श्रीनगर: लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, सोहन लाल द्विवेदी की ये पक्तियां पौड़ी गौरीकोट गांव की सविता पर सटीक बैठती हैं. सविता दिल्ली की चकाचौंध छोड़कर अपने गांव में ही रोजगार के माध्यम से अपनी आजीविका को मजबूत करने की पहल शुरू की. सविता की इस शानदार पहल का नतीजा ये रहा कि आज वे अपने कदमों पर मजबूती से खड़ी हैं. कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत खुद उनके स्वरोजगार को देखने के लिए उनके गांव पहुंचे.
बता दें डॉक्टर सविता 12 साल दिल्ली में नौकरी करने के बाद अपनी नौकरी छोड़ गांव में ही स्वरोजगार करने के लिए गौरीकोट पहुंची. जहां उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे एप्पल मिशन को धरातल पर उतरने की ठानी. उन्होंने गौरीकोट में एप्पल मिशन को अपनाकर सेब का बागवान खड़ा कर दिया, जो अब धीरे-धीरे खूब फूल-फल रहा है. उन्होंने कोरोना की विषम परिस्थितियों में स्वरोजगार अपना कर एप्पल मिशन को धारातल पर उतारा है.
डॉ सविता बीते 3 वर्षों से सेब का विक्रय भी कर रही हैं. जिससे उन्हें अच्छी आमदनी भी होने लगी है. डॉ सविता बताती हैं एप्पल मिशन के तहत प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का उन्होंने लाभ उठाया. जिसका परिणाम रहा कि आज उन्होंने स्थानीय लोगों को भी अपने साथ जोड़कर रोजगार दिया है. वे अन्य ग्रामीण के साथ रोजगार अपना कर आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में लगी हैं.
डॉ सविता का बगीचा देखने पहुंचे कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा उनके क्षेत्र में 42 बगीचे एप्पल मिशन की तहत लगाए गए हैं. उन्होंने बताया डॉ सविता बहुत अच्छा काम स्वरोजगार के क्षेत्र में कर रही हैं. सरकार की सब्सिडी का भी वे लाभ ले रही हैं. उन्होंने बताया डॉ सविता ने 12 से अधिक सेब की प्रजातियां का उत्पादन अपने पॉलीहाउस में किया है. जिससे उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है. उन्होंने अन्य लोगों से भी सरकार द्वारा संचालित विभिन्न रोजगार योजनाओं को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की अपील की है.