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दिल्ली केदारनाथ मंदिर विवाद, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने जताई नाराजगी, धामी सरकार को दी ये सलाह - Delhi Kedarnath Temple controversy - DELHI KEDARNATH TEMPLE CONTROVERSY

kedarnath temple Controversy शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दिल्ली में बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही उन्होंने धामी सरकार को जन भावनाओं का आदर करते हुए इस तरह का कृत्य नहीं करने की सलाह दी.

kedarnath temple in delhi
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 14, 2024, 8:58 PM IST

Updated : Jul 14, 2024, 10:11 PM IST

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दिल्ली केदारनाथ मंदिर पर जताई नाराजगी (video-ETV Bharat)

श्रीनगर: दिल्ली में बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जताई है. उन्होंने केदारनाथ धाम ट्रस्ट और उत्तराखंड सरकार से सवाल किया है कि आखिर केदारनाथ धाम के नाम से राजधानी दिल्ली में मंदिर बनाने की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने कहा केदारनाथ धाम नाम से कहीं भी मंदिर की स्थापना नहीं की जा सकती है. ऐसे कर केदारनाथ धाम की गरिमा और महत्व को कम करने का प्रयास किया जा रहा है.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने जताई नाराजगी: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा मध्य हिमालय स्थित केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इसको पुराण में हिमालय तु केदारं कहा गया है. केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग को सतयुग का ज्योतिर्लिंग भी कहा गया है. उन्होंने कहा 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के अस्तित्व और महत्व को कम करने की किसी भी योजना को सफल नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण पर नाराजगी जताई है.

अविमुक्तेश्वरानंद बोले जन भावनाओं को न पहुंचाएं ठेस: शंकराचार्य ने कहा एक निजी ट्रस्ट द्वारा केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और विधायकों का उपस्थित रहना उचित नहीं है. इस पर उत्तराखंड राज्य सरकार को भी विचार करना चाहिए. वहीं, अगर वे मंदिर की स्थापना ही करना चाहते हैं, तो किसी अन्य नाम से मंदिर स्थापित कर सकते हैं. हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने संबंधित लोगों को जन भावनाओं का आदर करते हुए इस तरह का कृत्य नहीं करने की सलाह दी.

तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में दिया धरना: बता दें कि आज केदारनाथ धाम में दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर बनाने के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने धरना प्रदर्शन किया. साथ ही तीर्थ पुरोहित समाज और चारधाम महापंचायत ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी.

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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दिल्ली केदारनाथ मंदिर पर जताई नाराजगी (video-ETV Bharat)

श्रीनगर: दिल्ली में बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जताई है. उन्होंने केदारनाथ धाम ट्रस्ट और उत्तराखंड सरकार से सवाल किया है कि आखिर केदारनाथ धाम के नाम से राजधानी दिल्ली में मंदिर बनाने की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने कहा केदारनाथ धाम नाम से कहीं भी मंदिर की स्थापना नहीं की जा सकती है. ऐसे कर केदारनाथ धाम की गरिमा और महत्व को कम करने का प्रयास किया जा रहा है.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने जताई नाराजगी: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा मध्य हिमालय स्थित केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इसको पुराण में हिमालय तु केदारं कहा गया है. केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग को सतयुग का ज्योतिर्लिंग भी कहा गया है. उन्होंने कहा 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के अस्तित्व और महत्व को कम करने की किसी भी योजना को सफल नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण पर नाराजगी जताई है.

अविमुक्तेश्वरानंद बोले जन भावनाओं को न पहुंचाएं ठेस: शंकराचार्य ने कहा एक निजी ट्रस्ट द्वारा केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और विधायकों का उपस्थित रहना उचित नहीं है. इस पर उत्तराखंड राज्य सरकार को भी विचार करना चाहिए. वहीं, अगर वे मंदिर की स्थापना ही करना चाहते हैं, तो किसी अन्य नाम से मंदिर स्थापित कर सकते हैं. हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने संबंधित लोगों को जन भावनाओं का आदर करते हुए इस तरह का कृत्य नहीं करने की सलाह दी.

तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में दिया धरना: बता दें कि आज केदारनाथ धाम में दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर बनाने के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने धरना प्रदर्शन किया. साथ ही तीर्थ पुरोहित समाज और चारधाम महापंचायत ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी.

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Last Updated : Jul 14, 2024, 10:11 PM IST
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