श्योपुर: रघुनाथपुर का एक बालक चंबल नदी किनारे लगातार आधे घंटे के संघर्ष के बाद मगरमच्छ के मुंह से जिंदा वापस लौटा. बालक नदी के किनारे भैंस चरा रहा था. इस दौरान उसे प्यास लगी और वह चंबल नदी में पानी पीने चला गया. तभी वहां घात लगाए मगरमच्छ ने बालक पर हमला कर दिया. बालक ने हार न मानते हुए मगरमच्छ से खुद को छुड़ाने का संघर्ष करता रहा.
जिंदगी के लिए करना पड़ा संघर्ष
रघुनाथपुर क्षेत्र के पिपरानी में रहने वाले 17 वर्षीय बालक निहाल सिंह राव रोज की तरह अपनी भैंसों को चंबल नदी किनारे चराने निकला गया था. इस दौरान बालक पानी पीने के लिए नदी किनारे गया, तो वहां मगरमच्छ ने उसके हाथ पकड़कर पानी में खींच लिया. निहाल के पिता अमर सिंह राव ने बताया कि जब बालक खुद को छुड़ाने के लिए मगरमच्छ को पानी में पलटी मारा तो मगरमच्छ ने उसके पैर को पकड़ लिया. काफी देर संघर्ष करने के बाद उसे एक पत्थर हाथ लगा. निहाल ने पत्थर से मगरमच्छ के सिर पर जोरदार वार किया. जिसके बाद मगरमच्छ ने जैसे ही उसका पैर छोड़ा तो वह नदी से बाहर भागा.
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हाथ हुआ फ्रैक्चर, इलाज जारी
घटना के बाद निहाल गांव पहुंचा और लोगों को घटना के बारे में जानकारी दी. जिसके बाद परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसका उपचार किया जा रहा है. इस घटना में निहाल का हाथ भी फ्रैक्चर हो गया है. मगरमच्छ ने जांघ पर हमला कर जख्मी कर दिया था जिसका सर्जरी किया गया है. डॉक्टरों ने बताया कि बालक खतरे से बाहर है.