मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : सुदूर वनांचल क्षेत्र एमसीबी जिले के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं. सरकार लाखों रुपए खर्च कर गरीबों के लिए योजनाएं लाती है.लेकिन योजनाएं कुछ गैरजिम्मेदार कर्मचारियों के कारण फाइलों में दम तोड़ देती है. भरतपुर विकासखंड के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में भी स्थिति यही है. ग्राम पंचायतों में सचिव की अनुपस्थिति और अधिकारियों की मॉनिटरिंग की कमी ने विकास कार्यों को प्रभावित किया है.
अधिकारियों की लापरवाही, ग्रामीण परेशान : ग्राम पंचायत ठिसकोली में सचिव की नियुक्ति के बावजूद पिछले एक वर्ष से सचिव ने कार्यालय में कदम नहीं रखा है. इससे ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों की शिकायत है कि आधार कार्ड, राशन कार्ड, पेंशन योजनाओं जैसी आवश्यक सुविधाओं से भी वे वंचित रह गए हैं.
जब से सचिव सर आए हैं तब से एक बार भी ग्राम सभा नहीं हुई है.जब ग्राम सभा हुई ही नहीं तो कैसे पता चलेगा कि गांव में क्या समस्या है क्या नहीं- गीता, कंप्यूटर ऑपरेटर ग्राम पंचायत
चपरासी को 15 माह से नहीं मिला वेतन : चपरासी अमर ने बताया कि 15 माह से उसे वेतन नहीं मिला है क्योंकि सचिव के न आने से उसका भुगतान भी अटका हुआ है.ग्रामीणों ने अब सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
ग्राम पंचायत ठिसकोली के सचिव का मामला सामने आया है. जानकारी मिली है कि वो अपने कार्यालय में पिछले कई महीनों से नहीं आए हैं. सीईओ जनपद पंचायत भरतपुर को जांच के आदेश दिए हैं, जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी- नितेश उपाध्याय, जिला पंचायत अधिकारी
सिर्फ सचिव की वजह से पूरे गांव का विकास कार्य रुका हुआ है.अब आप सोच सकते हैं ना जाने ऐसी कितनी पंचायतें होंगी जहां का हाल भी इसी तरह का होगा.अब मामला सामने आने के बाद देखना ये होगा कि सचिव पर कार्रवाई होती या फिर ग्रामीणों को अब भी मुश्किल हालातों में जीवन यापन करना होगा.