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किसानों की मौज, मार्केट में आई गजब मशीन, घंटों का काम मिनटों में और मुनाफा भी जबरदस्त - SHAHDOL PADDY CULTIVATION

शहडोल में ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर से खेतों में कटाई-गहाई करना आसान हुआ. घंटों का काम मिनटों में होगा. शहडोल से अखिलेश शुक्ला की रिपोर्ट

MULTI CROP COMBINE HARVESTER
घंटों का काम मिनटों में करेंगी यह मशीन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 4, 2025, 8:03 PM IST

शहडोल (अखिलेश शुक्ला): खेती किसानी में आधुनिकता का दौर चल रहा है. किसान ने खेती को आसान बनाने के लिए नई-नई मशीनों का प्रयोग करना शुरू कर दिया है. शहडोल जिले में ज्यादातर खेत गहरे हैं, जिनमें अक्सर नमी बनी रहती है. जिसकी वजह से फसल में काफी असर पड़ता है. वहीं गहरे खेतों में फसलों की कटाई और गहाई करने में समस्या आती थी, जो अब नहीं आएगी. क्यों कि मार्केट में एक ऐसी मशीन आ चुकी है, जो घंटों का काम मिनटों में निपटाएगी.

मार्केट में आ गई गजब मशीन

किसानों की बड़ी समस्या का समाधान मिल गया है. मार्केट में एक ऐसी मशीन आ चुकी है, जिसके पास किसानों की हर समस्या का समाधान है. हम बात कर रहे हैं 'ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर' की. इस मशीन को लेकर कृषि अभियांत्रिकी विभाग शहडोल के असिस्टेंट इंजीनियर रितेश पयासी ने बताया कि "यह ऐसी मशीन है, जो फसलों के कटाई और गहाई के काम में आती है. यह नमी वाले खेतों में भी आसानी से काम कर सकेगी. इसके अलावा यह मशीन छोटे-छोटे खेतों में घुसकर आसानी से कटाई और गहाई कर सकती है."

Shahdol paddy cultivation easier
नमी में फसल की कटाई हुई आसान (ETV Bharat)

कैसी है ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन?

असिस्टेंट इंजीनियर रितेश पयासी ने बताया, "ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन में पहिए नहीं होते है, इसमें रबड़ का ट्रैक होता है. जिसकी वजह से यह मशीन नमी वाले खेतों में आसानी से चली जाती है. साथ ही बड़ी आसानी से कटाई और गहाई करती है. इसको एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए ट्राला उपयोग करना पड़ता है. जिसमें ये आसानी से चढ़ जाता है, यह ट्राला एक से दो लाख रुपए के बीच में आता है. इसमें रखकर इसे एक जगह से दूसरे खेत पर ले जाया जाता है."

कितने की आती है मशीन?

ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन अलग-अलग कंपनियों की आती है. रितेश पयासी ने बताया कि "25 से 35 लाख के बीच में ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन आती है, वो भी अलग-अलग एचपी में मिलती है. कंपनी के हिसाब से रेट कम ज्यादा हो सकते हैं. इनके सामने जो कटर बार होता है, उसके माध्यम से मशीन की क्षमता का आकलन किया जाता है. इस कटर बार के जरिए ही फसल की कटाई की जाती है. 6 से 14 फीट तक के अलग-अलग कटर बार मिलते हैं. इन कटर बार के हिसाब से ही मशीन के रेट तय होते हैं."

Track Type Paddy Harvester Machine
ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन (ETV Bharat)

इसके लिए एक्सपर्ट ड्राइवर की जरूरत नहीं

ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन को चलाना भी आसान है. कोई भी ड्राइवर इसको बड़ी आसानी से चला सकता है. जबकि दूसरे हार्वेस्टरों को चलाने के लिए एक्सपर्ट ड्राइवर की जरूरत पड़ती है. बड़े हार्वेस्टर्स को चलाने के लिए पंजाब क्षेत्र से ड्राइवर बुलवाने पड़ते है. वहीं इसको कोई भी व्यक्ति एक-दो दिन की ट्रेनिंग में चला सकता है. इसके लिए एक्सपर्ट ड्राइवर की जरूरत नहीं होती है. इससे छोटे-छोटे खेतों में काम किया जा सकता है.

एक घंटे में कितनी कटाई

ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन से फसलों की कटाई में कम समय लगता है. 1 घंटे में एक एकड़ फसल की कटाई आसानी से की जा सकती है. साथ ही लागत कम आती है. 1 एकड़ फसल की कटाई में 6 से 7 लीटर डीजल लगता है. मतलब समय और लागत दोनों में बचत होती है. इसके बाद जो पैरा बचता है, उसे आप हरी खाद बना सकते हैं या फिर जानवरों के खाने के लिए भूसा भी बना सकते हैं.

