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डोटासरा बोले- देश में गृहयुद्ध जैसे हालात, पीएम विदेश दौरों में व्यस्त, किरोड़ी पर लॉटरी से फैसले का दिया सुझाव - Dotasra Targets BJP Government

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा. किरोड़ीलाल मीणा के मंत्री पद से इस्तीफे पर उन्होंने सरकार को सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि देश में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं, लेकिन प्रधानमंत्री विदेश दौरों में व्यस्त हैं.

Govind Singh Dotasra
पीसीसी चीफ डोटासरा (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 20, 2024, 3:26 PM IST

गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेशाध्यक्ष, कांग्रेस (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस मौके पर प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा. डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे को लेकर सरकार को सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा कि इतने दिन बाद भी मुख्यमंत्री यह फैसला नहीं कर पाए कि इस्तीफा स्वीकार करें या नहीं. अब उन्हें लॉटरी निकालकर निर्णय ले लेना चाहिए कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का इस्तीफा स्वीकार करें या नहीं.

इससे पहले विचार गोष्ठी को गांधीवादी विचारक परेश व्यास, समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी संबोधित किया. कांग्रेस नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने राजीव गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. मीडिया से बातचीत में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, राजीव गांधी ने कई ऐसे फैसले लिए, जिनसे देश को मजबूती मिली. युवाओं और महिलाओं को आगे बढ़ने के मौके मिले. देश की एकता और अखंडता के लिए उन्होंने अपने प्राणों तक की परवाह नहीं की.

संविधान, लोकतंत्र और आरक्षण खतरे में : आज सत्ता में बैठे लोग केवल सत्ता के लिए काम कर रहे हैं. देश में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं और पीएम विदेश दौरों में व्यस्त हैं. बांग्लादेश में तख्ता पलट हुआ, लेकिन उनके मुंह से दो शब्द नहीं निकले. आज एक भी पड़ोसी देश से हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं. देश में सत्ता हथियाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. ऐसे में राजीव गांधी के बताए रास्ते पर चलकर लोकतंत्र को मजबूत बनाने का संकल्प लेने का आह्वान कार्यकर्ताओं से किया है. संविधान और लोकतंत्र खतरे में है. आरक्षण खतरे में है.

पढ़ें : कलेजे के टुकड़े को मुखाग्नि देने के बाद पिता ने लगाई न्याय की गुहार, जवाहर सिंह बेढम बोले- आरोपी बख्शा नहीं जाएगा - Udaipur Violence

ऐसे करवाएंगे वन नेशन, वन इलेक्शन : वन स्टेट वन इलेक्शन और वन नेशन वन इलेक्शन का नारा देते हैं, लेकिन हाल ही में चार में से दो राज्यों में चुनाव घोषित किए गए. प्रदेश की छह विधानसभा सीट के साथ ही कई जगह उपचुनाव होने थे, लेकिन कब होंगे पता नहीं. चुनाव आयुक्त बारिश का हवाला देकर महाराष्ट्र में बाद में चुनाव करवाने की बात कहते हैं. जब वन नेशन वन इलेक्शन होगा तो बारिश रुक जाएगी क्या. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी इतना लंबा समय लगा तो देश में सभी चुनाव एकसाथ कैसे करवा पाएंगे.

आरक्षण पर स्टैंड क्लियर करे केंद्र सरकार : यह हालत पैदा क्यों हो रहे हैं. पहले चुनाव में संविधान बदलने की बातें कही गई. आज जब केंद्रीय कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा करके फैसला लिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन अपना स्टैंड नहीं बताया. आज एससी-एसटी वर्ग के लोगों के उद्वेलित होने का यही कारण है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या राय रखती है. यह साफ नहीं है. हमारा स्टैंड क्लियर है कि आरक्षण से किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देंगे और न ही आरक्षण को कमजोर होने देंगे.

