जींद: जाट धर्मशाला में शुक्रवार को आयोजित सरपंच एसोशिएशन की राज्य स्तरीय बैठक में बीजेपी सरकार को सात जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया गया है. साथ ही पूर्व पंचायत मंत्री देवेद्र बबली का चुनाव में विरोध करने का निर्णय लिया गया है. सरपंचों का कहना है कि देवेंद्र बबली चाहे किसी भी पार्टी से लड़ें या निर्दलीय चुनाव लड़ें, सरपंच एसोशिएशन उनके खिलाफ प्रचार करेगा.
सरपंच एसोशिएशन कांग्रेस के नेताओ से मिलेगा ओर उनकी मांगों को कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग करेगा. जिसके बाद सात जुलाई को सरपंचों की प्रदेशस्तरीय पंचायत बुलाकर कोई बड़ा फैसला लिया जायेगा. शुक्रवार को जींद में आयोजित बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान सुधीर बुआना ने की. एसोशिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर समैण भी मौजूद रहे.
लगभग तीन घंटे चली बैठक में पूर्व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली और भाजपा सरकार का विरोध करने का फैसला लिया गया. सरपंच नेताओं का कहना था कि भाजपा सरकार ने पंचायतों के अधिकार छीन कर उन्हें पंगु बना दिया. लोकतंत्र की छोटी ईकाई का गला घोंट दिया गया. लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ सरपंचो ने प्रचार किया, जिसके चलते भाजपा को पांच सीटें गंवानी पड़ी. अब विधानसभा चुनाव से पहले सभी सरपंचों को एकजुट किया जाएगा. उसके बाद ठोस निर्णय लिया जाएगा. 7 जुलाई से पहले कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात करेंगे.
सरपंचों ने कहा कि अगर भाजपा सरकार उनके साथ बातचीत करती है तो वो बातचीत करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि पंचायतों का अधिकार छीनने वाला पूर्व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली है. जिसका विरोध चुनाव में सरंपच करेंगे. वो चाहे निर्दलिय हो या किसी पार्टी से. उन्होंने कहा कि देवेंद्र बबली ने हरियाणा की पंचायतों को अपमानित करने का काम किया है. पंचायतों के लिए तरह-तरह के शब्दों का प्रयोग किया है. जिससे पूरे हरियाणा की पंचायतों के स्वभिमान को ठेस पहुंची. ऐसे अहंकारी व्यक्ति को जो भी पार्टी विधानसभा चुनाव में टिकट देने का काम करेगी, उस पार्टी का साथ हरियाणा सरपंच एसोसिएशन का कोई भी साथी नहीं देगा.