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स्पीकर के फैसले के खिलाफ BJP विधायक पहुंचे हाईकोर्ट, कहा- अनिश्चितकाल तक निलंबित नहीं रख सकते

दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भाजपा के निलंबित विधायकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी है. कोर्ट मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 19, 2024, 11:52 AM IST

Updated : Feb 19, 2024, 5:17 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा स्पीकर द्वारा बीजेपी के सात विधायकों को निलंबित किए जाने के फैसले की हाईकोर्ट में चुनौती दी है. बीजेपी के विधायकों ने इसको अर्जेंट मैटर बताते हुए इस पर आज ही सुनवाई की अपील की है. विधायकों की ओर से वकील जयंत मेहता ने कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने उठाया.

उन्होंने कहा कि इन सातों विधायकों को गलत तरीके से विधानसभा से निलंबित किया गया है. ऐसा करना असंवैधानिक और विधानसभा के नियमों के विपरीत है. जिसके बाद कोर्ट ने आज ही सुनवाई करने का आदेश दिया.

कल भी होगी सुनवाईः मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि आप अनिश्चितकाल तक किसी को निलंबित नहीं रख सकते हैं. पहली घटना पर किसी विधायक को तीन दिनों की और दूसरी बार सात दिनों की अधिकतम सजा दी जा सकती है. इस मामले में इन विधायकों की ये पहली सजा है, ऐस में उन्हें तीन दिन से ज्यादा नहीं दी जा सकती है. उसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से अंतरिम राहत के मामले पर दलीलें सुनने के लिए कल यानि 20 फरवरी की तिथि नियत कर दिया.

LG के अभिभाषण के दौरान हुआ था हंगामाः दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन यानी 15 फरवरी को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण के दौरान बीजेपी विधायकों पर हंगामा करने का आरोप है. दरअसल, 16 फरवरी को सत्र के दूसरे दिन आम आदमी पार्टी द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव के बाद बीजेपी के सात विधायकों को निलंबित कर दिया गया और मामले की जांच स्पीकर ने विशेषाधिकार समिति को सौंप दी.

बीते शुक्रवार को बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आम आदमी पार्टी के विधायक व मुख्य सचेतक दिलीप पांडे ने विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से एक प्रस्ताव पेश किया. जिसमें उन्होंने कहा कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि उपराज्यपाल जब अभिभाषण दे रहे थे तो विपक्षी दल के विधायकों ने सोची समझी साजिश के तहत उसमें व्यवधान पहुंचाने की कोशिश की है. यह विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश है. इसलिए इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए.

ये भी पढ़ें : ED के सामने आज भी पेश नहीं हुए अरविंद केजरीवाल, AAP ने बताई वजह

हंगामा करने वाले बीजेपी के सात विधायकों विजेंद्र गुप्ता, अनिल बाजपेयी, अजय महावर, जितेंद्र महाजन, ओपी शर्मा, मोहन सिंह बिष्ट और अभय वर्मा के खिलाफ मामला विशेषाधिकार समिति को सौप दिया गया था. विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल ने प्रस्ताव को स्वीकार करने की बात कही और कहा कि जब तक विशेषाधिकार समिति इस मामले की जांच करेगी तब तक सातों बीजेपी के विधायक को निलंबित किया जाता है.

विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने तभी कहा था कि वे स्पीकर के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा है कि आप के 62 विधायकों का समर्थन होते हुए भी उनको बीजेपी के 8 विधायकों से डर लगता है.

ये भी पढ़ें : केजरीवाल ने हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना से की बात, साथ खड़े होने का दिया भरोसा

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा स्पीकर द्वारा बीजेपी के सात विधायकों को निलंबित किए जाने के फैसले की हाईकोर्ट में चुनौती दी है. बीजेपी के विधायकों ने इसको अर्जेंट मैटर बताते हुए इस पर आज ही सुनवाई की अपील की है. विधायकों की ओर से वकील जयंत मेहता ने कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने उठाया.

उन्होंने कहा कि इन सातों विधायकों को गलत तरीके से विधानसभा से निलंबित किया गया है. ऐसा करना असंवैधानिक और विधानसभा के नियमों के विपरीत है. जिसके बाद कोर्ट ने आज ही सुनवाई करने का आदेश दिया.

कल भी होगी सुनवाईः मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि आप अनिश्चितकाल तक किसी को निलंबित नहीं रख सकते हैं. पहली घटना पर किसी विधायक को तीन दिनों की और दूसरी बार सात दिनों की अधिकतम सजा दी जा सकती है. इस मामले में इन विधायकों की ये पहली सजा है, ऐस में उन्हें तीन दिन से ज्यादा नहीं दी जा सकती है. उसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से अंतरिम राहत के मामले पर दलीलें सुनने के लिए कल यानि 20 फरवरी की तिथि नियत कर दिया.

LG के अभिभाषण के दौरान हुआ था हंगामाः दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन यानी 15 फरवरी को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण के दौरान बीजेपी विधायकों पर हंगामा करने का आरोप है. दरअसल, 16 फरवरी को सत्र के दूसरे दिन आम आदमी पार्टी द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव के बाद बीजेपी के सात विधायकों को निलंबित कर दिया गया और मामले की जांच स्पीकर ने विशेषाधिकार समिति को सौंप दी.

बीते शुक्रवार को बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आम आदमी पार्टी के विधायक व मुख्य सचेतक दिलीप पांडे ने विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से एक प्रस्ताव पेश किया. जिसमें उन्होंने कहा कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि उपराज्यपाल जब अभिभाषण दे रहे थे तो विपक्षी दल के विधायकों ने सोची समझी साजिश के तहत उसमें व्यवधान पहुंचाने की कोशिश की है. यह विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश है. इसलिए इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए.

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हंगामा करने वाले बीजेपी के सात विधायकों विजेंद्र गुप्ता, अनिल बाजपेयी, अजय महावर, जितेंद्र महाजन, ओपी शर्मा, मोहन सिंह बिष्ट और अभय वर्मा के खिलाफ मामला विशेषाधिकार समिति को सौप दिया गया था. विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल ने प्रस्ताव को स्वीकार करने की बात कही और कहा कि जब तक विशेषाधिकार समिति इस मामले की जांच करेगी तब तक सातों बीजेपी के विधायक को निलंबित किया जाता है.

विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने तभी कहा था कि वे स्पीकर के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा है कि आप के 62 विधायकों का समर्थन होते हुए भी उनको बीजेपी के 8 विधायकों से डर लगता है.

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Last Updated : Feb 19, 2024, 5:17 PM IST
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