मुख्यमंत्री नहीं तो कौन लेगा इस्तीफे पर फैसला : राजस्थान में सरकार अपने मंत्री को छह महीने ही नहीं संभाल पाई. एक मंत्री ने इस्तीफा दे रखा है. मुख्यमंत्री उनके इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं. पूछने पर भी मुख्यमंत्री नहीं बता पा रहे हैं कि उनका इस्तीफा मंजूर हो गया या नहीं. उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे पर लॉटरी निकाल लेनी चाहिए. एक घड़े में दो पर्ची डाल लें. एक पर्ची पर लिखें इस्तीफा स्वीकार और दूसरी पर अस्वीकार. जो पर्ची निकले, उसी से फैसला कर लें. सीएम मंत्री के इस्तीफे पर फैसला नहीं कर पा रहे हैं तो कौन फैसला करेगा. इसीलिए हम इसे पर्ची सरकार कहते हैं.

राज्यसभा के लिए कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी : राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी उतारा जाएगा या नहीं. इस पर डोटासरा ने कहा, हम इनकी तरह पर्ची पर निर्भर नहीं रहते हैं. राज्यसभा के एक उम्मीदवार के चयन के लिए भाजपा को पूर्ण बहुमत है. हम लोकतंत्र में भरोसा रखते हैं. हम तोड़फोड़ और हॉर्स ट्रेडिंग में विश्वास नहीं रखते हैं. इसलिए भाजपा जिसे भी उतारेगी, वो निर्विरोध निर्वाचित होगा. पहले भी ऐसा हुआ है. यह अच्छी परंपरा है.

प्रदेश में कानून-व्यवस्था बची नहीं : सरकार फेल है. कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज बची नहीं है. आए दिन दुष्कर्म, हत्याएं हो रही हैं. यह हमारी सरकार के समय नहीं सहेगा राजस्थान का नारा देते थे, लेकिन आज छह महीने में 20 हजार से ज्यादा मामले महिला उत्पीड़न के सामने आए हैं. महिला उत्पीड़न के ज्यादा मामलों वाले जिले में भरतपुर दूसरे नंबर पर है, जो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला है.

उदयपुर की घटना पर दिया यह बयान : उदयपुर में देवराज की मौत को लेकर कहा कि ऐसी परिस्थितियां क्यों पैदा हुई. जब हमारी सरकार के समय इसी तरीके से कन्हैयालाल की हत्या हुई तो पूरे देश में इन्होंने ऐसा माहौल बना दिया था कि कोई सुरक्षित नहीं है. आज मुख्यमंत्री भ्रमण कर रहे हैं. उन्हें कोई मतलब ही नहीं है. क्या उन्हें उदयपुर नहीं जाना चाहिए, जबकि वे खुद गृहमंत्री भी हैं. इन्होंने तो राजस्थान की विधानसभा में कानून-व्यवस्था पर चर्चा करने तक से मना कर दिया था. यह कहा गया कि सीएम ने बोला है कि कानून-व्यवस्था पर कोई चर्चा नहीं होगी. उदयपुर में घायल छात्र को एयरलिफ्ट करके दिल्ली भी ले जाया जा सकता था.

यूपीएससी में लेटरल एंट्री विवाद पर सियासी बयानबाजी : यूपीएससी में लेटरल एंट्री पर विवाद के बीच केंद्र सरकार ने इसे निरस्त करने का निर्णय लिया है. अब सरकार के इस कदम पर भी सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. मोदी सरकार के मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने जहां सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. वहीं, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

एक्सपोज हो चुकी है केंद्र सरकार - डोटासरा : कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन लगातार यह मांग कर रहा था कि यूपीएससी में बैक डोर एंट्री बंद हो. यह बैक डोर एंट्री पूंजीपति घरानों के लोगों के लिए थी. उन्हें कैसे फायदा मिले. यह ऐसी पॉलिसी बनाना चाहते हैं. आरएसएस की विचारधारा से जुड़े लोगों को सिस्टम में एंट्री देकर ये सरकार पर अघोषित रूप से कब्जा करना चाहते हैं. इसे लेकर देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बना. अब ये लोग पूरी तरह से एक्सपोज हो चुके हैं. इन्हें देश और देश के लोगों से कोई सरोकार नहीं है. ये सिर्फ सत्ता में बने रहना चाहते हैं. अभी तो यह सिर्फ शुरुआत है.

गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेशाध्यक्ष, कांग्रेस (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस मौके पर प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा. डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे को लेकर सरकार को सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा कि इतने दिन बाद भी मुख्यमंत्री यह फैसला नहीं कर पाए कि इस्तीफा स्वीकार करें या नहीं. अब उन्हें लॉटरी निकालकर निर्णय ले लेना चाहिए कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का इस्तीफा स्वीकार करें या नहीं.

इससे पहले विचार गोष्ठी को गांधीवादी विचारक परेश व्यास, समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी संबोधित किया. कांग्रेस नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने राजीव गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. मीडिया से बातचीत में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, राजीव गांधी ने कई ऐसे फैसले लिए, जिनसे देश को मजबूती मिली. युवाओं और महिलाओं को आगे बढ़ने के मौके मिले. देश की एकता और अखंडता के लिए उन्होंने अपने प्राणों तक की परवाह नहीं की.

संविधान, लोकतंत्र और आरक्षण खतरे में : आज सत्ता में बैठे लोग केवल सत्ता के लिए काम कर रहे हैं. देश में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं और पीएम विदेश दौरों में व्यस्त हैं. बांग्लादेश में तख्ता पलट हुआ, लेकिन उनके मुंह से दो शब्द नहीं निकले. आज एक भी पड़ोसी देश से हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं. देश में सत्ता हथियाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. ऐसे में राजीव गांधी के बताए रास्ते पर चलकर लोकतंत्र को मजबूत बनाने का संकल्प लेने का आह्वान कार्यकर्ताओं से किया है. संविधान और लोकतंत्र खतरे में है. आरक्षण खतरे में है.

पढ़ें : कलेजे के टुकड़े को मुखाग्नि देने के बाद पिता ने लगाई न्याय की गुहार, जवाहर सिंह बेढम बोले- आरोपी बख्शा नहीं जाएगा - Udaipur Violence

ऐसे करवाएंगे वन नेशन, वन इलेक्शन : वन स्टेट वन इलेक्शन और वन नेशन वन इलेक्शन का नारा देते हैं, लेकिन हाल ही में चार में से दो राज्यों में चुनाव घोषित किए गए. प्रदेश की छह विधानसभा सीट के साथ ही कई जगह उपचुनाव होने थे, लेकिन कब होंगे पता नहीं. चुनाव आयुक्त बारिश का हवाला देकर महाराष्ट्र में बाद में चुनाव करवाने की बात कहते हैं. जब वन नेशन वन इलेक्शन होगा तो बारिश रुक जाएगी क्या. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी इतना लंबा समय लगा तो देश में सभी चुनाव एकसाथ कैसे करवा पाएंगे.

आरक्षण पर स्टैंड क्लियर करे केंद्र सरकार : यह हालत पैदा क्यों हो रहे हैं. पहले चुनाव में संविधान बदलने की बातें कही गई. आज जब केंद्रीय कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा करके फैसला लिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन अपना स्टैंड नहीं बताया. आज एससी-एसटी वर्ग के लोगों के उद्वेलित होने का यही कारण है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या राय रखती है. यह साफ नहीं है. हमारा स्टैंड क्लियर है कि आरक्षण से किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देंगे और न ही आरक्षण को कमजोर होने देंगे.

