छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा सारण के नए कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार वाजपेई आज जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अपनी नियुक्ति के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने जयप्रकाश विश्वविद्यालय की पूरी स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने बड़े ही बेबाक शब्दों में यह कहा कि विश्वविद्यालय में सेशन लेट है. इसको रेगुलर करने के लिए उनका पहला प्रयास होगा.
'मूलभूत सुविधाओं से वंचित है जयप्रकाश विवि' : कुलपति प्रोफेसर वाजपेई ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय में बेहतर शिक्षा मिलने को लेकर आश्वस्त किया और कहा कि समस्याओं का बेहतर हल करके शांतिपूर्वक माहौल में पठन-पाठन का कार्यक्रम हो तथा जो एक विश्वविद्यालय की प्राथमिक जरूरतें होती हैं, उसकी पूरी तरह से जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अभाव है. आज लगभग 30 वर्ष पुराना यह विश्वविद्यालय है, लेकिन आज भी यह विश्वविद्यालय मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.
''आजतक लगभग 20000 डिग्रियां नहीं बांटी गई है. जो लंबित हैं और उनकी सबसे पहले प्राथमिकता इन 20000 डिग्रियों को बांटने की होगी. इसके लिए वही प्रयास कर रहे हैं और उनका कहना है कि वे लगभग प्रतिदिन 500 डिग्रियों पर हस्ताक्षर करेंगे. ताकि वह डिग्री धारक जो महीनों और वर्षों से अपनी डिग्री लेने के लिए दौड़ रहे हैं, उनको जल्द से जल्द या डिग्री मिल जाए.'' - प्रो. परमेंद्र कुमार वाजपेई, कुलपति, जय प्रकाश विश्वविद्यालय
छात्र-छात्राओं को जल्द मिलेगी सुविधाएं : वहीं कुलपति ने कहा कि यहां पर संसाधनों की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इस संबंध में वे बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति से भी मिल चुके हैं. कुलाधिपति से उनको आश्वासन मिला है कि जल्दी ही सभी सुविधाओं को चालू करने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ उन्होंने कहा कि हमें कई नए शिक्षक भी मिल रहे हैं. उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द छात्र-छात्राओं और प्रोफेसर के लिए एक कैंटीन खोले जाने की बात कही.
एडमिशन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी : इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो छात्राएं बाहर से आती हैं और यहां रहकर पढ़ाई करती हैं उनके लिए हॉस्टल की सुविधा भी बहुत जल्द उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं उन्होंने कहा कि इंडोर स्टेडियम, बाउंड्री वॉल और गेस्ट हाउस और कुलपति आवास का काम भी बहुत तेजी के साथ हो रहा है इसके साथ ही 3000 छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा हॉल भी बहुत ही जल्द उपलब्ध होगा. वहीं कुलपति ने कहा कि समर्थ के माध्यम से वह एमए में एडमिशन कराने की प्रक्रिया को चालू करने का प्रयास कर रहे हैं.
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