सतना। एमपी के कई गांव में आज भी बाल विवाह का चलन जारी है. गांवों में चोरी छुपे कुछ समाज आज भी बाल विवाह करते हैं. सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है.सतना के मैहर में शनिवार को कुछ ऐसा ही होने जा रहा था.लेकिन महिला बाल विकास विभाग की सक्रियता से दो बाल विवाह रोके गए. लंबी समझाइश के बाद पन्ना से आई बारात वापस लौट गई.दूल्हे को बगैर दुल्हन के ही लौटना पड़ा.(groom return home without bride)
गांव में हो रही थी शादी
मैहर के रामनगर थाना क्षेत्र के गैलहरी गांव में दो नाबालिग बच्चियों के हाथ पीले करने की तैयारी की जा रही थी. बारात भी आ चुकी थी और दोनों की एक ही परिवार में शादी की जा रही थी. जैसे ही इसकी सूचना महिला बाल विकास के अधिकारियों को लगी, महिला बाल विकास की लाडो टीम गांव में पहुंच गई और बाल विवाह को रुकवा दिया गया.
13 और 15 साल है उम्र
गैलहरी गांव में हो रही बाल विवाह की सूचना लगते ही रामनगर थाना पुलिस और महिला बाल विकास की टीम गांव पहुंची. जहां पाया की जिन लड़कियों की शादी हो रही है उनकी उम्र महज 13 और 15 साल है. दोनों बच्चियों एक ही परिवार से हैं और एक ही परिवार में हाथ पीले कर ससुराल जा रही थीं. बारात पन्ना जिले के ईसानगर से आई थी.
बाल विवाह रोका गया
महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक सुमन जायसवाल ने बताया की सूचना मिली थी की नाबालिग बच्चियों की शादी कराई जा रही है. सूचना मिलते ही महिला बाल विकास विभाग, तहसीलदार ललित धार्वे व थाना पुलिस मौके पर पहुंची. वहां बच्चियों के मां-बाप को समझाया गया की बाल विवाह करना कानूनन अपराध है. मां-बाप के समझ जाने के बाद बाल विवाह रोक दिया गया और इसके बाद बिना दुल्हन के दूल्हा लौट गया.