मुख्यमंत्री नहीं तो कौन लेगा इस्तीफे पर फैसला : राजस्थान में सरकार अपने मंत्री को छह महीने ही नहीं संभाल पाई. एक मंत्री ने इस्तीफा दे रखा है. मुख्यमंत्री उनके इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं. पूछने पर भी मुख्यमंत्री नहीं बता पा रहे हैं कि उनका इस्तीफा मंजूर हो गया या नहीं. उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे पर लॉटरी निकाल लेनी चाहिए. एक घड़े में दो पर्ची डाल लें. एक पर्ची पर लिखें इस्तीफा स्वीकार और दूसरी पर अस्वीकार. जो पर्ची निकले, उसी से फैसला कर लें. सीएम मंत्री के इस्तीफे पर फैसला नहीं कर पा रहे हैं तो कौन फैसला करेगा. इसीलिए हम इसे पर्ची सरकार कहते हैं.

राज्यसभा के लिए कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी : राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी उतारा जाएगा या नहीं. इस पर डोटासरा ने कहा, हम इनकी तरह पर्ची पर निर्भर नहीं रहते हैं. राज्यसभा के एक उम्मीदवार के चयन के लिए भाजपा को पूर्ण बहुमत है. हम लोकतंत्र में भरोसा रखते हैं. हम तोड़फोड़ और हॉर्स ट्रेडिंग में विश्वास नहीं रखते हैं. इसलिए भाजपा जिसे भी उतारेगी, वो निर्विरोध निर्वाचित होगा. पहले भी ऐसा हुआ है. यह अच्छी परंपरा है.

प्रदेश में कानून-व्यवस्था बची नहीं : सरकार फेल है. कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज बची नहीं है. आए दिन दुष्कर्म, हत्याएं हो रही हैं. यह हमारी सरकार के समय नहीं सहेगा राजस्थान का नारा देते थे, लेकिन आज छह महीने में 20 हजार से ज्यादा मामले महिला उत्पीड़न के सामने आए हैं. महिला उत्पीड़न के ज्यादा मामलों वाले जिले में भरतपुर दूसरे नंबर पर है, जो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला है.

उदयपुर की घटना पर दिया यह बयान : उदयपुर में देवराज की मौत को लेकर कहा कि ऐसी परिस्थितियां क्यों पैदा हुई. जब हमारी सरकार के समय इसी तरीके से कन्हैयालाल की हत्या हुई तो पूरे देश में इन्होंने ऐसा माहौल बना दिया था कि कोई सुरक्षित नहीं है. आज मुख्यमंत्री भ्रमण कर रहे हैं. उन्हें कोई मतलब ही नहीं है. क्या उन्हें उदयपुर नहीं जाना चाहिए, जबकि वे खुद गृहमंत्री भी हैं. इन्होंने तो राजस्थान की विधानसभा में कानून-व्यवस्था पर चर्चा करने तक से मना कर दिया था. यह कहा गया कि सीएम ने बोला है कि कानून-व्यवस्था पर कोई चर्चा नहीं होगी. उदयपुर में घायल छात्र को एयरलिफ्ट करके दिल्ली भी ले जाया जा सकता था.

यूपीएससी में लेटरल एंट्री विवाद पर सियासी बयानबाजी : यूपीएससी में लेटरल एंट्री पर विवाद के बीच केंद्र सरकार ने इसे निरस्त करने का निर्णय लिया है. अब सरकार के इस कदम पर भी सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. मोदी सरकार के मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने जहां सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. वहीं, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

एक्सपोज हो चुकी है केंद्र सरकार - डोटासरा : कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन लगातार यह मांग कर रहा था कि यूपीएससी में बैक डोर एंट्री बंद हो. यह बैक डोर एंट्री पूंजीपति घरानों के लोगों के लिए थी. उन्हें कैसे फायदा मिले. यह ऐसी पॉलिसी बनाना चाहते हैं. आरएसएस की विचारधारा से जुड़े लोगों को सिस्टम में एंट्री देकर ये सरकार पर अघोषित रूप से कब्जा करना चाहते हैं. इसे लेकर देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बना. अब ये लोग पूरी तरह से एक्सपोज हो चुके हैं. इन्हें देश और देश के लोगों से कोई सरोकार नहीं है. ये सिर्फ सत्ता में बने रहना चाहते हैं. अभी तो यह सिर्फ शुरुआत है.

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