नई दिल्लीः स्वतंत्रता दिवस को लेकर दिल्ली के सभी रेलवे स्टेशनों और ट्रेन में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. सीआईएसएफ जवानों और पुलिस ने यात्रियों और उनके सामान की सुरक्षा जांच और कड़ी कर दी है. इसी के तहत रेलवे स्टेशनों पर बने क्लॉक रूम की भी पुलिस रोजाना जांच कर रही है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के अधिकारियों के मुताबिक रेलवे स्टेशनों पर बने क्लॉक रूम में कोई संदिग्ध सामान न रखे यह सुनिश्चित करना क्लॉक रूम संचालकों की जिम्मेदारी होती है. लेकिन सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. इसलि पुलिस नियमित जांच कर रही है.
पुलिस क्लॉक रूम की करती है जांच: दरअसल, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, आनंद विहार और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रोजाना लाखों यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं. इन रेलवे स्टेशनों पर बने क्लॉक रूम में रोजाना एक से डेढ़ हजार लोग अपना सामान जमा करते हैं. रेलवे स्टेशनों पर सामान जमा करने के लिए लॉकर और डिजिटल लॉकर की भी व्यवस्था है. कहीं कोई सामान रखने के दौरान संदिग्ध पदार्थ या विस्फोटक न रख दे इसको लेकर क्या सावधानी बरती जा रही है. पुलिस रोजाना जमा सामानों की मेटल डिटेक्टर मशीन से स्कैन कर जांच करती है.
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निजी कंपनी करती है संचालन: रेलवे स्टेशनों पर क्लॉक रूम का संचालित निजी कंपनियों द्वारा किया जाता है. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर क्लॉक रूम संचालक धनंजय सिंह ने बताया कि, "रेलवे स्टेशन पर लोग लगेज स्कैनर मशीन से स्कैन कराने के बाद सामान लाते है. क्लॉक रूम में भी हैंड मेडल डिटेक्टर मशीन से भी जांच की जाती है. आवश्यकता पड़ने पर यात्री से सामान का बैग खुलवाकर भी देखा जाता है. इसके बाद सामान रखा जाता है. सामान रखने के लिए लिए यात्री का पीएनआर, मोबाइल, आईडी प्रूफ आदि लिया जाता है."
सालों से पड़े हैं कई सामान: धनंजय सिंह ने बताया कि नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनकी कंपनी क्लॉक रूम संचालित करती है. इन दोनों स्थानों पर करीब सवा दो सौ सामान ऐसे हैं जो कोरोना काल से ही क्लाक रूम में पड़े हैं. जिन लोगों ने सामान रखा था. उनके नंबर बंद आ रहे हैं. इन सामानों में कोई कीमती सामान नहीं है सिर्फ कपड़े, कागज, घरेलू सामान आदि हैं. रेलवे अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक आनंद विहार और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के क्लॉक रूम में भी इसी तरह सैकड़ों सामान पड़े हैं, जिसे लोग नहीं ले जा रहे हैं.
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