पटना: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा में है. इंडिया गठबंधन में सीटों का मुद्दा अबतक फाइनल नहीं हुआ है. बिहार में गठबंधन की सहयोगी दलों के बीच सीटों बंटवारे पर मंथन चल रही है. महागठबंधन के घटक दलों राजद कांग्रेस और वामपंथी दलों के बीच में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा इसको लेकर एक दौर की बातचीत हो गई है, लेकिन यह अभी भी तय नहीं हो पा रहा है कि किसके हिस्से में कितने सीट जा रही है.
'इंडिया गठबंधन मजबूत प्रत्याशी देगा': राजद के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई वीरेंद्र का कहना है कि एनडीए की प्रत्याशी की घोषणा होते ही गठबंधन के तरफ से भी घोषणा हो जाएगी कि कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. ईटीवी भारत से बात करते हैं हुए भाई वीरेंद्र ने कहा कि सभी दलों के शीर्ष नेतृत्व में इसको लेकर बात हो रही है. जल्द इसकी घोषणा होगी. उन्होंने कहा कि एनडीए के प्रत्याशी के मुकाबले इंडिया गठबंधन मजबूत प्रत्याशी देगा.
चिराग को राजद बुलाने नहीं गया था: चिराग पासवान को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों में संशय की स्थिति बनी हुई थी कि चिराग किसके साथ जाएंगे. तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर कहा भी यदि कोई गठबंधन में आना चाहता है तो उसका स्वागत है, लेकिन चिराग पासवान ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी और साफ हो गया कि वह एनडीए के साथ रहेंगे. भाई वीरेंद्र का कहना है कि राजद किसी को बुलाने के लिए नहीं गई थी. आरजेडी का मकसद था कि सभी सामाजिक न्याय की बात करने वाले राजनीतिक दल एक साथ आए.
2019 लोकसभा चुनाव की अलग स्थिति थी: इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर चल रहे विवाद पर कांग्रेस का मानना है कि महागठबंधन को 39 सीटों पर सामंजस्य से बैठना है. जबकि एनडीए को मात्र एक सीट पर सामंजस्य बैठने की जरूरत थी. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर का कहना है कि 39 सीट को 5 दलों की बीच बांटना है. इसी कारण कुछ लेट लग रहा है. राजेश राठौर का मानना है कि गठबंधन के सभी घटक दलों को सम्मानजनक सीट मिलेगी. गठबंधन एनडीए के खिलाफ मजबूती से चुनाव लड़ेगा. उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव की अलग स्थिति थी. उस समय महागठबंधन में कुछ और भी दल शामिल थे जो इस बार एनडीए के साथ चले गए हैं.
इंडिया गठबंधन में सीट पर फंसा पेंच: बिहार में लोकसभा की 40 सीट हैं. इंडिया गठबंधन में 40 सीटों में सामंजस्य अभी भी नहीं बैठ रहा है. सभी दलों की अपनी अपनी दावेदारी है. आरजेडी हर हाल में 26 से 28 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है. कांग्रेस का दावा 12 सीटों पर है. वामपंथी दल 6 से 7 सीट पर चुनाव लड़ना चाह रहा है. यही कारण है कि अभी तक सीट शेयरिंग का मामला नहीं सुलझा पाया है.
अलग-अलग दावेदारी के कारण पेंच फंसा: राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार का कहना है कि "एनडीए में सीट शेयरिंग की तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगी है, लेकिन इंडिया गठबंधन में अभी मामला फंसा हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार आरजेडी पर दबाव बना रही है कि वह 10 से 12 सीट पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए राजद से 7 से 8 सीट से ज्यादा नहीं देना चाह रही है. उधर वामपंथी दलों का अलग डिमांड है."
आरजेडी बिहार में बड़े भाई की भूमिका: राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार का कहना है कि इंडिया गठबंधन में आरजेडी बिहार में बड़े भाई की भूमिका में है. इसीलिए आरजेडी को ही तय करना है कि गठबंधन के घटक दलों को कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए वह राजी कर पाते हैं.
पारस के रुख के इंतजार में इंडिया गठबंधन: सूत्रों की माने तो पशुपति कुमार पारस के अगले राजनीतिक गतिविधि पर इंडिया गठबंधन की नजर है. यदि आरएलजेपी इस गठबंधन के साथ आती है तो कुछ सीट उनके लिए भी छोड़ी जाएगी. यही कारण है कि इंडिया गठबंधन के घटक दल अभी इंतजार कर रहे हैं.
कल होगी इंडिया गठबंधन की बैठक: सीट बंटवारे को लेकर कल एक बार फिर से इंडिया गठबंधन के घटक दल के सिर्फ नेता बैठकर बातचीत करेंगे. सीटों के तालमेल को लेकर के जिस तरीके से दावे किए जा रहे हैं उससे यही लगता है कि अभी इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग में कुछ दिन और लगा सकते हैं.
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