नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में मॉनसून आने में अभी वक्त है. ऐसे में राजधानी को वाटर लॉगिंग से बचाने के लिए दिल्ली की सिविक बॉडीज खासकर एमसीडी की तरफ से एक्शन प्लान तैयार किया गया है. इस कड़ी में दिल्ली सरकार में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने चीफ सेक्रेटरी से संबंधित विभागों के कार्यों को लेकर एक बार फिर से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है.
सौरभ भारद्वाज ने 20 मई को चीफ सेक्रेटरी को लिखे एक पत्र का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि सात दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश पर गंभीरता नहीं दिखाई गई. अब सीएस को एक बार फिर से 6 जून तक इस मामले पर रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं. सौरभ भारद्वाज ने पिछले मानसून के दौरान राजधानी में वाटर लॉगिंग की स्थिति की याद दिलाते हुए आगामी मॉनसून से पहले की तैयारियों में ढिलाई पर अंसतोष जाहिर किया है. मंत्री ने कहा कि इस साल सभी संबंधित विभागों को सक्रिय होना चाहिए, लेकिन अब तक बहुत अधिक तैयारी नहीं देखी गई है.
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि निर्देशों के बावजूद चीफ सेक्रेटरी की ओर से इतने गंभीर और जरूरी मुद्दे पर तमाम नालों की गाद निकालने की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. मंत्रालय की ओर से इस मामले में मुख्य सचिव को एक सप्ताह की समय सीमा के भीतर स्टेट्स उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए थे. बावजूद इसके अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है.
शहरी विकास मंत्री ने मुख्य सचिव से अब 6 जून शाम तक वांछित जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिसके बाद सभी संबंधित विभागों की मीटिंग बुलाने की बात कही है. इसके बाद सभी संबंधित विभागों को आगे के निर्देश दिए जा सकें. मॉनसून के चलते जिन विभागों और निकायों को दिल्ली के नालों से गाद निकालने का काम किया जाना है, उनमें सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, पीडब्लूडी, एमसीडी, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, डीडीए और दिल्ली छावनी बोर्ड प्रमुख रूप से शामिल हैं.
मंत्री भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में नौकरशाही के प्रमुख होने के नाते ऐसे अहम मामलों में सक्रिय रहना चाहिए. इस मामले पर स्टेट्स रिपोर्ट मांगे हुए 15 दिन बीत गए हैं, लेकिन आपने न तो स्टेट्स रिपोर्ट सबमिट की है और न ही अर्जेंट ऑफिस नोट पर कोई प्रतिक्रिया भेजी है. एक सीनियर आईएएस अधिकारी की ओर से इस तरह की उम्मीद नहीं होती है.
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