सिवनी: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है, जो वैनगंगा नदी पर बना है. मिट्टी से बने इस बांध को संजय सरोवर भीमगढ़ बांध के नाम से जाना जाता है. लगातार हो रही बारिश के चलते बांध के 3 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे 25 हजार घन मीटर प्रति सेकंड पानी छोड़ा जा रहा है. संजय सरोवर बांध के गेट खुलते ही निचले इलाकों में पानी भर जाता है. इस वजह से जल संसाधन विभाग ने सिवनी, बालाघाट और महाराष्ट्र के गोंदिया और भंडारा जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है.
140 फिट ऊंची और 300 फिट चौड़ी है दीवार
सिवनी में 35 साल पहले मिट्टी से बना एशिया का सबसे बड़ा संजय सरोवर भीमगढ़ बांध अब भी पूरी मजबूती के साथ खड़ा है. वैनगंगा नदी के बहाव क्षेत्र में बने बांध में मिट्टी की करीब 42 मीटर (140 फीट) ऊंची दीवार है. पानी को रोकने के लिए करीब 300 फीट चौड़ी दीवार बनाई गई है. पानी के भराव क्षेत्र का मुख्य हिस्सा मिट्टी के बांध पर टिका है. दशकों बाद भी बांध के मिट्टी की दीवारें कहीं से भी कमजोर नहीं हुई हैं. मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए डंप रिपरेप पद्धति का उपयोग किया गया है.
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5 हजार हेक्टेयर से अधिक की क्षमता
जल संसाधन विभाग ने 1972 में बांध निर्माण शुरू किया था, जिसे 1987-88 में पूरा किया गया. बांध की कुल लंबाई 3.87 किमी है. जिसमें मात्र 280 मीटर हिस्सा में कंक्रीट लगाया गया है. बांध से पानी निकासी के लिए 10 गेट बनाए गए हैं. बांध के उच्चतम क्षमता तक भरने पर करीब 5536 हेक्टेयर क्षेत्र में पानी का भराव और फैलाव होता है. इस बांध से सिवनी के केवलारी विधानसभा सहित बालाघाट और महाराष्ट्र के कुछ जिलों में भी खेती-किसानी में रौनक आई है. वहीं इस बांध से क्षेत्र में जल संरक्षण भी बढ़ा है.