सतना: बीते दिन कटनी में पदस्थ एक लोको पायलट की हत्या की गई थी, जिसमें सतना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए मृतक जितेंद्र के मित्र धर्मेंद्र चौरसिया को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि पैसों की जरूरत पूरी करने के लिए धर्मेंद्र ने उसे घूमने जाने के बहाने किडनैप किया. जितेंद्र संपन्न परिवार से था, जिससे उसे फिरौती मिलने की उम्मीद थी. लेकिन जब धर्मेंद्र फिरौती वसूलने में कामयाब नहीं हो सका तो जितेंद्र को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी.
डॉक्टरी की डिग्री के लिए की थी किडनैपिंग
जांच में पता चला कि धर्मेन्द्र चौरसिया जीतेन्द्र का बचपन का मित्र था. धर्मेंद्र किर्गिस्तान से एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई कर डिग्री कन्फर्मेशन के लिए एफ.एम.जी. एग्जाम दे रहा था. किसी दलाल के माध्यम से उसे यह विश्वास दिलाया गया कि 50-60 लाख में डिग्री मिल जाएगी, जिसके लिए वह पैसे जुटाने की तरकीब खोजने लगा. इसके बाद उसने अपने साथी गुलाब सिंह यादव उम्र 19 वर्ष, पवन प्रजापति उम्र 21 वर्ष और अपने चचेरे भाई नीरज चौरसिया के साथ मिलकर जीतेन्द्र चौरसिया का अपहरण कर लिया. इसके बाद फिरौती के एक करोड़ रु मांगने की योजना बनाई.
घूमने के बहाने बुलाकर किया किडनैप
जितेंद्र सतना के राजेंद्र नगर में किराए के मकान में रहता था, जहां से घूमने के बहाने उसके दोस्त ने उसे बुलाया और एक ढाबे में बिठाकर उसे जमकर शराब पिलाई. मौका देखते ही उसकी शराब में नींद की दवा मिला दी, जिसेस वह मूर्छित हो गया. इसके बाद नागौद की ओर ले जाकर पैसे मिलने तक पवई के जंगल में रखने का प्लान बनाया. लेकिन तब तक जितेंद्र अर्धमूर्छित अवस्था में आ चुका था, जिससे उसे पता चल गया कि उसका दोस्त भी इस किडनैपिंग में शामिल हैं. इसके बाद धर्मेंद्र ने उसे गोली मारकर हत्या कर दी.
पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार
मृतक जितेंद्र चौरसिया के परिजन ने 21 दिसंबर को सतना कोतवाली थाना में सूचना दी कि वह घूमने निकला था, लेकिन अभी तक वापस नहीं आया है और उसका फोन भी बंद बता रहा है. पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की, जिसमें पाया कि जितेंद्र का मोबाइल फोन 21 दिसंबर की रात कटनी रेलवे स्टेशन में चालू था. वहीं, मृतक के परिजनों ने इसकी शिकायत कटनी के कोतवाली थाने में भी कर दी थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए कटनी और सतना पुलिस की एक टीम गठित की गई.
इधर धर्मेंद्र भी पुलिस के साथ अपने दोस्त को ढूंढने का नाटक करता रहा, जिसके बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर धर्मेंद्र को ही हिरासत में ले लिया और सख्ती से पूछताछ की. जिसके निशानदेही पर पवई घाटी से जितेंद्र का शव बरामद किया गया. इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी धर्मेन्द्र चौरसिया उम्र 35 वर्ष, गुलाब सिंह यादव उम्र 19 वर्ष और पवन प्रजापति उम्र 21 वर्ष तीनों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी छतरपुर जिले के निवासी है. वहीं 1 आरोपी नीरज चौरसिया फरार है.
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आरोपियों के पास से कट्टा और कारतूस जब्त
इस मामले की जानकारी देते हुए सिटी कोतवाली थाना के टीआई रावेंद्र द्विवेदी ने बताया, "आरोपियों के पास से कट्टा, कारतूस, वारदात में उपयोग की जाने वाली बोलेरो गाड़ी, मृतक जितेंद्र का मोबाइल फोन, सहित अन्य शासकीय दस्तावेज जब्त किए हैं. पुलिस ने शनिवार को तीनों आरोपियों को न्यायालय पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा जेल भेज दिया गया है."