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सतना के मझगवां सिविल अस्पताल की शर्मनाक तस्वीर, शव ले जाने के लिए नहीं मिला शव वाहन - Satna Dead Body Carried On Auto - SATNA DEAD BODY CARRIED ON AUTO

मध्य प्रदेश सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं. सतना जिले के मझगवां सिविल अस्पताल में महिला की मौत के बाद शव को गांव ले जाने शव वाहन नहीं मिला.

SATNA DEAD BODY CARRIED ON AUTO
शव वाहन नहीं मिलने पर ऑटो में ले जाना पड़ा शव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 4:15 PM IST

सतना। मझगवां में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. यहां एक महिला की मौत के बाद उसे शव वाहन या एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई. आखिरकार परिजनों को मृतका का शव ऑटो में रखकर करीब 20 किलोमीटर दूर गांव ले जाना पड़ा. मामला मझगवां सिविल अस्पताल का है जहां एक महिला पेटदर्द के उपचार के लिए पहुंची थी लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल (ETV Bharat)

स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल

एमपी में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की जमीनी हकीकत सरकारी अस्पतालों में आए दिन देखी जा सकती है. एक ऐसा ही मामला स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सतना जिले के मझगवां सिविल अस्पताल में सामने आया. यहां मझगवां तहसील के झरी ग्राम निवासी सविता मावशी गुरुवार की सुबह पेट दर्द की वजह से सिविल अस्पताल में भर्ती की गई थी, लेकिन कुछ ही घंटे में उसकी मौत अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई. परिजनों ने ठीक से इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है.

नहीं मिला शव वाहन

महिला की मौत के बाद परिजन शव ले जाने के लिए शव वाहन या एंबुलेंस का इंतजार करते रहे लेकिन मृतिका का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल सकी. उसके बाद मजबूर परिजनों को मृतिका के शव को ऑटो में रखकर अपने घर ले जाना पड़ा. बता दें कि 28 साल की सविता मावशी ने करीब 15 दिन पहले इसी अस्पताल में नवजात शिशु को जन्म दिया था. इसके बाद वह स्वस्थ होकर अपने घर जा चुकी थी.घर जाने के बाद अचानक उसके पेट में दर्द बना रहता था, गुरुवार को जब पेट में असहनीय दर्द हुआ तो उसके ससुर और उसके पिता सविता को लेकर मझगवा सिविल अस्पताल पहुंचे थे, जहां उपचार के दौरान कुछ ही घंटे में उसकी मौत हो गई.

ये भी पढ़ें:

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ऑटो में रखकर ले गए शव

महिला की मौत के बाद परिजनों ने जब अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और स्टाफ से एंबुलेंस की मदद मांगी तो उसे सुबह से लेकर दोपहर तक यह कहकर इंतजार कराया गया कि एंबुलेंस आ रही है लेकिन दोपहर तक जब परिजनों को शव वाहन या एंबुलेंस नहीं मिली. ऐसे में उन्हें मजबूरन ऑटो में मृतका का शव रखकर अपने घर ले जाना पड़ा. स्थानीय समाजसेवी अवध बिहारी ने बताया कि उन्होंने भी अस्पताल प्रबंधन और पुलिस को शव वाहन की व्यवस्था करने के लिए बोला था.

सतना। मझगवां में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. यहां एक महिला की मौत के बाद उसे शव वाहन या एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई. आखिरकार परिजनों को मृतका का शव ऑटो में रखकर करीब 20 किलोमीटर दूर गांव ले जाना पड़ा. मामला मझगवां सिविल अस्पताल का है जहां एक महिला पेटदर्द के उपचार के लिए पहुंची थी लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल (ETV Bharat)

स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल

एमपी में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की जमीनी हकीकत सरकारी अस्पतालों में आए दिन देखी जा सकती है. एक ऐसा ही मामला स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सतना जिले के मझगवां सिविल अस्पताल में सामने आया. यहां मझगवां तहसील के झरी ग्राम निवासी सविता मावशी गुरुवार की सुबह पेट दर्द की वजह से सिविल अस्पताल में भर्ती की गई थी, लेकिन कुछ ही घंटे में उसकी मौत अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई. परिजनों ने ठीक से इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है.

नहीं मिला शव वाहन

महिला की मौत के बाद परिजन शव ले जाने के लिए शव वाहन या एंबुलेंस का इंतजार करते रहे लेकिन मृतिका का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल सकी. उसके बाद मजबूर परिजनों को मृतिका के शव को ऑटो में रखकर अपने घर ले जाना पड़ा. बता दें कि 28 साल की सविता मावशी ने करीब 15 दिन पहले इसी अस्पताल में नवजात शिशु को जन्म दिया था. इसके बाद वह स्वस्थ होकर अपने घर जा चुकी थी.घर जाने के बाद अचानक उसके पेट में दर्द बना रहता था, गुरुवार को जब पेट में असहनीय दर्द हुआ तो उसके ससुर और उसके पिता सविता को लेकर मझगवा सिविल अस्पताल पहुंचे थे, जहां उपचार के दौरान कुछ ही घंटे में उसकी मौत हो गई.

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ऑटो में रखकर ले गए शव

महिला की मौत के बाद परिजनों ने जब अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और स्टाफ से एंबुलेंस की मदद मांगी तो उसे सुबह से लेकर दोपहर तक यह कहकर इंतजार कराया गया कि एंबुलेंस आ रही है लेकिन दोपहर तक जब परिजनों को शव वाहन या एंबुलेंस नहीं मिली. ऐसे में उन्हें मजबूरन ऑटो में मृतका का शव रखकर अपने घर ले जाना पड़ा. स्थानीय समाजसेवी अवध बिहारी ने बताया कि उन्होंने भी अस्पताल प्रबंधन और पुलिस को शव वाहन की व्यवस्था करने के लिए बोला था.

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