Tulsi Removes Negative Energy: हिंदू धर्म में तुलसी को लेकर बहुत सारी मान्यताएं हैं क्योंकि इस धर्म में लोग पूजा पाठ में बहुत विश्वास करते हैं. ज्यादातर घरों में आप देखेंगे कि हर घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगा होता है, क्योंकि सनातन धर्म में इसका बहुत बड़ा महत्व बताया गया है. लोग इसे मां का दर्जा देकर रोज सुबह शाम इसकी पूजा करते हैं.जब भी घरों में कुछ विशेष कार्य होता है तो तुलसी का पूजन सबसे पहले और जरूरी होता है. हमारी भारतीय संस्कृति में तुलसी पूजन को बहुत शुभ और सुख समृद्धि के लिए लाभकारी बताया गया है.
तुलसी का धार्मिक महत्व
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि तुलसी का ज्योतिषीय महत्व बहुत ज्यादा है.तुलसी भगवान विष्णु की बहुत प्रिय हैं, इसलिए लक्ष्मी के रूप में तुलसी को माना जाता है. तुलसी का दल अगर भोजन में पड़ जाए और उस भोजन का पान करें तो तो शास्त्रों में उल्लेख है की वो भोजन किसी अमृत से कम नहीं होता है.
- ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि अगर आप कोई भी पूजन करें और पूजन करने के बाद अगर आपने जो भोग भगवान को लगाया है, उसमें अगर तुलसी दल नहीं पड़ा है, तो शास्त्रों में उल्लेख कि वो भोजन भगवान प्राप्त नहीं करते हैं.
- तुलसी का पौधा इतना धार्मिक महत्व का है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है शास्त्र में उल्लेख है भूत प्रेत का निवास वहां नहीं होता है.
- अगर तुलसी का पौधा घर में है और उसकी छाया अगर घर में पड़ रही है और उसमें से तुलसी दल को तोड़कर के हम किसी भगवान को चढ़ाते हैं, तो उस घर में हमेशा कल्याण होता है, रोग का संचार नहीं होता है.
ये भी पढ़ें: |
- ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां जितने भी लोग निवास करते हैं और उनकी छाया रहती है उस घर में हमेशा शुभ मंगल कार्यक्रम होते हैं. जो भी अवगुण हैं वो दूर होते हैं, सकारात्मक ऊर्जा उस घर में हमेशा जाती है.
- तुलसी का पौधा हर घर में इसलिए भी लगाना जरूरी होता है क्योंकि 33 करोड़ देवी देवता होते हैं और उन देवी देवताओं में तुलसी जी का पहला स्थान होता है. चाहे फिर आंगन हो या कोई और जगह हो जहां तुलसी का पौधा लगा होता है वहां 33 करोड़ देवी देवताओं का आना जाना लगा रहता है और घर में हमेशा सुखद वातावरण बना रहता है.
- इसके अलावा भी तुलसी का विशेष और बड़ा धार्मिक महत्व है किसी व्यक्ति की जब मृत्यु होती है तो उस अंतिम समय में भी तुलसी और गंगाजल को ही उसके मुंह में डाला जाता है, जिससे उस व्यक्ति की आत्मा को शांति और स्वर्ग मिल सके.