जींद: हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है. छठे चरण के तहत 25 मई को हरियाणा में 64.80 प्रतिशत मतदान हुआ. अब मतों की गिनती 4 जून को होगी. हरियाणा में ज्यादातर सीटों पर मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस से बीच माना जा रहा है. कई सीटें ऐसी हैं जहां कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है. इन्हीं में से एक है सोनीपत लोकसभा सीट. इस सीट पर बीजेपी की तरफ से मोहनलाल बड़ौली चुनावी मैदान में हैं. जबकि कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दिया है. इस दोनों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है.
जींद जिला निभाएगा किंग मेकर की भूमिका? सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में 2 जिलों की 9 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें जींद जिले की जुलाना, सफीदों और जींद विधानसभा सीट, जबकि सोनीपत जिले की गनौर, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना और बड़ौदा विधानसभा सीटें आती हैं. वैसे तो सोनीपत लोकसभा सीट पर जाटों का दबदबा है, लेकिन जींद की तीनों विधानसभा सीटें किंग मेकर की भूमिका में होती हैं. सोनीपत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी और बीजेपी उम्मीदवार मोहन लाल बड़ौली में से जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा. इसकी फैसला जींद जिला तय कर सकता है.
बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला! दरअसल सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली जींद जिले की तीनों विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला माना जा रहा है. यहां इनेलो और जेजेपी की उपस्थिति ना के बराबर है. जींद की एक विधानसभा सीट हिसार लोकसभा सीट के तहत आती है. जो उचाना है. इसके अलावा जिले की नरवाना विधानसभा सीट सिरसा लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है.
मतदान के बाद उम्मीदवारों ने करवाया सर्वे: हरियाणा में मतदान के बाद बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने स्तर पर सर्वे करवाया है, ताकि उन्हें अंदाजा हो सके कि कितनी वोट उन्हें मिल सकती हैं. इसी सर्वे के हिसाब से उम्मीदवार जीत के समीकरण तैयार कर रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों ने पोलिंग एजेंटों और स्पेशल व्यक्तियों की ड्यूटियां लगा कर मतदाताओं के रुझानों के आंकड़े एकत्रित किए हैं. बता दें कि सोनीपत लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत 63.44 प्रतिशत रहा है.
जींद की सफीदों विधानसभा सीट: सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली जींद की सफीदों विधानसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त मिलने की संभावना है. ये सीट गैर जाट बहुल विधानसभा मानी जाती है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार ब्राह्मण जाति से हैं. तो इस सीट के ब्राह्मण मतदाता जिसकी तरफ होंगे. जीत उसी की होनी तय है. फिलहाल इस सीट से जाट वोट बैंक बीजेपी से नाराज माना जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी सफीदों विधानसभा क्षेत्र के गंगोली गांव के रहने वाले हैं. लिहाजा उन्हें लोकल होने का फायदा मिल सकता है. बात साल 2019 के लोकसभा चुनाव की करें, तो इस सीट से बीजेपी को बढ़त मिली थी.
जींद विधानसभा क्षेत्र में कांटे का मुकाबला? जींद विधानसभा क्षेत्र में भी मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. ये सीट भी गैर जाट बाहुल्य है, लेकिन इस बार यहां के मतदाता दो धड़ों में बंटा नजर आया. यहां हवा ना किसी के खिलाफ थी, तो किसी के पक्ष में भी नहीं थी. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार ब्राह्मण होने के चलते जातीय समीकरण गड़बड़ा गए हैं. पिछले चुनाव में यहां ज्यादा वोट बीजेपी के पाले में गए थे. ये विधानसभा सीट फिलहाल बीजेपी के पास है. यहां से कृष्ण मिड्ढा बीजेपी विधायक हैं.
जुलाना विधानसभा सीट: जींद की जुलाना विधानसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त मिलने की संभावना है. जुलाना विधानसभा क्षेत्र जाट बहुल है. फिलहाल इस सीट पर बड़ा वोट बैंक जाट बीजेपी के खिलाफ है. इसलिए कांग्रेस उम्मीदवार को इसका फायदा दिखाई देता नजर आ रहा है. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में ये सीट जेजेपी के खाते में गई थी. अमरजीत ढांडा यहां से विधायक हैं. फिलहाल के समीकरणों में बीजेपी को उतना साथ नहीं मिल रहा. जितना कांग्रेस को मिलता दिखाई दे रहा है.