मंडी: बीते 2 दिन पहले 25 सितंबर को मंडी जिले के सरकाघाट में एक दंपति की कुएं में डूबकर दर्दनाक मौत हो गई. ग्राम पंचायत रखोह के कलोट गांव के जिस कुएं में पति-पत्नी की मौत हुई थी, उस कुएं को अब हमेशा-हमेशा के लिए दफन कर दिया जाएगा. उपमंडल प्रशासन ने कुएं को मिट्टी डालकर हमेशा के लिए बंद करने का फरमान जारी किया है. फिलहाल अभी इस कुएं को सील किया गया है और लोगों को हिदायत दी गई है कि वे उसके पास न जाएं.
एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा ने बताया, "तहसीलदार और लोक निर्माण विभाग के साथ मिलकर इस कुएं में मिट्टी डालकर इसे हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा. कुएं के धरातल में ऑक्सीजन की कोई मौजूदगी नहीं है और प्रारंभिक जांच में इसका स्पष्ट पता चला है. इसलिए इसके पास जाकर पानी भरना खतरे से खाली नहीं रह गया है. भविष्य में कोई और हादसा न हो, इसके लिए कुएं को हमेशा के लिए बंद करने का फैसला लिया गया है."
कुएं में डूबने से मौत का शिकार हुआ 45 वर्षीय संजीव कुमार अपनी ग्राम पंचायत के कलोट-2 वार्ड का सदस्य था. उसकी धर्मपत्नी नीलम कुमारी आशा वर्कर थी. संजीव कुएं में पानी भरने गया था जब कुएं में डूब कर उसकी मौत हो गई. वहीं, जब उसकी पत्नी उसे बचाने गई तो उसकी भी कुएं में डूबकर मौत हो गई. पति-पत्नी अपने पीछे एक 21 वर्षीय बेटे और बूढ़ी मां को छोड़ गए हैं.
कुएं के ऊपर से बाल्टी डालकर पानी निकालने की योजना बना रहा था संजीव
ग्राम पंचायत रखोह की प्रधान सुनीता देवी ने बताया, "संजीव को इस बात का पता था कि कुएं के धरातल पर ऑक्सीजन की कमी है. इस बात को लेकर संजीव ने 3 लाख की राशि से कुएं के पास कुछ काम भी करवाया था और भविष्य के लिए कुएं के ऊपर से बाल्टी डालकर पानी निकालने की योजना बना रहा था, लेकिन उससे पहले संजीव खुद ही हादसे का शिकार हो गया. संजीव ने बताया था कि कुएं के पास सुबह साढ़े 7 बजे से पहले और शाम को 5 से 7 बजे के बीच जाकर ही पानी भरना पड़ता है. इसके अलावा जब गर्मी ज्यादा होती है तो वहां पर ऑक्सीजन पूरी तरह से खत्म हो जाती है."
दोनों पति-पत्नी को आता था तैरना
प्रधान सुनीता देवी ने कहा कि इस बात को लेकर प्रारंभिक तौर पर जो जांच की गई है, उसमें भी यही बात सामने आई है कि कुएं के धरातल पर ऑक्सीजन की मौजूदगी नहीं है. दोनों के डूबने और मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी ही मानी जा रही है. हालांकि इस बात का भी पता चला है कि दोनों दंपति को तैरना भी आता था.