करनाल: हरियाणा और केंद्र सरकार के द्वारा किसानों के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई हुई है, जिसका लाभ उठाकर किसान अपनी खेती को पहले से बेहतर बना रहे हैं. कृषि को नए आयाम तक पहुंचाने के लिए और मुनाफे का सौदा बनाने के लिए कृषि विभाग के द्वारा कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के किसानों को 45 एचपी व अधिक क्षमता के ट्रैक्टर पर 1 लाख का अनुदान दिया जा रहा है, इस योजना का लाभ लेने के लिए हरियाणा के किसान 11 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं और इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
ट्रैक्टर पर सब्सिडी के लिए कहां और कैसे करें आवेदन?: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग करनाल के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार कृषि विभाग के अंतर्गत हरियाणा के अनुसूचित जाति के किसानों के लिए विशेष योजना लेकर आई है जिसमें 45 एच पी से अधिक क्षमता के ट्रैक्टर खरीदने पर ₹100000 तक का अनुदान (सब्सिडी) कृषि विभाग के द्वारा किसानों को दिया जा रहा है. इसका लाभ लेने के लिए किसान विभागीय पोर्टल www.agriharyana.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि लाभार्थी का चयन गठित जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी (डीएलईसी) द्वारा डीएलईसी के चेयरमैन एवं उपायुक्त की अध्यक्षता में ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से किया जाएगा.
योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी नियम और दस्तावेज: जिला कृषि उपनिदेशक के अनुसार इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान का लाभ मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत होना आवश्यक है. इसके साथ ही किसान के पास कृषि भूमि होना भी आवश्यक है. कृषि भूमि का ब्यौरा राजस्व विभाग से सत्यापित करवा कर ऑनलाइन आवेदन करते समय अपलोड करना सुनिश्चित करें. इसके अलावा आवेदन करने के लिए परिवार पहचान पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता, घोषणा पत्र एवं अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी. पिछले पांच वर्षों के दौरान ट्रैक्टर पर अनुदान ले चुके किसान इस योजना में अनुदान लेने के पात्र नहीं होंगे.
अपनी पसंद का ले सकते हैं किसान ट्रैक्टर: इस योजना के तहत जिस किसान का चयन हो जाता है. उसके बाद चयनित किसान को सूचीबद्ध अप्रूव्ड निर्माताओं/डीलर से अपनी पसंद का ट्रैक्टर मॉडल और मोल-भाव करके केवल बैंक के माध्यम से अपने हिस्से (अनुदान राशि को छोड़कर) की कीमत निर्माता/अनुमोदित डिस्ट्रीब्यूटर के खाते में (पोर्टल के साथ /ई-वाउचर) जमा करवानी होगी. निर्माता/ डिस्ट्रीब्यूटर को किसान का विवरण, बैंक विवरण, ट्रैक्टर मॉडल, कीमत का निदेशालय के पोर्टल या ई-मेल के माध्यम से अनुदान ई-वाउचर के लिये रिक्वेस्ट करनी होगी. पीएमयू और बैंक द्वारा जांच उपरांत डिजिटल ई-वाउचर से अधिकृत निर्माता/अनुमोदित डिस्ट्रीब्यूटर को जारी किया जाएगा. अनुदान ई-वाउचर प्राप्त होने के तुरंत बाद किसान का पसंद किया हुआ ट्रैक्टर के साथ बिल, बीमा, टेम्परेरी नंबर, बिल, बीमा और आरसी के अप्लाई फीस रसीद आदि दस्तावेज विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने होंगे.
ई वाउचर के तहत दी जाएगी अनुदान राशि: कृषि उपनिदेशक ने बताया कि जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी (डीएलईसी) को ट्रैक्टर सभी मूल दस्तावेजों सहित भौतिक सत्यापन के लिए प्रस्तुत करना होगा. कमेटी सभी दस्तावेजों को चेक करने उपरांत भौतिक सत्यापन रिपोर्ट फॉर्म के साथ पोर्टल पर अपलोड करेगी और निदेशालय को ई-मेल के माध्यम से सूचना देगी. निदेशालय स्तर पर जांच के बाद अनुदान ई-वाउचर में माध्यम से अनुदान राशि निर्माता को जारी करेगा. उन्होंने बताया कि किसान अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक जिला कृषि एवं किसान कल्याण विभाग एवं सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय में संपर्क कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
ये भी पढ़ें: करनाल के प्रगतिशील किसान नई तकनीक से मालामाल, परंपरागत खेती से तीन गुना ज्यादा मुनाफा
ये भी पढ़ें: हरियाणा में साढ़े 5 लाख किसानों के कर्ज पर ब्याज-पेनल्टी माफ, सीएम ने किया 18 नए राजकीय पशु औषधालय खोलने का ऐलान