नई दिल्ली: दिल्ली में जल बोर्ड में कथित घोटाले को लेकर हंगामा मचा है. बीजेपी लगातार जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी को घेर रही है. दिल्ली विधानसभा में जल बोर्ड में पर संग्राम हुआ और बीजेपी के नेताओं ने प्रदर्शन किया. इसके बाद भाजपा विधायकों को मार्शलों ने सदन से बाहर कर दिया. अब इस पर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का बयान सामने आया है.
9 वर्षों में 28,400 करोड़ रुपए का घोटला हुआ: वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम बार-बार यही कहते आए हैं कि दिल्ली जल बोर्ड घोटाला शराब घोटाले से बड़ा घोटाला है. गत 9 वर्षों में दिल्ली जल बोर्ड में 28,400 करोड़ रुपए का घोटला हुआ है. वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया के सामने कहा कि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने अदालत को बताया था कि 28,400 करोड़ रुपये का गबन हुआ है. 2016-17 से ऑडिट नहीं हुआ हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि दिल्ली सरकार ऑडिट क्यों नहीं कराना चाहती?
2021-22 की बैलेंस सीट क्यों नहीं है?: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड का जो 58.2 फीसदी पानी खर्च होता है, उससे एक भी पैसा नहीं मिलता. उसका कोई रेवेन्यू नहीं आता है. जिस तरह से पानी बांटा जाता है उसमें पारदर्शिता का अभाव है. 15 फीसदी पानी बर्बाद हो जा रहा है. ये लोग ऑडिट नहीं करवाना चाहते. 2021-22 की बैलेंस सीट क्यों नहीं है.
टैक्स बढ़ाकर वसूली करती हैं दिल्ली सरकार: वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार टैक्स बढ़ाकर वसूली करते हैं. हर साल 5 फीसदी टैक्स्ट बढ़ाया जाता है. 16 अक्टूबर 2020 में 200 स्क्विटर 2,15,200 और अब 34, 4300 रुपए हो गए हैं. रिहायशी इलाकों में 30 किलो लीटर पानी को 780 रुपए, सर्विस चार्ज 200 रुपए, और फिर सीवर चार्ज 474 रुपए और दोनों को 1,484 रुपए बनते हैं और अगर प्रतिलीटर पानी की बात करें तो 49 रुपए होता है. कमर्शियल में लगभग 80 रुपए के आसपास एक लीटर पानी के लिए देना पड़ता है.
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शराब का घोटाला पकड़ा गया मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जेल के अंदर हैं और आज जिस टेंडर माफिया से केजरीवाल कमीशन लेते हैं. कभी उन्हीं को खत्म करने का वायदा करके सरकार में आए थे. दिल्ली जलबोर्ड की घोटाले के लिए पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और जलबोर्ड में मंत्री या चेयरमैन रहे हैं. उनकी भी जांच करानी चाहिए.
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