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नाम सत्यानाशी, काम ठीक उल्टा, ये कांटेदार पौधा कई मर्ज की है दवा - IMPORTANCE OF SATYANASHEE PLANT

हमारे आसपास कई ऐसे पेड़ पौधे पाए जाते हैं जिनमें कुछ न कुछ खासियत होती है. ऐसा ही एक सत्यानाशी नाम का पौधा है जो कि कांटेदार होता है. इसमें पीले रंग के फूल आते हैं, राई के दाने की तरह इसके दाने होते हैं. आयुर्वेद के डॉक्टर की मानें तो इसके पूरे पंचांग का इस्तेमाल इलाज के लिए किया जा सकता है. आप भी जानिए क्या है इस पौधे का महत्व.

Importance of satyanashee Plant
चमत्कारिक पौधा नाम सत्यानाशी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 26, 2024, 3:45 PM IST

Updated : Apr 26, 2024, 4:14 PM IST

चमत्कारिक पौधा नाम सत्यानाशी

शहडोल। प्रकृति ने हमें कई ऐसी अद्भुत चीजें दी हैं, जो मानव जीवन के लिए वरदान से कम नहीं है. हमारे आसपास कई ऐसे छोटे-छोटे पेड़ पौधे पाए जाते हैं जो कई मर्ज की दवा होते हैं. लेकिन उसके बारे में जानकारी न होने की वजह से अब उनके ही अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. लोग उन्हें किसी काम का न समझकर उखाड़ कर फेंक देते हैं. आज हम बात एक ऐसे ही कांटेदार पौधे की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे छुएंगे तो हो सकता है आपके हाथ में उसकी पत्तियों के कांटे भी लग जाएं, लेकिन आयुर्वेद के हिसाब से इस पौधे का काफी महत्व है. इस पौधे का पूरा पंचांग इस्तेमाल होता है और इसे सत्यानाशी के नाम से जाना जाता है.

क्या है सत्यानाशी ?

कहते हैं जैसा नाम वैसा काम. लेकिन इस पौधे का नाम भले ही सत्यानाशी है, लेकिन इसका काम ठीक इसके नाम के उल्टा है. सत्यानाशी का पौधा कांटेदार होता है. डेढ़ से 2 फीट का होता है और कहीं पर भी यह चारे के रूप में उग आता है. इसमें पीले रंग के फूल आते हैं, राई के दाने की तरह इसके दाने होते हैं. लोकल के हिसाब से देखा जाए तो अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नाम से इसे जाना जाता है, ये मेक्सिकन प्लांट है और आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व बताया गया है. आयुर्वेद डॉक्टर की मानें तो इसके पूरे पंचांग का इस्तेमाल होता है. जड़, फूल, पत्ती, तना, दाने सभी का आयुर्वेद में बहुत महत्व है.

कई नामों से जाना जाता है ये पौधा

शहडोल अंचल में आदिवासी वर्ग के लोग इसे कटिल्ली, सियाल काटा और उजर कांटा के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा इंग्लिश में इसे प्रिकली पॉपी, मैक्सिकन पॉपी और येलो थिस्टल के नाम से भी जाना जाता है, तो वहीं संस्कृत में कटुपर्णी के नाम से इसे जाना जाता है. इसका वानस्पतिक नाम आर्जीमोन मैक्सिकाना है और यह पैपैवरेसी कुल का पौधा है.

सत्यानाशी का आयुर्वेद महत्व

सत्यानाशी पौधे को लेकर आयुर्वेद डॉ. अंकित नामदेव बताते हैं कि ये औषधीय महत्व का पौधा है और इसके पूरे पंचांग का इस्तेमाल किया जाता है. पेशाब जिनको रुककर आती है, स्टोन के पेशेंट होते हैं उसमें भी सत्यानाशी के पौधे का 10 एमएल स्वरस काफी उपयोगी होता है. घाव धोने के लिए भी आप इस पौधे के रस उपयोग कर सकते हैं. जिससे काफी फायदा होता है. कफ पित्त से संबंधित जितने भी रोग हैं, जैसे त्वचा का रोग, फोड़े-फुंसी, खुजली वहां पर सत्यानाशी के रस का प्रयोग किया जा सकता है. इसके जड़ का प्रयोग बुखार में किया जाता है.

