ETV Bharat / state

नवरात्र के सातवें दिन मथुरा के काली मंदिर में पूजा के लिए उमड़े भक्त, ये है मान्यता - SHARADIYA NAVRATRI 2024

मात्र पांच इंच की प्रतिमा है मां काली की, इस मंदिर में रुद्र नहीं सोम रूप में विराजमान है माता.

Etv Bharat
मथुरा का मां काली देवी का प्राचीन मंदिर (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2024, 9:24 AM IST

मथुरा: शारदीय नवरात्र के सातवे दिन मां काली की पूजा की जाती है हर रोज दूर दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए मंदिरों में जाते हैं. शहर के टैंक चौराहे पर स्थित काली देवी का प्राचीन मंदिर है. जितनी छोटी प्रतिमा उतनी ही ज्यादा मान्यता. वैसे तो मां काली का रुद्र रूप देखने को मिलता है. लेकिन इस मंदिर में सोम रूप दिखाया गया है.

काली देवी का प्राचीन मंदिर: शहर के टैंक चौराहे पर स्थित काली देवी का प्राचीन मंदिर सात दशक पुराना है. हर साल मंदिर में परिसर में विशाल मेला आयोजित किया जाता था. दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते थे.शारदीय चैत्र नवरात्र के दिनों में दुर्गा चालीसा का अखंड पाठ, देवी का रतजगा के साथ भंडारा आयोजित किया जाता था. काली देवी मंदिर मे दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.

मात्र पांच इंच की प्रतिमा काली देवी की: आसपास के जिले ही नही दुनिया भर में काली देवी की इतनी छोटी प्रतिमा कहीं नहीं है. मान्यता है कि एक बार देवी के दर्शन करने से ही मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. और भक्त दर्शन करने के लिए यहां खिंचा चला आता है. इस मंदिर में काली देवी की मात्र पांच इंच की प्रतिमा स्थापित है. जोकि सुंदर और अपनी ओर आकर्षित करने वाली प्रतिमा है सभी मंदिरों में मां काली की प्रतिमा रुद्र रूप में देखने को मिलती लेकिन इस मंदिर में मां का रूप सोम रूप दिखाया गया है

इसे भी पढ़े-मां कूष्मांडा देवी मंदिर की पिंडी से आज भी रिसता है पानी, जानिए मातारानी की महिमा.... - Shardiya Navratri 2024

देवी ने दिए स्वप्न में दर्शन: कई दशक पूर्व स्थानीय मुकुंदराव चौबे को काली देवी ने स्वप्न में दर्शन दिए और कहा टैंक चौराहे के पास मेरा एक मंदिर स्थापित कराया जाए तभी तेरा उद्धार होगा. यह कहकर काली देवी अंतर्ध्यान हो गई. चौबे जी कई दिनों तक बेचैन रहे. ओर कारीगरों द्वारा जयपुर से काली देवी की प्रतिमा जोकि मात्र पांच इंच की काले संगमरमर से बनवाई गई .और यहां आकर काली देवी का मंदिर स्थापित कराया गया।

मंदिर पुजारी दिनेश चतुर्वेदी ने दी जानकारी (video credit- Etv Bharat)
नवरात्र के दिनों में लगता है मेला: मंदिर पुजारी दिनेश चतुर्वेदी ने बताया, जिस प्रकार स्वप्न में देवी ने दर्शन दिए थे. उसी प्रकार छोटी सी प्रतिमा तैयार की गई. 70 साल पुराना प्राचीन मंदिर बना हुआ है. हर रोज श्रद्धालुओं का यहां दर्शन करने के लिए तांता लगता है. हर साल यहां नवरात्र के दिनों में विशाल मेला लगता है. देवी के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. मंदिर में अनेक अनुष्ठान कराये जाते हैं. गणेश पूजन, दुर्गा चालीसा, नौ दुर्गा पाठ, पूरे नौ दिनों तक किया जाता है. पूरे देश दुनिया भर में इससे छोटी प्रतिमा मां काली की कहीं नहीं है. मां काली का रुद्र रूप देखने को मिलता है. लेकिन, इस मंदिर में सोम रूप में स्थापित की गई.यह भी पढ़े-प्रयागराज का मां ललिता देवी माता मंदिर है बेहद खास, जानें क्यों नवरात्र में यहां लगती हैं श्रद्धालुओं की लंबी कतारें - Maa Lalita Devi Mandir in Prayagraj

