से बाहर निकले तो उनके गले में सांप नजर आया. इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु भी अचंभित रह गए. इस दौरान मौके पर मौजूद लोग कंकाली मैया के नारे लगाने लगे.

यहां पढ़ें...

मगरमच्छ को पसंद नहीं आया ई-रिक्शा, बीच सड़क पर लगा दी छलांग, मच गया हड़कंप

अंधविश्वास की हद! मुर्दों में जान फूंकने की जिद, मंदिर में शव रख परिजन बजाते रहे घंटी

ग्रामीणों की ऐसी है मान्यता

सामरसा के निवासी रामराज मीणा ने बताया कि 'हर साल की तरह इस साल भी माता जी का मेला लगा है. यहां एक भक्त के शरीर में माताजी आती हैं. एक साल पहले ही माता जी बोल जाती हैं कि कितने बजे आना है और समय पर माता जी आती हैं, फिर गंगा में डुबकी लगाने भक्त जाता है और डुबकी लगाते ही सर्प हाथ में आ जाता है. कैसे आता है कहां से आता है यह तो मां ही जाने. यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना माता पूरी करती हैं, यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है.

(ईटीवी भारत अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है.)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.