पाकुड़ : पुलिस और आदिवासी छात्रों के बीच शुक्रवार की देर रात हुई हिंसक झड़प की जांच की जिम्मेदारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दयानंद आजाद को दी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. एसपी प्रभात कुमार ने इस मामले में जानकारी दी.
एसपी ने बताया कि देर रात नगर थाना को सूचना मिली थी कि एक बच्चे का अपहरण कर लिया गया है. इसी सूचना के आधार पर पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर जांच करने के लिए केकेएम कॉलेज परिसर पहुंची थी, जहां छात्रों के साथ झड़प हो गई, जिसमें आधा दर्जन पुलिस पदाधिकारी और जवान घायल हो गए. वहीं कुछ छात्र भी घायल हुए हैं. एसपी ने बताया कि इस मामले में छात्र या पुलिस दोषी है या नहीं, इसकी जांच की जिम्मेदारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को दी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
दर्ज की गई दो प्राथमिकी
इधर, छात्रों द्वारा पुलिस पर हमला करने को लेकर नगर थाने में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस अवर निरीक्षक नागेंद्र कुमार के बयान के आधार पर छात्रावास के 50-60 छात्रों को कांड संख्या 179/24 तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 126(2), 127(2), 115(2), 117(2), 109, 121(2), 132, 324(3), 352, 351(2)/3(5) के तहत आरोपी बनाया गया है. पुलिस अवर निरीक्षक अभिषेक कुमार के बयान के आधार पर केकेएम कॉलेज के करीब 100 छात्रों को कांड संख्या 180/24 तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 126(2), 127(2), 115(2), 117(2), 109, 121(1), 121(2), 132, 352, 351(2)/3(6) के तहत आरोपी बनाया गया है.
पुलिस अधिकारियों ने डीसी को सौंपा ज्ञापन
इधर, झारखंड पुलिस एसोसिएशन और पुलिस मेंस एसोसिएशन ने पुलिस पार्टी पर हुए हमले को लेकर डीसी एसपी को ज्ञापन सौंपा है. पुलिस पदाधिकारी और जवान पर हमला करने वाले छात्रों पर कार्रवाई की मांग की है. एसोसिएशन ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
छात्रों ने भी की कार्रवाई की मांग
वहीं घटना को लेकर छात्रों की ओर से भी विरोध किया गया. छात्रों ने डीसी और एसपी से दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. शनिवार को आदिवासी छात्र संघ से जुड़े हजारों आदिवासी छात्रों ने जिला मुख्यालय पर जन आक्रोश रैली निकाली और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया. रैली के दौरान छात्रों ने जानलेवा हमले में शामिल दोषियों और छात्रों की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की. छात्र नेताओं ने डीसी और एसपी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि 27 जुलाई को आदिवासी छात्र संगठनों ने आक्रोश रैली निकालने का एलान किया था. उनका कहना था कि महेशपुर थाना क्षेत्र के गायबथान में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आदिवासियों की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया है. इसका विरोध करने पर आदिवासी परिवारों के साथ मारपीट भी की गई. जिसके विरोध में आदिवासी छात्र संगठन आक्रोश रैली निकालने वाले थे. लेकिन देर रात बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और जवान केकेएम कॉलेज के आदिवासी छात्रावास पहुंच गए. इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई.
छात्रों ने लगाया पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप
छात्रों का आरोप है कि पुलिस आक्रोश रैली रोकने के लिए दबाव बना रही थी. मना करने पर उनके साथ मारपीट की गई. इसमें करीब 12 छात्र घायल हो गए. वहीं पुलिस का कहना है कि पहले कुछ छात्रों ने पुलिस के साथ मारपीट शुरू की. जिसमें एक सब इंस्पेक्टर, ड्राइवर और एक कांस्टेबल घायल हो गए. जिसके बाद कॉलेज में अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा. इस दौरान आक्रोशित छात्रों पर बल प्रयोग करना पड़ा.
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