रायपुर: न्याय के देवता शनिदेव 29 और 30 जून की दरम्यानी रात कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं. सूर्यपुत्र शनि देव मनुष्य को कर्मों का फल देते हैं. शनि वक्री होंगे यानी उल्टी चाल चलने वाले हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का महत्व बताया गया है. शनि देवता पुण्य फल में इतना देते हैं कि उन्हें समेटना मुश्किल हो जाता है और शनि की वक्र दृष्टि पड़ने से राजा भी रंग बन जाता है. शनि देवता कुंभ राशि में 15 नवंबर तक वक्रीय रहेंगे. शनि देवता कुंभ राशि में वक्रीय होते हैं, तो अलग-अलग राशि वाले जातकों पर इसका अलग-अलग प्रभाव भी देखने को मिलेगा.
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी से बातचीत की. आइये जानते हैं कौन सी राशि पर शनि के कुंभ राशि पर वक्री होने से कैसा प्रभाव पड़ता है.
इन राशियों के लिए पेनिक होगा माहौल: ज्योतिषाचार्य पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने कहा, "शनि धनु राशि वाले जातकों के लिए पैनिक होंगे. सिंह राशि वाले जातकों के लिए भी पेनिक होंगे. इसके साथ ही शनि वृषभ राशि वाले जातकों के लिए भी पेनिक रहने वाले हैं. वृषभ राशि वाले जातकों के लिए ज्यादा पेनिक होने वाला है, क्योंकि कि शनि की वक्रीय दृष्टि तीसरे सातवें और दसवें स्थान में पड़ेगी. इस राशि वाले जातक अब तक जो थोड़े सुखी थे. अब इनको संघर्ष करना पड़ेगा."
मीन राशि वाले जातकों के लिए शनि 12 वें स्थान में होने पर थोड़ा हानि दे सकते है. कन्या और कर्क राशि वाले जातकों के लिए शनि छठवें स्थान में होने पर इन राशि वाले जातकों के लिए दुखदाई होंगे. बाकी सभी राशि वाले शनि की वक्रीय यानी उल्टी चाल से अच्छा महसूस करेंगे. जैसे मेष, मिथुन, तुला, वृश्चिक और और मकर राशि अपने आप को काफी बेहतर महसूस करेंगे. -पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य
ऐसे में शनि की उल्टी चाल से सभी राशियों पर अलग अलग प्रभाव पड़ने वाला है. ऐसे में जातकों को सतर्क रहने की जरूरत है. साथ ही ऐसे समय में जातक शनिदेव को खुश करने के लिए शनिदेव की खास विधि से पूजा अर्चना कर सकते हैं.
नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें पंडित जी की तरफ से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.