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निर्मल महतो पार्क का हाल बेहाल, नए साल का स्वागत करने पहुंच रहे सैलानियों में उदासी - SHAHID NIRMAL MAHTO PARK

हजारीबाग में शहीद निर्मल महतो पार्क खंडहर अवस्था में पहुंच गया है. रखरखाव नहीं करने से यह जर्जर होता जा रहा है.

SHAHID NIRMAL MAHTO PARK
निर्मल महतो बना खंडहार (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 16 hours ago

हजारीबाग: नए वर्ष के स्वागत के लिए अगर आपने निर्मल महतो पार्क की तैयारी की है, तो आपके यहां मायूसी हाथ लग सकती है. नगर निगम और संचालक की लापरवाही के कारण निर्मल महतो पार्क का हाल बेहाल है. टूटे हुए बेंच, रंग उड़ी हुई मूर्ति और सूखे घास इसकी पहचान बन कर रह गई है.

संवाददाता गौरव प्रकाश की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)


हजारीबाग का शहीद निर्मल महतो पार्क राज्य में सबसे बड़े पार्कों में से एक है. जो लगभग 33 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. 2013 में पार्क आम जनता के लिए खोला गया है. शुरुआती दौर में यहां सैलानियों के स्वागत के लिए झूले, फव्वारा, जुरासिक पार्क समेत कई तरह के मूर्ति समेत अन्य सामान लगाए गए थे. समय बीतने के साथ-साथ झूले समेत अन्य सामान टूटते चले गए. पार्क में एक फव्वारा लगाया गया था जो लोगों को आकर्षित करता था, वह भी खराब हो चुका है.

जुरासिक पार्क के नाम से अलग से आकर्षक यूनिट तैयार की गयी थी, वह यूनिट भी अब टूट रही है. बच्चों को आकर्षित करने के लिए जगह-जगह जानवर की मूर्ति भी बनाई गई थी. जिसमें चिंपांजी आकर्षण का केंद्र बिंदु था. वह भी अब अपनी बदहाली को लेकर रो रहा है. 33 एकड़ में फैला या पार्क कई मायनों में बेहद आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा था. लेकिन रखरखाव और उदासीनता की बदहाली यह खुद ही बयां कर रहा है.

यह पार्क 5 साल के लिए मनोज कुमार सिन्हा को लीज पर दिया गया है. उनका भी कहना है कि जब उन्हें पार्क हैंड ओवर किया गया, उसी वक्त कई सामान टूटे-फूटे थे. जिसकी तस्वीर और रिकॉर्डिंग की गई थी. निगम के द्वारा कहा गया था कि सभी को दुरुस्त किया जाएगा. लेकिन नगर निगम ने हैंड ओवर करने के बाद कभी पलट कर देखा तक नहीं. नगर निगम के कई कर्मी निर्मल महतो पार्क में काम भी कर रहे हैं और उन्हें वेतन भी दिया जा रहा है. लेकिन उनसे भी सहयोग नहीं मिल पाता है.

वहीं, अगर सैलानियों की बात कही जाए तो उनका भी कहना है कि यह पार्क अब सिर्फ कहने भर का है. इतने बड़े पार्क में 25 रुपए प्रति व्यक्ति एंट्री फीस ली जाती है. रख रखाव के अभाव में पार्क खराब हो रहा है. मूर्ति, झूले, फाउंटेन सभी खराब हो चुके हैं. वैसा कुछ अंदर देखने को नहीं मिलता है. पार्क काफी बड़ा है, ऐसे में यहां अश्लीलता जरूर फैल रहा है. जिसे रोकने वाला भी कोई नहीं है.