मथुरा: शारदीय नवरात्र के सातवे दिन मां काली की पूजा की जाती है हर रोज दूर दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए मंदिरों में जाते हैं. शहर के टैंक चौराहे पर स्थित काली देवी का प्राचीन मंदिर है. जितनी छोटी प्रतिमा उतनी ही ज्यादा मान्यता. वैसे तो मां काली का रुद्र रूप देखने को मिलता है. लेकिन इस मंदिर में सोम रूप दिखाया गया है.

काली देवी का प्राचीन मंदिर: शहर के टैंक चौराहे पर स्थित काली देवी का प्राचीन मंदिर सात दशक पुराना है. हर साल मंदिर में परिसर में विशाल मेला आयोजित किया जाता था. दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते थे.शारदीय चैत्र नवरात्र के दिनों में दुर्गा चालीसा का अखंड पाठ, देवी का रतजगा के साथ भंडारा आयोजित किया जाता था. काली देवी मंदिर मे दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.

मात्र पांच इंच की प्रतिमा काली देवी की: आसपास के जिले ही नही दुनिया भर में काली देवी की इतनी छोटी प्रतिमा कहीं नहीं है. मान्यता है कि एक बार देवी के दर्शन करने से ही मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. और भक्त दर्शन करने के लिए यहां खिंचा चला आता है. इस मंदिर में काली देवी की मात्र पांच इंच की प्रतिमा स्थापित है. जोकि सुंदर और अपनी ओर आकर्षित करने वाली प्रतिमा है सभी मंदिरों में मां काली की प्रतिमा रुद्र रूप में देखने को मिलती लेकिन इस मंदिर में मां का रूप सोम रूप दिखाया गया है

इसे भी पढ़े-मां कूष्मांडा देवी मंदिर की पिंडी से आज भी रिसता है पानी, जानिए मातारानी की महिमा.... - Shardiya Navratri 2024

देवी ने दिए स्वप्न में दर्शन: कई दशक पूर्व स्थानीय मुकुंदराव चौबे को काली देवी ने स्वप्न में दर्शन दिए और कहा टैंक चौराहे के पास मेरा एक मंदिर स्थापित कराया जाए तभी तेरा उद्धार होगा. यह कहकर काली देवी अंतर्ध्यान हो गई. चौबे जी कई दिनों तक बेचैन रहे. ओर कारीगरों द्वारा जयपुर से काली देवी की प्रतिमा जोकि मात्र पांच इंच की काले संगमरमर से बनवाई गई .और यहां आकर काली देवी का मंदिर स्थापित कराया गया।

मंदिर पुजारी दिनेश चतुर्वेदी ने दी जानकारी (video credit- Etv Bharat)
नवरात्र के दिनों में लगता है मेला: मंदिर पुजारी दिनेश चतुर्वेदी ने बताया, जिस प्रकार स्वप्न में देवी ने दर्शन दिए थे. उसी प्रकार छोटी सी प्रतिमा तैयार की गई. 70 साल पुराना प्राचीन मंदिर बना हुआ है. हर रोज श्रद्धालुओं का यहां दर्शन करने के लिए तांता लगता है. हर साल यहां नवरात्र के दिनों में विशाल मेला लगता है. देवी के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. मंदिर में अनेक अनुष्ठान कराये जाते हैं. गणेश पूजन, दुर्गा चालीसा, नौ दुर्गा पाठ, पूरे नौ दिनों तक किया जाता है. पूरे देश दुनिया भर में इससे छोटी प्रतिमा मां काली की कहीं नहीं है. मां काली का रुद्र रूप देखने को मिलता है. लेकिन, इस मंदिर में सोम रूप में स्थापित की गई.यह भी पढ़े-प्रयागराज का मां ललिता देवी माता मंदिर है बेहद खास, जानें क्यों नवरात्र में यहां लगती हैं श्रद्धालुओं की लंबी कतारें - Maa Lalita Devi Mandir in Prayagraj
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.