शहडोल। जिले के गोहपारू ब्लॉक के बरदौहा गांव में उल्टी-दस्त का प्रकोप फैला है. डायरिया से 32 साल की महिला उर्मिला बैगा और 9 साल की बच्ची श्याम बाई बैगा की मौत हो गई. जैसे ही इन्हें उल्टी-दस्त शुरू हुए तो उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहपारु ले जाया गया, वहां से जिला अस्पताल भेजा गया. लेकिन उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई. एक दिन के भीतर दो लोगों की मौत के बाद गांव में हड़कंप मच गया.
स्वास्थ्य विभाग की टीम को 7 और मरीज मिले
मामले की जानकारी लगते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लोगों की जांच की. इस दौरान टीम को उल्टी-दस्त के 7 नए मरीज मिले, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थिति कंट्रोल में है. शहडोल सीएमएचओ डॉ.राजेश मिश्रा का कहना है "जब गोहपारु हॉस्पिटल में पहला मरीज भर्ती हुआ था, तब उन्हें सूचना मिली थी. स्थिति बिगड़ने पर उसे जिला चिकित्सालय भेजा गया था, वहां उसकी मृत्यु हुई. एक बच्ची भी आई थी, उसकी भी उपचार के दौरान मृत्यु हुई. तब से वहां लगातार शिविर लगाए जा रहे हैं."
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खानपान में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस बारे में लोगों को लगातार जागरूक करने के लिए गाइडलाइन जारी की जा रही है. अक्सर दूषित पानी से उल्टी-दस्त का प्रकोप फैलता है. पानी अगर उबालकर पीया जाए तो उल्टी-दस्त की शिकायत नहीं आ सकती. इसके साथ ही बासा खाना भी इसका कारण है. साफ-सफाई के साथ खाना-पीना न खाना भी डायरिया होने का कारण है. बारिश के मौसम में खानपान में सावधानी बरतने की जरूरत है. जहां डायरियाा का प्रकोप है, वहां पानी के नूमने लिए गए हैं.