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पेंच टाइगर नेशनल पार्क में बढ़ रहा बाघों का कुनबा, पर्यटकों को दिखा दिलकश नजारा - Tigress Seen With Cub In Pench

सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व में इन दिनों सैलानियों की मौज है. उन्हें आए दिन एक से बढ़कर एक नजारे देखने मिल रहे हैं. पर्यटकों को पेंच टाइगर रिजर्व में 2 माह के शावक मां बाघिन के साथ नजर आए.

TIGRESS SEEN WITH CUB IN PENCH
पेंच टाइगर नेशनल पार्क में बढ़ रहा बाघों का कुनबा, पर्यटकों को दिखा दिलकश नजारा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 22, 2024, 4:38 PM IST

Updated : Apr 22, 2024, 6:28 PM IST

पर्यटकों को दिखा दिलकश नजारा

सिवनी। मध्य प्रदेश का सिवनी जिला पेंच टाइगर रिजर्व के कारण पूरे विश्व में विख्यात है. पेंच टाइगर रिजर्व शिवानी मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 44 में स्थित खवासा से 15 किलोमीटर अंदर पड़ता है. पूरे विश्व में पर्यटकों की पहली पसंद के रूप में पेंच टाइगर रिजर्व जाना जाता है. यहां पर बहुत ही आसानी से पर्यटकों को बाघ नजर आ जाता है. बाघ के साथ-साथ अन्य जीव जंतु भी आसानी से देखे जा सकते हैं.

पेंच टाइगर रिजर्व में ऐसा ही एक नजारा

खवासा बफर जोन में सैलानियों को पेंच टाइगर रिजर्व में दिलचस्प नजारा नजर आया. जिसे देख पर्यटकों के रोंगटे खड़े हो गए और पार्यटको ने इसे अपने कैमरे में कैद कर लिया. दरअसल पेंच नेशनल पार्क की शान कहलाने वाली बाघिन आई बी-2 अपने 4 शावकों के साथ नजर आई. शवकों की उम्र 2 माह बताई जा रही है. इस नजारे को पर्यटकों ने अपने कैमरे में कैद करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

बढ़ रहा बाघों का कुनबा

साल 2010 में इनकी संख्या 65 हो गई थी, लेकिन 2014 में पेंच टाइगर रिजर्व में 43 बाघों की मौजूदगी पाई गई थी. वहीं साल 2018 में बाघों की संख्या 65 पाई गई थी. साल 2022 में पेंच लैंड स्केप में बाघों की संख्या 123 हो गई. चार साल में भारत में बाघाें की संख्या 2967 से बढ़कर अब 3682 हो गई है. मध्य प्रदेश ने सबसे ज्यादा 259 बाघाें का कुनबा बढ़ाया है. टाइगर स्टेट के तमगे को बरकरार रखते हुए अब मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़कर 785 हो गई है. सिवनी पेंच टाइगर रिजर्व ने मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है. साल 2018 की बाघ गणना में पेंच टाइगर रिजर्व में 65 बाघ पाए गए थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब 77 हो गई है.

पेंच प्रबंधन में उत्साह का माहौल

वहीं साल 2018 में पेंच लैंड स्केप (पेंच और इससे लगे सामान्य वन क्षेत्र) में बाघों की संख्या 87 के करीब थी, जो अब बढ़कर 123 के पार हो गई है. उम्मीद के मुताबिक बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी से पेंच प्रबंधन सहित वन अधिकारियों में उत्साह का माहौल है. बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी को बेहतर प्रबंधन व पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था का नतीजा माना जा रहा है.

बढ़ाई चौकसी तो थम गई शिकार की घटनाएं

साल 2016 में चंद माह में एक के बाद एक 8 बाघों की मौत ने प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी थी. एनटीसीए की सिफारिश पर पार्क क्षेत्र में जीपीएस डिवाइस से गश्ती प्रारंभ की गई. सुरक्षा को पुख्ता व चौकसी बढ़ाने के साथ ही बाघों के अवैध शिकार व मौत की घटनाओं में कमी आई है. इसका नतीजा था कि साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर बेहतर प्रबंधन के लिए पेंच राष्ट्रीय उद्यान को देश में दूसरा स्थान मिला था. गौरतलब है कि पार्क क्षेत्र की 108 बीट में हर दिन 10 किमी नियमित पैदल गश्ती वनकर्मियों द्वारा की जाती है.

यहां पढ़ें...

गर्मी में सुकून के लिए बाघिन नीलिमा नन्हे शावक के साथ डीप फॉरेस्ट पहुंच करने लगी अठखेलियां, देखें वीडियो

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघिन 'मछली' की फैमिली की अठखेलियां देख पर्यटक हुए रोमांचित

साल 2006 की गणना में पेंच लैंड स्केप में 35 बाघ थे. साल 2010 में इनकी संख्या 65 हो गई थी, लेकिन 2014 में पेंच टाइगर रिजर्व में 43 बाघों की मौजूदगी पाई गई थी. वहीं साल 2018 में बाघों की संख्या 65 पाई गई थी. साल 2022 में पेंच लैंड स्केप में बाघों की संख्या 123 हो गई. जंगल में मानव हस्तक्षेप में कमी व अनुकूल वातावरण के कारण पेंच राष्ट्रीय उद्यान के साथ इससे लगे सामान्य वनक्षेत्रों में बाघों की आबादी में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2022 में गणना के दौरान पेंच लैंड स्केप की करीब 150 बीट क्षेत्र में बाघों की मौजूदगी पाई गई थी. लगातार जिस तरह पेंच टाइगर रिजर्व पर्यटकों की पहली पसंद बनते नजर आ रहा है, तो सिवनी जिला भी अपनी एक अलग पहचान बनाता नजर आ रहा है.

