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कभी दो वक्त की रोटी भी नहीं मिलती थी, आज लिट्टी चोखा बेचकर बनी आत्मनिर्भर, जानिए मालती देवी की प्रेरणादायक कहानी - SARAS FOOD FESTIVAL IN DELHI

सरस फूड फेस्टिवल में देश के विभिन्न राज्यों से आई लखपति दीदियां अपने-अपने राज्यों के पारंपरिक व्यंजन बेच रही है. आमदनी भी कर रही हैं.

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जानिए मालती देवी की प्रेरणादायक कहानी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

नई दिल्ली: भारत में विविध संस्कृतियों, धर्मों, और जातियों का संगम देखने को मिलता है. यहां हर राज्य की अपनी विशेषता है, और हर क्षेत्र का भोजन एक कहानी सुनाता है. उन संस्कृतियों में एक अनोखा जायका है बिहार का लिट्टी चोखा. यह एक लोकप्रिय व्यंजन है, जिसे सत्तू से भरी लिट्टी और मसालेदार आलू-बैगन के चोखे के संग परोसा जाता है. जब इसे देशी घी के साथ गरमा-गरम परोसा जाता है, तो इसका स्वाद अनोखा हो जाता है, जो हर किसी के मुंह में पानी ला देता है.

दिल्ली के कनॉट प्लेस में आयोजित सरस फूड फेस्टिवल में इस खास व्यंजन की एक झलक देखने को मिल रही है. यहां बिहार के फूड स्टॉल पर दिल्लीवालों की लंबी कतारें हैं, जो इस व्यंजन के प्रति उनकी दीवानगी को दर्शाती हैं. इस स्टॉल पर गया जिले की मालती देवी अपने हाथों से लिट्टी चोखा बना रही हैं, जिसे दिल्ली की जनता बड़े चाव से खा रही है.

सरस फूड फेस्टिवल में देश के विभिन्न राज्यों से आई लखपति दीदियां (ETV Bharat)

मालती देवी की प्रेरणादायक कहानी: मालती देवी एक लखपति दीदी हैं, जिन्होंने स्वयं सहायता समूह (SHG) में जुड़ने के बाद अपने जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं. उनके पति गांव में दीवार पुताई का काम करते हैं, जबकि मालती अपने दो बच्चों की पढ़ाई और परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी संभालती हैं. उन्होंने 'ETV भारत' के साथ बातचीत में बताया कि वह गरीबी से जूझ रही थीं, लेकिन SHG में शामिल होने के बाद उनकी जिंदगी में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है. अब वह अपने बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ा रही हैं, जबकि पहले उनके परिवार को दो वक्त की रोटी भी मिलाना मुश्किल था.

यह भी पढ़ें- कभी पत्तल बना कर बेचती थीं, अब दिल्लीवासियों को चखा रही झारखंड के खास व्यंजन

सरस फूड फेस्टिवल का प्रभाव: दिल्ली में तीसरी बार आयोजित सरस फूड फेस्टिवल में मालती देवी को दूसरी बार अपने फूड स्टॉल पर आने का अवसर मिला है. पहले मेले में अच्छी बिक्री होने के बाद, उन्होंने इस बार और भी अधिक तैयारी की है. इस बार 1 दिसंबर से शुरू हुए इस फूड फेस्टिवल में, 2 दिसंबर से ही उनके फूड स्टॉल पर भीड़ ने उनके विश्वास को बढ़ा दिया है. मालती का मानना है कि इस बार भी चीजें अच्छी रहेंगी और वह संतोषजनक राशि के साथ अपने घर लौटेंगी.

यह भी पढ़ें- भारत की नारी को अबला नहीं रहने देंगे, सबल बनाएंगे; सरस फूड फेस्टिवल में बोले शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली: भारत में विविध संस्कृतियों, धर्मों, और जातियों का संगम देखने को मिलता है. यहां हर राज्य की अपनी विशेषता है, और हर क्षेत्र का भोजन एक कहानी सुनाता है. उन संस्कृतियों में एक अनोखा जायका है बिहार का लिट्टी चोखा. यह एक लोकप्रिय व्यंजन है, जिसे सत्तू से भरी लिट्टी और मसालेदार आलू-बैगन के चोखे के संग परोसा जाता है. जब इसे देशी घी के साथ गरमा-गरम परोसा जाता है, तो इसका स्वाद अनोखा हो जाता है, जो हर किसी के मुंह में पानी ला देता है.

दिल्ली के कनॉट प्लेस में आयोजित सरस फूड फेस्टिवल में इस खास व्यंजन की एक झलक देखने को मिल रही है. यहां बिहार के फूड स्टॉल पर दिल्लीवालों की लंबी कतारें हैं, जो इस व्यंजन के प्रति उनकी दीवानगी को दर्शाती हैं. इस स्टॉल पर गया जिले की मालती देवी अपने हाथों से लिट्टी चोखा बना रही हैं, जिसे दिल्ली की जनता बड़े चाव से खा रही है.

सरस फूड फेस्टिवल में देश के विभिन्न राज्यों से आई लखपति दीदियां (ETV Bharat)

मालती देवी की प्रेरणादायक कहानी: मालती देवी एक लखपति दीदी हैं, जिन्होंने स्वयं सहायता समूह (SHG) में जुड़ने के बाद अपने जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं. उनके पति गांव में दीवार पुताई का काम करते हैं, जबकि मालती अपने दो बच्चों की पढ़ाई और परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी संभालती हैं. उन्होंने 'ETV भारत' के साथ बातचीत में बताया कि वह गरीबी से जूझ रही थीं, लेकिन SHG में शामिल होने के बाद उनकी जिंदगी में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है. अब वह अपने बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ा रही हैं, जबकि पहले उनके परिवार को दो वक्त की रोटी भी मिलाना मुश्किल था.

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सरस फूड फेस्टिवल का प्रभाव: दिल्ली में तीसरी बार आयोजित सरस फूड फेस्टिवल में मालती देवी को दूसरी बार अपने फूड स्टॉल पर आने का अवसर मिला है. पहले मेले में अच्छी बिक्री होने के बाद, उन्होंने इस बार और भी अधिक तैयारी की है. इस बार 1 दिसंबर से शुरू हुए इस फूड फेस्टिवल में, 2 दिसंबर से ही उनके फूड स्टॉल पर भीड़ ने उनके विश्वास को बढ़ा दिया है. मालती का मानना है कि इस बार भी चीजें अच्छी रहेंगी और वह संतोषजनक राशि के साथ अपने घर लौटेंगी.

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Last Updated : 3 hours ago
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