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सोच समझकर करें इस्तेमाल

आयुर्वेद डॉ. अंकित नामदेव बताते हैं कि ये सत्यानाशी काफी उग्र होता है, इसलिए इसका उपयोग काफी सोच समझकर करना चाहिए. डॉ. की सलाह पर ही करना चाहिए, लेकिन इसके बारे में जानना भी जरूरी है क्योंकि आजकल लोग इसका उपयोग नहीं जानते हैं, इसलिए अब धीरे धीरे इसका अस्तित्व ही खतरे में है. इसलिए इसके औषधीय महत्व को लोगों के लिए जानना भी जरूरी है.

चमत्कारिक पौधा नाम सत्यानाशी

शहडोल। प्रकृति ने हमें कई ऐसी अद्भुत चीजें दी हैं, जो मानव जीवन के लिए वरदान से कम नहीं है. हमारे आसपास कई ऐसे छोटे-छोटे पेड़ पौधे पाए जाते हैं जो कई मर्ज की दवा होते हैं. लेकिन उसके बारे में जानकारी न होने की वजह से अब उनके ही अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. लोग उन्हें किसी काम का न समझकर उखाड़ कर फेंक देते हैं. आज हम बात एक ऐसे ही कांटेदार पौधे की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे छुएंगे तो हो सकता है आपके हाथ में उसकी पत्तियों के कांटे भी लग जाएं, लेकिन आयुर्वेद के हिसाब से इस पौधे का काफी महत्व है. इस पौधे का पूरा पंचांग इस्तेमाल होता है और इसे सत्यानाशी के नाम से जाना जाता है.

क्या है सत्यानाशी ?

कहते हैं जैसा नाम वैसा काम. लेकिन इस पौधे का नाम भले ही सत्यानाशी है, लेकिन इसका काम ठीक इसके नाम के उल्टा है. सत्यानाशी का पौधा कांटेदार होता है. डेढ़ से 2 फीट का होता है और कहीं पर भी यह चारे के रूप में उग आता है. इसमें पीले रंग के फूल आते हैं, राई के दाने की तरह इसके दाने होते हैं. लोकल के हिसाब से देखा जाए तो अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नाम से इसे जाना जाता है, ये मेक्सिकन प्लांट है और आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व बताया गया है. आयुर्वेद डॉक्टर की मानें तो इसके पूरे पंचांग का इस्तेमाल होता है. जड़, फूल, पत्ती, तना, दाने सभी का आयुर्वेद में बहुत महत्व है.

कई नामों से जाना जाता है ये पौधा

शहडोल अंचल में आदिवासी वर्ग के लोग इसे कटिल्ली, सियाल काटा और उजर कांटा के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा इंग्लिश में इसे प्रिकली पॉपी, मैक्सिकन पॉपी और येलो थिस्टल के नाम से भी जाना जाता है, तो वहीं संस्कृत में कटुपर्णी के नाम से इसे जाना जाता है. इसका वानस्पतिक नाम आर्जीमोन मैक्सिकाना है और यह पैपैवरेसी कुल का पौधा है.

सत्यानाशी का आयुर्वेद महत्व

सत्यानाशी पौधे को लेकर आयुर्वेद डॉ. अंकित नामदेव बताते हैं कि ये औषधीय महत्व का पौधा है और इसके पूरे पंचांग का इस्तेमाल किया जाता है. पेशाब जिनको रुककर आती है, स्टोन के पेशेंट होते हैं उसमें भी सत्यानाशी के पौधे का 10 एमएल स्वरस काफी उपयोगी होता है. घाव धोने के लिए भी आप इस पौधे के रस उपयोग कर सकते हैं. जिससे काफी फायदा होता है. कफ पित्त से संबंधित जितने भी रोग हैं, जैसे त्वचा का रोग, फोड़े-फुंसी, खुजली वहां पर सत्यानाशी के रस का प्रयोग किया जा सकता है. इसके जड़ का प्रयोग बुखार में किया जाता है.

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सोच समझकर करें इस्तेमाल

आयुर्वेद डॉ. अंकित नामदेव बताते हैं कि ये सत्यानाशी काफी उग्र होता है, इसलिए इसका उपयोग काफी सोच समझकर करना चाहिए. डॉ. की सलाह पर ही करना चाहिए, लेकिन इसके बारे में जानना भी जरूरी है क्योंकि आजकल लोग इसका उपयोग नहीं जानते हैं, इसलिए अब धीरे धीरे इसका अस्तित्व ही खतरे में है. इसलिए इसके औषधीय महत्व को लोगों के लिए जानना भी जरूरी है.

Last Updated : Apr 26, 2024, 4:14 PM IST
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