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सीएम धामी की अध्यक्षता में पहली बार हुई सचिव समिति की बैठक, जानिये क्या कुछ रहा खास - secretariat committee First meeting

secretariat committee meeting, secretariat committee First meeting सीएम धामी ने आज सचिव समिति की बैठक की. जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सचिव समिति की बैठक में राज्यहित से जुड़े तमाम विषयों की लगातार समीक्षा की जाए. उत्तराखंडे को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना है. अगले एक साल के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं का एक रोस्टर प्लान तैयार किया जाए. जिसमें उन योजनाएं शामिल किया जाए, जो व्यापक जनहित से जुड़ी हों. जिलों के प्रभारी सचिव समय-समय पर जिलों में जाकर योजनाओं की लगातार समीक्षा करें.

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सचिव समिति की पहली बैठक (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 7, 2024, 7:25 PM IST

देहरादून: पहली बार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सचिव समिति की बैठक की गई. बुधवार को सचिवालय में 3 घंटे तक चली सचिव समिति की बैठक में राज्य से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा राज्यहित से जुड़ी योजनाओं के नीति निर्धारण और राज्य सरकार की ओर से संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचने में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सचिव, सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। साथ ही शासन और प्रशासन एक सिक्के के दो पहलू होते हैं.

राज्य के हर क्षेत्र में विकास के साथ ही, लोगों का जीवन स्तर उठाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है. प्रदेश की जनता के जीवन स्तर को बेहतर किए बिना राज्य के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती. ऐसे में योजनाओं के बेहतर निर्माण के साथ ही उसे सही ढंग से लागू करने के लिए विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया जाना चाहिए, क्योंकि सरकार की योजनाओं और निर्णय का असर प्रदेश की जनता के जीवन पर पड़ता है. ऐसे में योजनाओं और निर्णय में राष्ट्रहित और जनहित पहली प्राथमिकता हो. बैठक के दौरान सीएम ने सचिवों को निर्देश दिए कि विभागों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए आयोग को अधियाचन भेजा जाए ताकि अगले 2 सालों में खाली पदों को भर लिया जाये.

सीएम ने कहा कामों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर ध्यान दिया जाए. आधुनिक तकनीक का भी अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाए. जनता की समस्याओं का तत्काल समाधान करने के लिए जनहित से जुड़े कार्यों में सही रास्ता निकालने की भावना होनी चाहिए. नीति आयोग की ओर से जारी सतत विकास लक्ष्यों में जिन इंडिकेटरों में सुधार की जरूरत है, उन पर ध्यान दिया जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा राज्य की बड़ी परियोजनाओं की अलग से बृहद स्तर पर समीक्षा की जाए. तमाम परियोजनाओं को दैवीय आपदा या अन्य किसी भी संभावित नुकसान से बचाने के लिए उनका सेफ्टी ऑडिट भी किया जाए. पुराने पुलों, एसटीपी, जल विद्युत परियोजनाओं, सुरंगों और अन्य जरूरी अवस्थापना से संबंधित कामों में सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार से जानमाल का नुकसान न हो.बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया 2070 तक भारत ने ‘नेट जीरों उत्सर्जन’ की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला लिया है. इस दिशा में राज्य में थर्मल एनर्जी की सम्भावनाओं और राज्य में जिओथर्मल एनर्जी के क्षेत्र में किये जाने वाले एमओयू के सबंध में भी चर्चा की गई. सचिवों ने बैठक में अनेक सुझाव भी दिये.

पढे़ं- 'बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमला चिंताजनक, देश में जल्द लागू हो एनआरसी', रविंद्र पुरी का बयान - Ravindra Puri on Bangladesh crisis

देहरादून: पहली बार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सचिव समिति की बैठक की गई. बुधवार को सचिवालय में 3 घंटे तक चली सचिव समिति की बैठक में राज्य से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा राज्यहित से जुड़ी योजनाओं के नीति निर्धारण और राज्य सरकार की ओर से संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचने में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सचिव, सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। साथ ही शासन और प्रशासन एक सिक्के के दो पहलू होते हैं.

राज्य के हर क्षेत्र में विकास के साथ ही, लोगों का जीवन स्तर उठाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है. प्रदेश की जनता के जीवन स्तर को बेहतर किए बिना राज्य के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती. ऐसे में योजनाओं के बेहतर निर्माण के साथ ही उसे सही ढंग से लागू करने के लिए विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया जाना चाहिए, क्योंकि सरकार की योजनाओं और निर्णय का असर प्रदेश की जनता के जीवन पर पड़ता है. ऐसे में योजनाओं और निर्णय में राष्ट्रहित और जनहित पहली प्राथमिकता हो. बैठक के दौरान सीएम ने सचिवों को निर्देश दिए कि विभागों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए आयोग को अधियाचन भेजा जाए ताकि अगले 2 सालों में खाली पदों को भर लिया जाये.

सीएम ने कहा कामों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर ध्यान दिया जाए. आधुनिक तकनीक का भी अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाए. जनता की समस्याओं का तत्काल समाधान करने के लिए जनहित से जुड़े कार्यों में सही रास्ता निकालने की भावना होनी चाहिए. नीति आयोग की ओर से जारी सतत विकास लक्ष्यों में जिन इंडिकेटरों में सुधार की जरूरत है, उन पर ध्यान दिया जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा राज्य की बड़ी परियोजनाओं की अलग से बृहद स्तर पर समीक्षा की जाए. तमाम परियोजनाओं को दैवीय आपदा या अन्य किसी भी संभावित नुकसान से बचाने के लिए उनका सेफ्टी ऑडिट भी किया जाए. पुराने पुलों, एसटीपी, जल विद्युत परियोजनाओं, सुरंगों और अन्य जरूरी अवस्थापना से संबंधित कामों में सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार से जानमाल का नुकसान न हो.बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया 2070 तक भारत ने ‘नेट जीरों उत्सर्जन’ की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला लिया है. इस दिशा में राज्य में थर्मल एनर्जी की सम्भावनाओं और राज्य में जिओथर्मल एनर्जी के क्षेत्र में किये जाने वाले एमओयू के सबंध में भी चर्चा की गई. सचिवों ने बैठक में अनेक सुझाव भी दिये.

पढे़ं- 'बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमला चिंताजनक, देश में जल्द लागू हो एनआरसी', रविंद्र पुरी का बयान - Ravindra Puri on Bangladesh crisis

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