किन किन फसलों की कटाई

ये मशीन मुख्यतः धान की फसल की कटाई के लिए होती है, लेकिन इसके अलावा उड़द, सोयाबीन की कटाई भी आसानी से की जा सकती है. साथ ही कुछ कंपनियों में ऐसी मशीन भी आ रही हैं, जो गेहूं की भी कटाई कर रही हैं. इसका उपयोग ज्यादातर धान की खेती के लिए होता है.

शहडोल (अखिलेश शुक्ला): खेती किसानी में आधुनिकता का दौर चल रहा है. किसान ने खेती को आसान बनाने के लिए नई-नई मशीनों का प्रयोग करना शुरू कर दिया है. शहडोल जिले में ज्यादातर खेत गहरे हैं, जिनमें अक्सर नमी बनी रहती है. जिसकी वजह से फसल में काफी असर पड़ता है. वहीं गहरे खेतों में फसलों की कटाई और गहाई करने में समस्या आती थी, जो अब नहीं आएगी. क्यों कि मार्केट में एक ऐसी मशीन आ चुकी है, जो घंटों का काम मिनटों में निपटाएगी.

मार्केट में आ गई गजब मशीन

किसानों की बड़ी समस्या का समाधान मिल गया है. मार्केट में एक ऐसी मशीन आ चुकी है, जिसके पास किसानों की हर समस्या का समाधान है. हम बात कर रहे हैं 'ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर' की. इस मशीन को लेकर कृषि अभियांत्रिकी विभाग शहडोल के असिस्टेंट इंजीनियर रितेश पयासी ने बताया कि "यह ऐसी मशीन है, जो फसलों के कटाई और गहाई के काम में आती है. यह नमी वाले खेतों में भी आसानी से काम कर सकेगी. इसके अलावा यह मशीन छोटे-छोटे खेतों में घुसकर आसानी से कटाई और गहाई कर सकती है."

Shahdol paddy cultivation easier
नमी में फसल की कटाई हुई आसान (ETV Bharat)

कैसी है ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन?

असिस्टेंट इंजीनियर रितेश पयासी ने बताया, "ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन में पहिए नहीं होते है, इसमें रबड़ का ट्रैक होता है. जिसकी वजह से यह मशीन नमी वाले खेतों में आसानी से चली जाती है. साथ ही बड़ी आसानी से कटाई और गहाई करती है. इसको एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए ट्राला उपयोग करना पड़ता है. जिसमें ये आसानी से चढ़ जाता है, यह ट्राला एक से दो लाख रुपए के बीच में आता है. इसमें रखकर इसे एक जगह से दूसरे खेत पर ले जाया जाता है."

कितने की आती है मशीन?

ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन अलग-अलग कंपनियों की आती है. रितेश पयासी ने बताया कि "25 से 35 लाख के बीच में ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन आती है, वो भी अलग-अलग एचपी में मिलती है. कंपनी के हिसाब से रेट कम ज्यादा हो सकते हैं. इनके सामने जो कटर बार होता है, उसके माध्यम से मशीन की क्षमता का आकलन किया जाता है. इस कटर बार के जरिए ही फसल की कटाई की जाती है. 6 से 14 फीट तक के अलग-अलग कटर बार मिलते हैं. इन कटर बार के हिसाब से ही मशीन के रेट तय होते हैं."

Track Type Paddy Harvester Machine
ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन (ETV Bharat)

इसके लिए एक्सपर्ट ड्राइवर की जरूरत नहीं

ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन को चलाना भी आसान है. कोई भी ड्राइवर इसको बड़ी आसानी से चला सकता है. जबकि दूसरे हार्वेस्टरों को चलाने के लिए एक्सपर्ट ड्राइवर की जरूरत पड़ती है. बड़े हार्वेस्टर्स को चलाने के लिए पंजाब क्षेत्र से ड्राइवर बुलवाने पड़ते है. वहीं इसको कोई भी व्यक्ति एक-दो दिन की ट्रेनिंग में चला सकता है. इसके लिए एक्सपर्ट ड्राइवर की जरूरत नहीं होती है. इससे छोटे-छोटे खेतों में काम किया जा सकता है.

एक घंटे में कितनी कटाई

ट्रैक टाइप पैडी हार्वेस्टर मशीन से फसलों की कटाई में कम समय लगता है. 1 घंटे में एक एकड़ फसल की कटाई आसानी से की जा सकती है. साथ ही लागत कम आती है. 1 एकड़ फसल की कटाई में 6 से 7 लीटर डीजल लगता है. मतलब समय और लागत दोनों में बचत होती है. इसके बाद जो पैरा बचता है, उसे आप हरी खाद बना सकते हैं या फिर जानवरों के खाने के लिए भूसा भी बना सकते हैं.

किन किन फसलों की कटाई

ये मशीन मुख्यतः धान की फसल की कटाई के लिए होती है, लेकिन इसके अलावा उड़द, सोयाबीन की कटाई भी आसानी से की जा सकती है. साथ ही कुछ कंपनियों में ऐसी मशीन भी आ रही हैं, जो गेहूं की भी कटाई कर रही हैं. इसका उपयोग ज्यादातर धान की खेती के लिए होता है.

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