खूंटीः जिले की छह नाबालिग और एक बालिग लड़कियां जल्द ही अपने घर लौटेंगी और परिजनों से मिल पाएंगी. मानव तस्करों ने इन नाबालिग लड़कियों को दिल्ली समेत आसपास के राज्यों में बेच दिया था, जिन्हें एएचटीयू की यूनिट ने रेस्क्यू किया है. जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी के विभिन्न जिलों की पुलिस और अन्य रिसोर्स के जरिए बेची गई नाबालिग लड़कियों को रेस्कयू किया है. बताया जाता है कि खूंटी की इन नाबालिग लड़कियों को दूसरे प्रदेशों में बड़े-बड़े सेठ के घरों में नौकरानी का काम कराया जाता था.
नाबालिग बच्चियों के लापता होने की मिली थी सूचना
खूंटी जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से बच्चियों के लापता का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने बाल कल्याण समिति और एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) के नेतृत्व में एक टीम को देश की राजधानी दिल्ली समेत पंजाब के लुधियाना, यूपी और राजस्थान भेजा है. गठित टीम में बाल कल्याण समिति पदाधिकारी समिमुद्दीन अंसारी, महिला थाना सह एएचटीयू प्रभारी फुलमनी टोप्पो और एएसआई रमजानुल हक शामिल हैं.
दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी में बेची गई थी लड़कियां
खूंटी की स्पेशल टीम विगत एक सप्ताह के दौरान दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी के जिलों के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर मानव तस्करी की शिकार सात नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू किया है. रेस्क्यू की गई बच्चियों की उम्र 14 से 15 साल है, जबकि एक बच्ची बालिग है. सूत्रों के अनुसार मानव तस्कर इन बच्चियों को सब्जबाग दिखाकर खूंटी से दिल्ली ले गए थे और दिल्ली से उन्हें विभिन्न एजेंसियों के जरिए बड़े-बड़े सेठों के यहां बेच दिया था. बच्चियों से घर में नौकरानी की तरह काम कराया जाता था, लेकिन पैसे नहीं दिए जाते थे.
अब तक सात बच्चियों को किया गया रेस्क्यू
जिला बाल कल्याण पदाधिकारी सुमन सिंह ने बताया कि अबतक मानव तस्करी की शिकार सात बच्चियों को बरामद किया जा चुका है. जिसमें अधिकतर बच्चियां रनिया थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं. उन्होंने बताया कि अन्य लापता बच्चियों की भी तलाश जारी है. सुमन सिंह ने बताया कि रेस्क्यू अभियान जारी है और जल्द ही टीम अन्य बच्चियों की तलाश कर खूंटी लौटेगी. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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