श्योपुर: मध्य प्रदेश में बारिश हाहाकार मचाए हुए है. जहां एक तरफ नदी,नाले, तालाब और डैम लबालब हैं. वहीं दूसरी तरफ शहरों की निचली बस्तियों सहित गांव में अस्पताल से लेकर स्कूलों में पानी भरा हुआ है. बारिश के चलते कई गांवों में हालात खराब है. कहीं पुलिया तो कहीं रास्ता न होने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी तरह एक शर्मनाक तस्वीर श्योपुर से सामने आई है. जहां बारिश के चलते युवक मां को अस्पताल नहीं ले जा पाया, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद अस्पताल में उसे शव वाहन नहीं मिला.
जिला अस्पताल में भरा पानी
श्योपुर जिले के बड़ोदा से अव्यवस्थाओं को लेकर एक मामला सामने आया है. यहां भारी बारिश के कारण अस्पताल में चारों और पानी-पानी हो गया. आलम यह ह है कि अस्पताल में भी 3-3 फिट तक पानी भर गया है. जिससे मरीजों को भी अस्पताल आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बड़ौदा के वार्ड क्रमांक 15 से राजकुमार आदिवासी अपनी मां के पेट दर्द होने पर अस्पताल लेकर पहुंचा, लेकिन डॉक्टरों ने जब मरीज को देखा तो उसे मृत घोषित कर दिया.
पीड़ित बेटे राजकुमार के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन ने उसकी मृत मां के शव की कोई खेर खबर नहीं ली. इसके बाद राजकुमार पानी के बीच बैड पर पड़े मां के शव से लिपटकर रोता रहा और शव वाहन का घंटों इंतेजार करता रहा. मीडिया को देखते हुए डॉक्टरों ने मामले में संज्ञान लिया और शव वाहन की व्यवस्था कर शव को घर पहुंचाया.
पीड़ित का आरोप नहीं मिला शव वाहन, प्रशासन ने दी सफाई
पीड़ित राजकुमार ने बताया कि 'मेरी मां को रात में पेट दर्द हुआ, लेकिन भारी बारिश होने से हमारे वार्ड में अधिक पानी भर गया था. जिसके कारण मैं अपनी मां को रात में अस्पताल नहीं ला सका. सुबह जब अस्पताल दिखाने लाया, तो यहां डॉक्टरों ने मां को देखकर मृत घोषित कर दिया. उसके बाद डॉक्टर चले गये. अब शव को घर ले जाने के लिए मेरे पास किसी प्रकार का साधन नहीं है. मैं किसी साधन से मां को ले जा सकूं, इसके लिए इंतेजार में बैठा हूं.' वहीं अस्पताल के बीएमओ डॉ. अनिल बाथम ने बताया कि 'इस मरीज को रात में दर्द हुआ, लेकिन ये हमारे पास सुबह लेकर आये है. जब तक वह मर चुकी थी. शव को ले जाने के लिए व्यवस्था नगर पालिका द्वारा की जाती है. हमने कॉन्टेक्ट किया है, नगरपालिका व्यवस्था कर रही है.'