पर्यटकों को दिखा दिलकश नजारा

सिवनी। मध्य प्रदेश का सिवनी जिला पेंच टाइगर रिजर्व के कारण पूरे विश्व में विख्यात है. पेंच टाइगर रिजर्व शिवानी मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 44 में स्थित खवासा से 15 किलोमीटर अंदर पड़ता है. पूरे विश्व में पर्यटकों की पहली पसंद के रूप में पेंच टाइगर रिजर्व जाना जाता है. यहां पर बहुत ही आसानी से पर्यटकों को बाघ नजर आ जाता है. बाघ के साथ-साथ अन्य जीव जंतु भी आसानी से देखे जा सकते हैं.

पेंच टाइगर रिजर्व में ऐसा ही एक नजारा

खवासा बफर जोन में सैलानियों को पेंच टाइगर रिजर्व में दिलचस्प नजारा नजर आया. जिसे देख पर्यटकों के रोंगटे खड़े हो गए और पार्यटको ने इसे अपने कैमरे में कैद कर लिया. दरअसल पेंच नेशनल पार्क की शान कहलाने वाली बाघिन आई बी-2 अपने 4 शावकों के साथ नजर आई. शवकों की उम्र 2 माह बताई जा रही है. इस नजारे को पर्यटकों ने अपने कैमरे में कैद करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

बढ़ रहा बाघों का कुनबा

साल 2010 में इनकी संख्या 65 हो गई थी, लेकिन 2014 में पेंच टाइगर रिजर्व में 43 बाघों की मौजूदगी पाई गई थी. वहीं साल 2018 में बाघों की संख्या 65 पाई गई थी. साल 2022 में पेंच लैंड स्केप में बाघों की संख्या 123 हो गई. चार साल में भारत में बाघाें की संख्या 2967 से बढ़कर अब 3682 हो गई है. मध्य प्रदेश ने सबसे ज्यादा 259 बाघाें का कुनबा बढ़ाया है. टाइगर स्टेट के तमगे को बरकरार रखते हुए अब मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़कर 785 हो गई है. सिवनी पेंच टाइगर रिजर्व ने मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है. साल 2018 की बाघ गणना में पेंच टाइगर रिजर्व में 65 बाघ पाए गए थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब 77 हो गई है.

पेंच प्रबंधन में उत्साह का माहौल

वहीं साल 2018 में पेंच लैंड स्केप (पेंच और इससे लगे सामान्य वन क्षेत्र) में बाघों की संख्या 87 के करीब थी, जो अब बढ़कर 123 के पार हो गई है. उम्मीद के मुताबिक बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी से पेंच प्रबंधन सहित वन अधिकारियों में उत्साह का माहौल है. बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी को बेहतर प्रबंधन व पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था का नतीजा माना जा रहा है.

बढ़ाई चौकसी तो थम गई शिकार की घटनाएं

साल 2016 में चंद माह में एक के बाद एक 8 बाघों की मौत ने प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी थी. एनटीसीए की सिफारिश पर पार्क क्षेत्र में जीपीएस डिवाइस से गश्ती प्रारंभ की गई. सुरक्षा को पुख्ता व चौकसी बढ़ाने के साथ ही बाघों के अवैध शिकार व मौत की घटनाओं में कमी आई है. इसका नतीजा था कि साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर बेहतर प्रबंधन के लिए पेंच राष्ट्रीय उद्यान को देश में दूसरा स्थान मिला था. गौरतलब है कि पार्क क्षेत्र की 108 बीट में हर दिन 10 किमी नियमित पैदल गश्ती वनकर्मियों द्वारा की जाती है.

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गर्मी में सुकून के लिए बाघिन नीलिमा नन्हे शावक के साथ डीप फॉरेस्ट पहुंच करने लगी अठखेलियां, देखें वीडियो

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघिन 'मछली' की फैमिली की अठखेलियां देख पर्यटक हुए रोमांचित

साल 2006 की गणना में पेंच लैंड स्केप में 35 बाघ थे. साल 2010 में इनकी संख्या 65 हो गई थी, लेकिन 2014 में पेंच टाइगर रिजर्व में 43 बाघों की मौजूदगी पाई गई थी. वहीं साल 2018 में बाघों की संख्या 65 पाई गई थी. साल 2022 में पेंच लैंड स्केप में बाघों की संख्या 123 हो गई. जंगल में मानव हस्तक्षेप में कमी व अनुकूल वातावरण के कारण पेंच राष्ट्रीय उद्यान के साथ इससे लगे सामान्य वनक्षेत्रों में बाघों की आबादी में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2022 में गणना के दौरान पेंच लैंड स्केप की करीब 150 बीट क्षेत्र में बाघों की मौजूदगी पाई गई थी. लगातार जिस तरह पेंच टाइगर रिजर्व पर्यटकों की पहली पसंद बनते नजर आ रहा है, तो सिवनी जिला भी अपनी एक अलग पहचान बनाता नजर आ रहा है.

Last Updated : Apr 22, 2024, 6:28 PM IST
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