इस बाबत नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त अनिल पांडे का कहना है कि जिले में कई पार्क हैं. सभी पार्कों का जीर्णोद्धार करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. हाल के दिनों में बैठक कर तय किया गया है कि जहां भी कमी है उसे ठीक किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- निर्मल महतो पार्क में शहीदों को नहीं मिल रहा सम्मान! रखरखाव के अभाव में प्रतिमाएं हो रहीं खराब

40 माह से ईपीएफ का पैसा नहीं हुआ खाते में जमा, तो मजदूरों ने निर्मल महतो पार्क में जड़ दिया ताला

कैसे रहेगा हजारीबाग स्वच्छ, पार्क में सड़ रहा सड़क किनारे रहने वाला कूड़ेदान - dustbin in Hazaribag Park

हजारीबाग: नए वर्ष के स्वागत के लिए अगर आपने निर्मल महतो पार्क की तैयारी की है, तो आपके यहां मायूसी हाथ लग सकती है. नगर निगम और संचालक की लापरवाही के कारण निर्मल महतो पार्क का हाल बेहाल है. टूटे हुए बेंच, रंग उड़ी हुई मूर्ति और सूखे घास इसकी पहचान बन कर रह गई है.

संवाददाता गौरव प्रकाश की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)


हजारीबाग का शहीद निर्मल महतो पार्क राज्य में सबसे बड़े पार्कों में से एक है. जो लगभग 33 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. 2013 में पार्क आम जनता के लिए खोला गया है. शुरुआती दौर में यहां सैलानियों के स्वागत के लिए झूले, फव्वारा, जुरासिक पार्क समेत कई तरह के मूर्ति समेत अन्य सामान लगाए गए थे. समय बीतने के साथ-साथ झूले समेत अन्य सामान टूटते चले गए. पार्क में एक फव्वारा लगाया गया था जो लोगों को आकर्षित करता था, वह भी खराब हो चुका है.

जुरासिक पार्क के नाम से अलग से आकर्षक यूनिट तैयार की गयी थी, वह यूनिट भी अब टूट रही है. बच्चों को आकर्षित करने के लिए जगह-जगह जानवर की मूर्ति भी बनाई गई थी. जिसमें चिंपांजी आकर्षण का केंद्र बिंदु था. वह भी अब अपनी बदहाली को लेकर रो रहा है. 33 एकड़ में फैला या पार्क कई मायनों में बेहद आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा था. लेकिन रखरखाव और उदासीनता की बदहाली यह खुद ही बयां कर रहा है.

यह पार्क 5 साल के लिए मनोज कुमार सिन्हा को लीज पर दिया गया है. उनका भी कहना है कि जब उन्हें पार्क हैंड ओवर किया गया, उसी वक्त कई सामान टूटे-फूटे थे. जिसकी तस्वीर और रिकॉर्डिंग की गई थी. निगम के द्वारा कहा गया था कि सभी को दुरुस्त किया जाएगा. लेकिन नगर निगम ने हैंड ओवर करने के बाद कभी पलट कर देखा तक नहीं. नगर निगम के कई कर्मी निर्मल महतो पार्क में काम भी कर रहे हैं और उन्हें वेतन भी दिया जा रहा है. लेकिन उनसे भी सहयोग नहीं मिल पाता है.

वहीं, अगर सैलानियों की बात कही जाए तो उनका भी कहना है कि यह पार्क अब सिर्फ कहने भर का है. इतने बड़े पार्क में 25 रुपए प्रति व्यक्ति एंट्री फीस ली जाती है. रख रखाव के अभाव में पार्क खराब हो रहा है. मूर्ति, झूले, फाउंटेन सभी खराब हो चुके हैं. वैसा कुछ अंदर देखने को नहीं मिलता है. पार्क काफी बड़ा है, ऐसे में यहां अश्लीलता जरूर फैल रहा है. जिसे रोकने वाला भी कोई नहीं है.

इस बाबत नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त अनिल पांडे का कहना है कि जिले में कई पार्क हैं. सभी पार्कों का जीर्णोद्धार करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. हाल के दिनों में बैठक कर तय किया गया है कि जहां भी कमी है उसे ठीक किया जाएगा.

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40 माह से ईपीएफ का पैसा नहीं हुआ खाते में जमा, तो मजदूरों ने निर्मल महतो पार्क में जड़ दिया ताला

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