शहडोल: जिला भले ही आदिवासी बाहुल्य इलाका है, लेकिन ये क्रिकेट का गढ़ भी बन चुका है. अब यहां के खिलाड़ी इस आदिवासी अंचल से निकलकर इंटरनेशनल लेवल तक अपनी धमक दिखा रहे हैं. लगातार यहां से युवा खिलाड़ी निकल रहे हैं, जो अपनी एक अलग पहचान देश दुनिया में बना रहे हैं. इन दिनों बीसीसीआई की वीनू मांकड़ ट्रॉफी चल रही है. जिसमें एक बार फिर से इस अंडर-19 लिमिटेड ओवर के क्रिकेट में शहडोल के 2 युवा क्रिकेटर अपने शानदार खेल से लोगों का ध्यान खींच रहे हैं.
वीनू मांकड़ ट्रॉफी में मचा रहे तहलका
बीसीसीआई की इन दिनों अंडर 19 वीनू मांकड़ ट्रॉफी चल रही है. इस ट्रॉफी में मध्य प्रदेश की टीम भी खेल रही है. मध्य प्रदेश की टीम में शहडोल के 2 युवा क्रिकेटर भी खेल रहे हैं, जो लगातार अपने खेल से लोगों को प्रभावित कर रहे हैं. शहडोल से जो दो युवा वीनू मांकड़ ट्रॉफी खेल रहे हैं. उसमें से एक अक्षय द्विवेदी है. जो की एक अच्छे ऑलराउंडर हैं. बल्लेबाजी के साथ मीडियम पेस गेंदबाजी भी करते हैं. वहीं कुमार आर्यन विकेटकीपर बल्लेबाज हैं और बेहतर प्रदर्शन से अब तक के टूर्नामेंट में कामयाब रहे हैं.
वीनू मांकड़ ट्रॉफी में प्रदर्शन
वीनू मांकड़ ट्रॉफी में मध्य प्रदेश की टीम ने अब तक तीन मैच खेले हैं. जिसमें दो मैचों जीत हासिल की है और एक मैच में हर का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश ने पहला मैच छत्तीसगढ़ से खेला था. इस मैच में शहडोल के अक्षत द्विवेदी ने ऑलराउंड खेल का प्रदर्शन किया. महज 23 गेंद में ताबड़तोड़ 46 रन की नाबाद पारी खेली और गेंदबाजी में 10 ओवर का अपना पूरा स्पेल भी किया. जिसमें 37 रन खर्च करके 2 अहम विकेट भी निकाले, तो वहीं कुमार आर्यन ने शानदार विकेट कीपिंग के साथ ही 46 रन की बेहतरीन पारी खेली.
अक्षत द्विवेदी ने गेंद से किया कमाल
मध्य प्रदेश की टीम ने अपना दूसरा मुकाबला केरल के साथ खेला. इस मुकाबले में अक्षत द्विवेदी को बहुत ज्यादा बल्लेबाजी का मौका तो नहीं मिला, लेकिन 27 रन बना कर नाबाद रहे. छह ओवरों में 15 रन खर्च करके 2 विकेट निकाले. वहीं कुमार आर्यन ने शानदार विकेट कीपिंग करते हुए बल्ले से भी टीम के लिए रन बना रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश ने अपना तीसरा मैच बिहार के खिला खेला. जहां अक्षत द्विवेदी ने एक बार फिर से 26 रन की नाबाद पारी खेली. वहीं तीसरे मैच में अक्षत द्विवेदी ने 6 ओवर की गेंदबाजी में महज पांच रन ही दिए. इसके अलावा कुमार आर्यन भी एक अच्छे मंझे हुए विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. जिसका नजारा मौजूद वीनू मांकड़ ट्रॉफी में देखने को मिल रहा है.
इंटरनेशनल लेवल तक शहडोल की धमक
क्रिकेट के मामले में शहडोल की पहचान इंटरनेशनल लेवल तक है. अभी विमेंस T20 वर्ल्ड कप चल रहा है. जिसमें शहडोल की पूजा वस्त्रकार भारतीय महिला टीम से खेल रही हैं, जो इन दिनों भारतीय महिला टीम की सबसे सीनियर मीडियम पेसर गेंदबाज हैं. वहीं बल्लेबाजी करने में पूजा वस्त्रकार भारतीय महिला टीम की टेस्ट वनडे T20 सभी तीनों फॉर्मेट के क्रिकेट में प्रमुख खिलाड़ियों में से एक हैं. इसके अलावा हिमांशु मंत्री और कुमार कार्तिकेय जो की शहडोल से ही क्रिकेट खेलते थे. ये मध्य प्रदेश रणजी टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक हैं. मध्य प्रदेश के अलग-अलग वर्ग में शहडोल के कई खिलाड़ी हर साल अपनी जगह बनाते हैं.
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क्रिकेट का गढ़ बन चुका है शहडोल
शहडोल जिला भले ही आदिवासी बहुल इलाका है, लेकिन अब यह क्रिकेट का गढ़ बन चुका है. पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है. जिस तरह से यहां के युवा क्रिकेटर अलग-अलग फॉर्मेट में अपनी छाप छोड़ रहे हैं और अपने खेल से तहलका मचा रहे हैं. उसके बाद क्रिकेट के गढ़ के तौर पर ये जिला स्थापित होता जा रहा है. संभागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी कहते हैं कि "जब से शहडोल संभाग बना है. यहां से लगातार खिलाड़ी निकल रहे हैं. हमारा यही प्रयास है कि हम इस आदिवासी अंचल से लगातार अच्छे क्रिकेटर निकाल कर देते रहें. जिससे मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का नाम रोशन होता रहे, और शहडोल की एक अलग पहचान बनती रहे. शहडोल की पहचान अब धीरे-धीरे क्रिकेट के गढ़ के तौर पर हो रही है."